टाटा कैपिटल का ₹15,511 करोड़ आईपीओ: 6 अक्टूबर से बिज़नेस में नई लहर

जब टाटा कैपिटल लिमिटेड, टाटा ग्रुप ने अपना ₹15,511 करोड़ का आईपीओ 6 अक्टूबर 2025 को खोला, बाजार में त्वरित रुचि देखी गई। यह ऑफर 8 अक्टूबर तक खुला रहेगा और शेयर 13 अक्टूबर को सूचीबद्ध होंगे। शेयरों की कीमत ₹310‑₹326 के बैंड में तय की गई, और न्यूनतम निवेश ₹14,260 तय किया गया। इस कदम से कंपनी को इक्विटी बाजार से धन जुटाने और ब्रांड दृश्यता बढ़ाने की उम्मीद है।
पृष्ठभूमि: टाटा कैपिटल का विकास मार्ग
टाटा कैपिटल, भारत के तीसरे सबसे बड़े विविधीकृत एनबीएफसी, 2025 तक लगभग ₹2.33 लाख करोड़ का कुल लोन पोर्टफोलियो रखता है। FY23‑FY25 में लोन बुक का CAGR 37% से अधिक रहा, जो उद्योग में सबसे तेज़ वृद्धि दर्शाता है। समूह की वित्तीय सेवाओं में रिटेल लेंडिंग, SME फाइनेंस, होम लोन, कॉर्पोरेट क्रेडिट तथा इन्वेस्टमेंट बैंकींग शामिल हैं। कंपनी का राजस्व मुख्यतः ब्याज आय, शुल्क‑आधारित सेवाएँ और ट्रेजरी ऑपरेशन्स से आता है।
आईपीओ की मुख्य शर्तें और समय‑सीमा
ऑफ़र दो भागों में बाँटा गया: फ्रेश इश्यू के रूप में ₹846 करोड़ और शेष भाग बिक्री के लिए ऑफर (ऑफ़र फ़ॉर सेल) के रूप में। लॉट साइज 46 शेयर है, जिससे न्यूनतम निवेश ₹14,260 बनता है। जारी के बाद शेयरों की सूची बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर 13 अक्टूबर को खुलेगी।
ऐंकर निवेशकों का उत्साह
सार्वजनिक बिड खोलने से पहले, टाटा कैपिटल ने ऐंकर बुक में ₹4,642 करोड़ के शेयर आवंटित किए—जो संस्थागत भरोसे का स्पष्ट संकेत है। कुल 135 ऐंकर निवेशकों को 14.24 करोड़ इक्विटी शेयर ₹326 के ऊपरी बैंड पर मिलें। सबसे बड़ा ऐंकर लाइफ इन्शुरेंस कॉरपोरेशन (LIC) ऑफ़ इंडिया था, जिसने 2.15 करोड़ शेयर लगभग ₹700 करोड़ में खरीदे।
देशी म्यूचुअल फंडों ने 5 करोड़ से अधिक शेयरों पर 36% की हिस्सेदारी बनाई। प्रमुख हिस्सेदारों में ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, HDFC म्यूचुअल फंड, अडिटिया बिर्ला सन लाइफ़, DSP, एक्सिस म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड और निप्पोन लाइफ़ एएमसी शामिल थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों में Morgan Stanley, Goldman Sachs, Nomura और Government Pension Fund Global (नॉर्वे) शामिल थे।
बाजार भावना और ग्रे‑मार्केट प्रीमियम
इक्विटी सर्वेक्षण के अनुसार, लिस्टिंग से पहले ग्रे‑मार्केट प्रीमियम लगभग 3% पर स्थिर दिख रहा था—जो भारतीय बड़े‑साइज़ के आईपीओ में औसत से थोड़ा कम है। किन्तु टाटा समूह की भरोसेमंद छवि, साथ ही लोन पोर्टफोलियो की तेज़ी से विस्तार, कई विश्लेषकों को आशावादी बनाता है।
- आईपीओ आकार: ₹15,511 करोड़
- फ़्रेश इश्यू: ₹846 करोड़
- ऐंकर बुक: ₹4,642 करोड़ (135 निवेशक)
- सबसे बड़ा ऐंकर: LIC – ₹700 करोड़
- सूचीकरण तिथि: 13 अक्टूबर 2025

विशेषज्ञों का विश्लेषण
बैंकरिंग क्षेत्र के वरिष्ठ विश्लेषक रवीश काकड़, इकोनॉमिक टाइम्स का कहना है, “टाटा कैपिटल ने अपने लोन बुक की गति और विविधीकरण से एक मजबूत प्रतिस्पर्धी स्थापित किया है। इस आईपीओ से मिलने वाला इक्विटी पूँजी कंपनी को डिजिटल चैनलों में निवेश, छोटे‑मध्यम उद्यम (SME) ऋण विस्तार और बैंकों के साथ साझेदारी में मदद करेगा।”
एक निवेश प्रबंधन फर्म के पोर्टफोलियो मैनेजर सविता गुप्ता, कवरेज एसेट मैनेजमेंट ने कहा, “LIC जैसा बड़ा संस्थागत निवेशक टाटा कैपिटल की विशिष्ट विश्वसनीयता को दर्शाता है। यह संस्थागत भरोसा छोटे‑मध्यम वर्ग के निवेशकों के लिए भी सकारात्मक संकेत है।”
भविष्य की दिशा: क्या टाटा कैपिटल अगले कदम में है?
आईपीओ के बाद, टाटा कैपिटल को अपनी ब्रांड शक्ति को और आगे बढ़ाने, डिजिटल लेंडिंग प्लेटफ़ॉर्म को तेज़ करने और संभावित पड़े‑से‑बाहर (कॉरपोरेट) डेब्ट पुनःवित्तीयन (Refinancing) के लिए नई इक्विटी का उपयोग करने की संभावना है। समूह ने पहले भी सफलतापूर्वक टाटा टेक्नॉलॉजीज़ को लिस्ट किया था, जिससे समूह में अंतर‑से‑इंटर‑स्टेट (inter‑group) पूँजी प्रवाह में सहजता आई।
भुगतान और फिनटेक इको‑सिस्टम की तेज़ी से बढ़ती माँग को देखते हुए, टाटा कैपिटल के पास क्लाउड‑आधारित क्रेडिट स्कोरिंग, एआई‑सहायता वाले ऋण मंजूरी और एसेट‑बेस्ड लेंडिंग में विस्तार का बड़ा अवसर है। यदि कंपनी इस पॉलिसी को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो अगले 5 वर्षों में लोन पोर्टफ़ोलियो और 50% तक बढ़ने की संभावना बनी रहती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टाटा कैपिटल के आईपीओ से कौन‑कौन से निवेशकों को सबसे अधिक लाभ होगा?
मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों—जैसे LIC, म्यूचुअल फंड और विदेशी फंड—को प्रारम्भिक अलोकेशन के कारण बेहतर मूल्य पर शेयर मिलने की संभावना है। रिटेल निवेशकों को भी इस बड़े‑साइज़ के ऑफर में भाग लेने का मौका मिलता है, लेकिन उन्हें ग्रे‑मार्केट प्रीमियम के आधार पर थोड़ा अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
क्या टाटा कैपिटल का लोन बुक लगातार बढ़ रहा है?
हां, FY23‑FY25 में लोन बुक का CAGR 37% से अधिक रहा। कुल लोन पोर्टफोलियो लगभग ₹2.33 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, जो भारतीय एनबीएफसी सेक्टर में सबसे तेज़ वृद्धि में से एक है।
आईपीओ की कीमत तय करने में क्या कारक मददगार रहे?
शेयर मूल्य बैंड ₹310‑₹326 मुख्य रूप से टाटा समूह की ब्रांड शक्ति, कंपनी की उच्च लाभदायिता और लोन बुक की मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। बाजार में सफल समान‑आकार के आईपीओ की तुलना और मौजूदा लिक्विडिटी भी मूल्य निर्धारण में योगदान देती है।
टाटा कैपिटल के भविष्य के विकास योजनाएँ क्या हैं?
कंपनी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार, एआई‑आधारित क्रेडिट स्कोरिंग, और एसेट‑बेस्ड लेंडिंग समाधान पर फोकस कर रही है। अतिरिक्त में, इक्विटी पूँजी को रिफ़ाइनेंसिंग और नई उत्पाद लैंडिंग लाइनें—जैसे हाउसिंग लोन‑ऑफ‑इन‑हैंड—के लिए उपयोग करने की योजना है।
ग्रे‑मार्केट प्रीमियम 3% का क्या मतलब है?
ग्रे‑मार्केट प्रीमियम वह अतिरिक्त कीमत है जिसे निवेशक सार्वजनिक बिड से पहले शेयरों के लेन‑देन में चुकाते हैं। 3% का प्रीमियम दर्शाता है कि निवेशक टाटा कैपिटल के शेयरों के बारे में मध्यम आशावादी हैं—काफी उच्च नहीं, परन्तु स्थिर भी नहीं।
jyoti igobymyfirstname
अक्तूबर 7, 2025 AT 03:52वाह भाई, टाटा कैपिटल का आईपीओ तो सच में धूम मचा रहा है! ऐसा लगता है जैसे हर किसी को इस मौके पर अपनी किस्मत आज़मानी चाहिए। लेकिन थोड़ा अफ़सोस है कि न्यूनतम निवेश इतना ऊँचा है, छोटे भाई लोग परेशान हो सकते हैं। फिर भी, टाटा नाम सुनते ही दिल में उम्मीद की झलक दिखती है।