वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना – क्या है और कैसे ले सकते हैं लाभ?
आपका पेरेन्ट या दादा-दादी अब उम्रदराज हो गए हैं और आप चाहते हैं कि उन्हें धार्मिक यात्रा का मौका मिल सके? भारत सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष तीर्थयात्रा योजना बनाई है। यह योजना यात्रा के खर्च को कम करती है, ताकि बुजुर्गों को आराम से पूजा‑स्थलों की सैर मिल सके।
पात्रता और मुख्य सुविधाएँ
इस योजना में शामिल होने के लिए आपको बस दो चीज़ें चाहिए – 60 साल से अधिक की उम्र और भारतीय नागरिक होना। यदि आपके पास सरकारी पेंशन या निजी पेंशन है, तो और भी आसान हो जाता है। सरकारी मदद में ट्रैवल एजेंट का बुकिंग, हवाई टिकट, ट्रेन टिकट या बस का किराया, और कुछ हद तक आवास भी शामिल है। अक्सर 70 % तक खर्च सरकार उठाती है, बाकी आप थोड़ा योगदान दें।
आवेदन प्रक्रिया – कदम‑दर‑कदम
सबसे पहले अपने नजदीकी वरिष्ठ नागरिक केंद्र या जिला प्रशासन की वेबसाइट पर जाएँ। वहाँ ‘तीर्थयात्रा योजना’ का फ़ॉर्म मिलेगा। फ़ॉर्म में अपने और बुजुर्ग का विवरण भरें, पेंशन स्टेटमेंट लगाएँ और पहचान पत्र कॉपी संलग्न करें। बाद में एक ऑनलाइन या ऑफ़लाइन फीस भरनी होगी – यह शुल्क यात्रा के प्रकार पर निर्भर करता है। आवेदन जमा करने के बाद 7‑10 दिन में आपको मंजूरी या अस्वीकृति का नोटिफ़िकेशन मिलेगा।
यदि आप पहली बार आवेदन कर रहे हैं, तो एक छोटा‑सा ट्रैवल एजेंट मदद ले सकते हैं। एजेंट आपको सही योजना चुनने, डॉक्युमेंट तैयार करने और बुकिंग प्रक्रिया में गाइड करेगा। ध्यान रखें कि एजेंट का शुल्क आधिकारिक नहीं है, इसलिए पहले शुल्क की जानकारी ले लें।
एक बार मंजूरी मिल जाने पर, आप यात्रा की तारीख़ और ठिकाना तय कर सकते हैं। नीचे कुछ लोकप्रिय तीर्थस्थलों की सूची है जिनके लिए योजना अक्सर उपयोग होती है – वाराणसी, काशी, हरिद्वार, द्वारका, पुरी, और शिरडी। इन जगहों पर विशेष खाड़ी वाले बुजुर्ग शिविर भी उपलब्ध होते हैं, जहाँ आराम से रुक कर यात्रा पूरी की जा सकती है।
याद रखें, योजना में यात्रा के दौरान मेडिकल सहायता भी शामिल है। अगर बुजुर्ग को दवा या डॉक्टर की जरूरत पड़े, तो सरकार द्वारा तय किए गए पोर्टेबल क्लिनिक या स्थानीय अस्पताल के संपर्क में रहना आसान होता है। यह पहल विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनको पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है।
अगर आप इस योजना को अपने परिवार में लागू करना चाहते हैं तो जल्द‑से‑जल्द आवेदन करें। क्योंकि मंजूरी की प्रक्रिया में कभी‑कभी समय लग सकता है और लोकप्रिय तिथियों में जगह जल्दी भर जाती है। विशेष त्यौहारी सीज़न (जैसे मकर संक्रांति, राम नवमी) में पहले से बुकिंग करना फायदेमंद रहेगा।
अंत में, यह योजना सिर्फ एक फॉर्म नहीं, बल्कि बुजुर्गों के सम्मान और उन्हें ख़ुशी देने का माध्यम है। आप अपने परिवार के साथ मिलकर इस योजना को अपनाएँ और उन्हें उन पवित्र स्थानों की यात्रा करवाएँ, जहाँ उनका दिल हमेशा से जाना चाहता था।