दिल्ली एयरपोर्ट: T2 और T3 के बीच नया सबवे, अब सिर्फ 70 मीटर की दूरी
जून, 18 2025
दिल्ली एयरपोर्ट पर बड़ा बदलाव: टर्मिनल 2 और 3 अब बस कुछ कदम दूर
अगर आप दिल्ली एयरपोर्ट से अक्सर यात्रा करते हैं, तो T2 से T3 तक जाने की भागदौड़ और लंबी दूरी वाली वॉक आपको अक्सर परेशान करती होगी। फिलहाल दोनों टर्मिनल्स के बीच की दूरी लगभग 500 मीटर है, जिसका मतलब है कम से कम 15-20 मिनट पैदल चलना या फिर लंबी शटल बस की कतार में लगना। अब इस मुश्किल को हमेशा के लिए अलविदा कहने का वक्त आ गया है। DMRC यानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यहां दिल्ली एयरपोर्ट के इतिहास का बड़ा बदलाव लेकर आई है।
DMRC ने इस महीने T2 और T3 को जोड़ने वाले नए अंडरग्राउंड सबवे का निर्माण शुरू कर दिया है। जब यह सबवे बनकर तैयार हो जाएगा, तो दोनों टर्मिनल्स के बीच की दूरी सिर्फ 70 मीटर रह जाएगी। यानी इतना कि आप कुछ ही मिनट में आराम से पहुंच सकते हैं, चाहे आपके पास कितना भी सामान हो। खास बात – इस सबवे में दोनों तरफ एस्केलेटर भी लगाए जाएंगे, ताकि बुजुर्ग या लगेज के साथ ट्रैवल करने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो।
एयरपोर्ट एक्सपीरियंस में क्रांतिकारी सुधार
यह प्रोजेक्ट DMRC और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के बीच हुई समझौता (MoU) का नतीजा है, जो मई 2023 में साइन हुआ था। दोनों कंपनियां बहुत करीबी सहयोग से इस पर काम कर रही हैं, ताकि बढ़ती एयर ट्रैफिक और यात्रियों की सुविधा दोनों का अच्छे से ध्यान रखा जा सके। अनुमान है कि करीब दो साल में यह सबवे पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
अभी तक अगर कोई यात्री T2 पर घरेलू उड़ान से उतरकर T3 से इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ना चाहता है, तो उसके पास ज्यादा ऑप्शन नहीं होते – या पैदल चले, या शटल का इंतजार करें, या फिर टैक्सी बुक करें। खास तौर से लेट-लतीफ उड़ानों में देर होने पर तो यह झंझट बढ़ जाता है। नए सबवे से अब सीधा और तेज़ रास्ता मिलेगा, जिससे कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ना भी आसान हो जाएगा।
- सबवे दोनों टर्मिनल्स के बीच घूमने वाले यात्रियों के लिए कम दूरी और तेज ट्रांजिट का विकल्प देगा।
- यात्रियों को अब भारी बैगेज लेकर लंबी वॉक या बस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- नया सबवे सीधे T3 के एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से जुड़ जाएगा, जिससे मेट्रो पकड़ना पहले से कहीं ज्यादा सहज होगा।
- आने वाले वक्त में इस तरह की इंफ्रा सुविधाएं दिल्ली एयरपोर्ट के इंटरनेशनल मानकों को और ऊंचा कर देंगी।
DMRC और DIAL दोनों इस पर भरोसा करते हैं कि एयरपोर्ट पर हर दिन करीब दो लाख यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए ये बदलाव बहुत जरूरी है। सबवे का निर्माण शुरू होने के साथ ही हर हफ्ते इसकी प्रगति पर नजर होगी और यात्रियों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए इसमें जरुरी सुधार भी किए जाएंगे।
अब जब अगली बार दिल्ली एयरपोर्ट जाएं, तो तैयार रहें एक और बड़ी सहूलियत के लिए—जहां T2 और T3 के बीच की भागदौड़ खत्म होने वाली है।
pranya arora
जून 19, 2025 AT 21:05इस बदलाव को देखकर लगता है कि अंततः हम भी कुछ ऐसा कर पाए हैं जो यात्री के जीवन को आसान बनाए। कभी-कभी छोटी-छोटी चीजें ही सबसे बड़ा बदलाव लाती हैं। अब बैग लेकर भागने की जगह बस धीरे-धीरे चलकर दूसरा टर्मिनल पहुंच जाना। ये तो असली सुविधा है।
Arya k rajan
जून 20, 2025 AT 11:30मैंने इस साल दिल्ली एयरपोर्ट से दो बार उड़ान भरी थी, और हर बार T2 से T3 तक जाने के लिए 20 मिनट खो दिए। अब ये 70 मीटर का सबवे तो जीवन बदल देगा। बुजुर्ग और बच्चों वाले परिवार बहुत खुश होंगे। ये प्रोजेक्ट असली इंसानियत का नमूना है।
Sree A
जून 21, 2025 AT 13:28इंफ्रास्ट्रक्चर ऑप्टिमाइजेशन के लिए ये एक वैल्यू एडेड ट्रांजिट हब है। लैंडसाइड कनेक्टिविटी को स्ट्रीमलाइन करने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रांजिट मॉडल का ये एक बेस्ट प्रैक्टिस है। डीएमआरसी का ये डिज़ाइन एयरपोर्ट टर्मिनल डिज़ाइन गाइडलाइंस के अनुरूप है।
DEVANSH PRATAP SINGH
जून 22, 2025 AT 04:13सच कहूं तो मैंने भी इस बारे में नहीं सोचा था, लेकिन अब जब ये बात सामने आई है, तो लगता है कि ये बहुत बड़ी बात है। जब तक ये बन जाए, तब तक शटल बस का इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन फिर भी ये एक बड़ा कदम है।
SUNIL PATEL
जून 22, 2025 AT 21:33ये बस एक नया सबवे है? इतनी बड़ी बात क्यों बना रहे हो? दिल्ली में हर चीज़ बनती है, लेकिन सड़कें अभी भी गड़बड़ हैं। इससे पहले रोड रिपेयर करो, फिर एयरपोर्ट के बारे में बात करो।
Avdhoot Penkar
जून 23, 2025 AT 23:5270 मीटर? ये तो बस एक कमरे की लंबाई है! 😂 अब तो बस बाहर जाकर एक बार देख लेना है, बाकी सब बस बातें हैं।
Akshay Patel
जून 25, 2025 AT 12:32ये बदलाव तो बहुत अच्छा है, लेकिन इससे पहले भारत के बाकी शहरों को देखो। कहीं भी सड़क नहीं, पानी नहीं, बिजली नहीं। ये सब क्यों बन रहा है? क्योंकि ये दिल्ली है, जहां सिर्फ विदेशी देखने आते हैं। हमारी गरीबी को नजरअंदाज करके बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं।
Raveena Elizabeth Ravindran
जून 25, 2025 AT 22:0870 मीटर? ये तो मैंने भी सुना था... या शायद नहीं? भले ही बन जाए, लेकिन क्या ये वाकई काम करेगा? मैंने तो दिल्ली मेट्रो में भी बहुत लंबा इंतजार किया है।
Krishnan Kannan
जून 27, 2025 AT 14:47अगर ये सबवे बन जाए तो बहुत बड़ी बात है। लेकिन एक चीज़ याद रखो - इसके बाद भी टर्मिनल्स के अंदर का नेविगेशन अच्छा होना चाहिए। कई बार लोग भटक जाते हैं। अगर इंडिकेशन सिस्टम अच्छा नहीं हुआ, तो ये सबवे भी बेकार हो जाएगा।
Deepak Singh
जून 28, 2025 AT 17:2070 मीटर? ये तो बहुत कम है... ये तो बस एक बड़े रूम की लंबाई है! ये बात बिल्कुल गलत है... दरअसल, ये सबवे का रूट लगभग 120 मीटर होगा, और ये दूरी दोनों टर्मिनल्स के एंट्री प्वाइंट्स के बीच है, न कि एस्केलेटर के बीच... और फिर भी, ये एक बहुत अच्छा फैसला है।
pranya arora
जून 30, 2025 AT 00:31ये जो बात आपने कही, वो बिल्कुल सही है। मैंने भी सोचा था कि अगर ये सबवे बन जाएगा, तो लोग इसके अंदर भटक जाएंगे। अगर इंडिकेशन सिस्टम अच्छा नहीं हुआ, तो ये बहुत बड़ी गलती होगी। अगर ये लोगों को समझने में आसान हो जाए, तो ये प्रोजेक्ट वाकई असली सुविधा बन जाएगा।