राजस्थान की वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना 2025 के लॉटरी परिणाम आए: 21,405 रेल से, 2,569 हवाई यात्रा
सित॰, 23 2025
लॉटरी परिणाम और चयन प्रक्रिया
राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना 2025 (वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना) के लॉटरी परिणाम आधिकारिक तौर पर जारी किए। कुल 23,974 वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थयात्रा के लिए चुना गया, जिसमें 21,405 व्यक्तियों को रेल द्वारा और 2,569 को हवाई यात्रा के माध्यम से विभिन्न धार्मिक और राष्ट्रीय स्थलों तक पहुँचाया जाएगा। यह चयन पारदर्शी लॉटरी सिस्टम के आधार पर हुआ, जिससे बड़े संख्या में आवेदकों में निष्पक्षता बनी रही।
जिला‑स्तर पर चयन कार्य को जिला स्तर के कमेटियों ने संचालित किया। जयपुर जिले में 4,905 वरिष्ठ नागरिकों को चुना गया, जिसमें 526 यात्रियों को हवाई सेवा के जरिए नेपाल के काठमांडू में स्थित पाशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए भेजा जाएगा, जबकि शेष 4,379 यात्रियों को रेल के माध्यम से विभिन्न भारतीय तीर्थस्थलों की ओर प्रस्थान कराया जाएगा। इस घोषणा को देवस्थान मंत्री जोराराम कुंवात और जिला इंचार्ज मंत्री जोगराम पटेल की उपस्थिति में किया गया।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की गई थी। 18 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक, वरिष्ठ नागरिकों ने अपना आवेदन पोर्टल पर जमा किया। इस अवधि में जयपुर जिले को 11,378 आवेदन मिले, जो 18,423 संभावित यात्रियों का प्रतिनिधित्व करता है, इस बात से स्पष्ट होता है कि इस योजना में वरिष्ठ नागरिकों की कितनी बड़ी रुचि है।
योजना के प्रमुख बिंदु व भविष्य
भाजनलाल सरकार ने इस योजना को 2025‑26 के बजट में 56,000 लाभार्थियों को लक्षित करके पेश किया था, जिसमें 50,000 रेल यात्रा और 6,000 हवाई यात्रा के लिए निर्धारित थे। वास्तविक चयन में कुल 23,974 यात्रा को मंजूरी मिली, जिसे आगे के चरणों में धीरे‑धीरे बढ़ाने का इरादा है। प्रोग्राम के तहत सभी खर्चे—टिकट, एसी ट्रेन का कोच, एयर टिकट, आवास, भोजन और स्थानीय गाइड—सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। इस तरह के व्यापक पैकेज से वरिष्ठ नागरिकों के आर्थिक बोझ में भारी कमी आएगी।
इस साल के तीर्थस्थलों में परम्परागत धार्मिक स्थानों के साथ कुछ नए स्थल भी शामिल किए गए हैं। वागाह बॉर्डर को पहली बार राष्ट्रीय गर्व की भावना को उजागर करने के लिए मिलन बिंदु के रूप में चुना गया। इसके अलावा, पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, बिहार के पटना साहिब, महाराष्ट्र के नंदेड साहिब, तमिलनाडु के रामेश्वरम और उत्तर प्रदेश के वैष्णव धाम जैसे महत्वपूर्ण स्थल भी इस यात्रा में शामिल हैं। यह विविधता इस बात को दर्शाती है कि योजना सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय समावेशिता को भी बढ़ावा देती है।
जिला इंचार्ज मंत्री जोगराम पटेल ने कहा, "यह पहल वरिष्ठ नागरिकों को आध्यात्मिक ऊर्जा, धार्मिक सुकून और सामाजिक जुड़ाव प्रदान करने के लिए है। यात्रा के दौरान हमें न सिर्फ उनका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता देखना है, बल्कि उनके मनोबल में भी उल्लेखनीय उछाल आता है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार की यात्राएं सामाजिक एकता को बल देती हैं और वरिष्ठ वर्ग को सम्मानित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती हैं।
- कुल चयनित लाभार्थी: 23,974
- रेलगत यात्रियों की संख्या: 21,405
- हवाई यात्रियों की संख्या: 2,569
- जयपुर जिले के चयनित: 4,905 (हवाई 526, रेल 4,379)
- पुराने और नए तीर्थस्थल: पाशुपतिनाथ, स्वर्ण मंदिर, वागाह बॉर्डर, पटना साहिब, नंदेड साहिब, रामेश्वरम आदि
अंत में, यह योजना राजस्थान सरकार की वरिष्ठ नागरिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है। तीर्थयात्रा भारतीय संस्कृति में गहरी जड़ें रखती है, और इस योजना के माध्यम से असमर्थ वरिष्ठ नागरिकों को यह अवसर मिल रहा है जो अन्यथा उनके लिए असंभव रहता। सरकार ने यह बताया कि अगले चरण में चयन प्रक्रिया को और विस्तारित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिक इस आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक यात्रा का लाभ उठा सकें। वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना के सफल कार्यान्वयन से भविष्य में समान पहलों की नींव मजबूत होगी।
Karan Kundra
सितंबर 23, 2025 AT 16:51Vinay Vadgama
सितंबर 25, 2025 AT 00:43Pushkar Goswamy
सितंबर 26, 2025 AT 00:37Abhinav Dang
सितंबर 27, 2025 AT 01:50krishna poudel
सितंबर 28, 2025 AT 19:51