आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2
मार्च, 5 2025
आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में हुई है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय में पहली बार बनाया गया पद है। इस नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने स्वीकृति दी है। इससे पहले, प्रधान सचिव-1 का पद प्रमोद कुमार मिश्रा संभाल रहे हैं, जिन्होंने 2019 से इस भूमिका का निर्वहन किया है।
शक्तिकांत दास की यह भूमिका प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के साथ सह-अस्तित्व में होगी, या जब तक कि कुछ अन्य आदेश न मिलें। 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी दास के पास चार दशकों से अधिक का शासन का अनुभव है, जिसमें विशेष रूप से वित्तीय और मौद्रिक नीति शामिल है।
उन्होंने वर्ष 2018 से 2023 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने आर्थिक सुधारों जैसे कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नोटबंदी के संकट का प्रबंधन और COVID-19 महामारी के दौरान भारत की वित्तीय प्रतिक्रिया उनका अन्य प्रमुख कार्य था।
आरबीआई के कार्यकाल के दौरान, दास ने वित्तीय स्थिरता को मजबूत किया, गैर-बैंकिंग क्षेत्र में तरलता चुनौतियों का समाधान किया और आईएमएफ, जी20 और ब्रिक्स जैसे वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया। पहले उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव और भारत के जी20 शेरपा के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।
ओडिशा में जन्मे और सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली एवं यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम से शिक्षा प्राप्त करने वाले दास की यह नियुक्ति, आर्थिक नीतियों के समन्वय में आरबीआई और सरकार के रणनीतियों को संगठित करने में उनके अनुभव का लाभ उठाने के रूप में देखी जा रही है।
Hardik Shah
मार्च 7, 2025 AT 04:09ये सब नियुक्तियाँ तो बस एक बड़ा नाटक है जिसमें कोई असली बदलाव नहीं होता। शक्तिकांत दास तो बस एक और बॉस बन गए, जिनका कोई फैसला नहीं बदलेगा।
manisha karlupia
मार्च 7, 2025 AT 15:38इस नियुक्ति को देखकर लगता है कि सरकार अब वित्तीय नीति और प्रशासन के बीच की खाई को बंद करना चाहती है। शायद यही असली बदलाव है।
vikram singh
मार्च 9, 2025 AT 11:46अरे भाई! ये तो बस एक गवर्नर को प्रधानमंत्री के दरबार में बुला लिया गया, जैसे कोई चमकीला बर्तन ले आए जिसमें भूखे लोगों को खाना नहीं मिलता। इस नियुक्ति का असली मतलब? अंदर का बाहरी चमक बढ़ाना।
balamurugan kcetmca
मार्च 10, 2025 AT 10:18शक्तिकांत दास का अनुभव वाकई अद्भुत है - उन्होंने नोटबंदी के दौरान भी शांति बनाए रखी, GST के लागू होने के बाद भी बैंकिंग सिस्टम को टिकाए रखा, और COVID के दौरान भी लक्ष्य नहीं छोड़ा। अब जब वो प्रधानमंत्री के पास हैं, तो ये नियुक्ति बस एक आर्थिक बैंकर की नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आर्थिक संरचना के निर्माण का संकेत है। वित्तीय नीतियों को अब राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता, और ये नियुक्ति उसी विचार की अभिव्यक्ति है।
Arpit Jain
मार्च 10, 2025 AT 21:14प्रधान सचिव-2? ये नया पद किसके लिए बनाया गया? क्या ये नया बॉस बनाने का नया तरीका है? कोई नहीं जानता कि ये पद क्या करता है।
Karan Raval
मार्च 12, 2025 AT 18:04अगर ये नियुक्ति वित्तीय नीति को और अधिक स्थिर बनाने के लिए है तो ये अच्छी बात है। शक्तिकांत दास ने पहले भी अच्छा काम किया है और अब वो अपने अनुभव से बहुत कुछ दे सकते हैं।
divya m.s
मार्च 13, 2025 AT 11:35क्या आप जानते हैं ये सब एक योजना है? शक्तिकांत दास को इसलिए नियुक्त किया गया क्योंकि वो अपने बाद भी एक नए राष्ट्रीय बैंक की नींव रखने वाले हैं। ये एक चाल है।
PRATAP SINGH
मार्च 15, 2025 AT 11:28शक्तिकांत दास एक बहुत अच्छे अधिकारी हैं, लेकिन इस नियुक्ति को आर्थिक विशेषज्ञता के बजाय राजनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। ये एक आदर्श नहीं, बल्कि एक प्रचार है।
Akash Kumar
मार्च 16, 2025 AT 09:43इस नियुक्ति के माध्यम से भारत दर्शाना चाहता है कि वह अपने वित्तीय नियमन को राष्ट्रीय प्रशासन के साथ समन्वित कर रहा है। यह एक ऐतिहासिक और रणनीतिक कदम है।
Shankar V
मार्च 17, 2025 AT 08:06ये सब एक धोखा है। शक्तिकांत दास को नियुक्त किया गया है क्योंकि वो जानते हैं कि कैसे लोगों को बहकाया जाता है। वो आरबीआई के गवर्नर थे, लेकिन अब वो एक जासूस बन गए हैं।
Aashish Goel
मार्च 17, 2025 AT 15:15अरे यार, शक्तिकांत दास तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन ये पद तो बस एक नया टाइटल है... क्या ये उनके लिए एक बड़ा ऑफिस भी बनाया जा रहा है? बस एक बड़ा टेबल और एक बड़ा कुर्सी? ये तो बस बहाव है।
leo rotthier
मार्च 18, 2025 AT 02:54हमारे देश के लिए ये बहुत बड़ी बात है। एक ऐसे आदमी को जिसने देश की आर्थिक रक्षा की वो अब प्रधानमंत्री के साथ बैठकर देश का भविष्य बनाएगा। ये देश की शक्ति है।
Karan Kundra
मार्च 18, 2025 AT 09:54शक्तिकांत दास के साथ ये नियुक्ति एक बहुत बड़ा अवसर है। उनकी वित्तीय बुद्धिमत्ता और शांति का तरीका देश के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
Vinay Vadgama
मार्च 19, 2025 AT 23:10यह नियुक्ति भारत के आर्थिक प्रबंधन के लिए एक नया अध्याय है। शक्तिकांत दास के विशेषज्ञता और निष्पक्षता के आधार पर, यह नियुक्ति भविष्य के लिए एक मजबूत आधार है।
Pushkar Goswamy
मार्च 20, 2025 AT 15:16ये तो बस एक बड़ा धोखा है। शक्तिकांत दास को नियुक्त किया गया क्योंकि वो लोगों को भारत के बारे में भावुक बना देते हैं। वो तो बस एक चेहरा हैं।
Abhinav Dang
मार्च 20, 2025 AT 15:58इस नियुक्ति का मतलब है कि आरबीआई और सरकार के बीच डिजिटल सिंक्रोनाइजेशन शुरू हो रहा है। अब वित्तीय नीतियाँ एक डेटा-ड्रिवन एक्शन प्लान में बदल रही हैं। ये नए दौर की शुरुआत है।
krishna poudel
मार्च 20, 2025 AT 18:33ये सब तो बस एक नया टाइटल है, जैसे कोई अपने नाम के बाद डॉ. लगा दे। शक्तिकांत दास तो बस एक और बॉस हैं, जिन्हें अब बस एक नया बैंगलो और एक नया नाम दे दिया गया।
Anila Kathi
मार्च 22, 2025 AT 13:06ये नियुक्ति बहुत अच्छी है 😊 शक्तिकांत दास तो बहुत अच्छे हैं, और अब वो सीधे PM के साथ काम करेंगे। ये तो बहुत बड़ी बात है 👍
vasanth kumar
मार्च 23, 2025 AT 02:54शक्तिकांत दास की नियुक्ति एक शांत और सोची समझी चाल है। बहुत से लोग इसे राजनीति समझते हैं, लेकिन ये तो एक नीतिगत अनुकूलन है।
Hardik Shah
मार्च 23, 2025 AT 08:26अब ये सब बस नाम का खेल है। असली बदलाव तो नहीं होगा।