ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, तृणमूल कांग्रेस और राजनीति
ममता बनर्जी एक मुख्यमंत्री, भारत के एक राज्य की सरकार की सर्वोच्च नेता हैं जिन्होंने अपनी जुनूनी बातों, बेफिक्र अंदाज़ और लोकप्रिय नेतृत्व के लिए देश भर में नाम कमाया। वो तृणमूल कांग्रेस, पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने वाली पहली ऐसी पार्टी जिसने लंबे समय तक कांग्रेस को हराया की बानी हैं। इनकी राजनीति बस एक दल की नहीं, बल्कि एक आंदोलन की है — जहां लोगों की आवाज़ बनकर रह गईं।
ममता बनर्जी की शुरुआत एक शिक्षिका के रूप में हुई, लेकिन जब उन्होंने अपने दल के लिए लड़ना शुरू किया, तो वो बस एक नेता नहीं, बल्कि एक आग बन गईं। उनके खिलाफ आरोप भी लगे — बहुत बार वो विवादों में फंस गईं। पर जब भी लोगों की बात आती, वो खड़ी हो जातीं। उनकी नीतियां जैसे बिना अनुमति के भूमि अधिग्रहण रोकना, बाल बच्चों के लिए विशेष योजनाएं, या फिर राज्य के अंदर किसानों को सीधा सहारा देना — सब कुछ उनके जुनून का ही नतीजा है। उनकी राजनीति में बुद्धिमानी नहीं, दिल की आवाज़ है।
उनके खिलाफ जो आलोचनाएं होती हैं, वो ज्यादातर उनके तरीकों से आती हैं — जैसे बार-बार विरोध करना, बाहर जाकर बयान देना, या फिर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी आवाज़ बुलंद करना। लेकिन ये वही बातें हैं जिन्होंने उन्हें लाखों लोगों के दिलों में जगह दिलाई।
अगर आप पश्चिम बंगाल की राजनीति, तृणमूल कांग्रेस के फैसले, या फिर उनके बयानों के असर को समझना चाहते हैं — तो आप सही जगह पर हैं। यहां आपको उनकी नीतियों के पीछे की कहानियां, बड़े विवाद, और जिन घटनाओं ने उन्हें देश की सबसे चर्चित नेत्री बना दिया, वो सब मिलेंगे। जानिए कि कैसे एक शिक्षिका ने राज्य की सरकार चलाने का जिम्मा संभाल लिया, और कैसे वो अब देश की राजनीति का एक अहम हिस्सा बन गईं।