भारतीय मौसम विज्ञान विभाग: मौसम की भविष्यवाणी, आपदाएँ और देश की जानकारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार का एक प्रमुख विभाग जो मौसम, जलवायु और भू-भौतिक घटनाओं का अध्ययन और भविष्यवाणी करता है. इसे अक्सर IMD कहा जाता है, और यह देश के हर कोने में लाखों लोगों की जिंदगी को सीधे प्रभावित करता है। ये लोग बारिश के लिए बीज बोते हैं, बाढ़ के लिए घर छोड़ते हैं, और चक्रवात के लिए बचाव तैयार करते हैं। IMD का काम सिर्फ टीवी पर मौसम का अपडेट देना नहीं — ये देश की खेती, बिजली, परिवहन और आपातकालीन प्रतिक्रिया की पूरी नींव है।

इस विभाग के बिना, हम न तो जान पाते कि कब बारिश होगी, न ही ये कि कहाँ बाढ़ आ सकती है। IMD के डेटा से न केवल किसान फसल चुनते हैं, बल्कि रेलवे ट्रेनों का शेड्यूल बनता है, शहरों की बारिश की निकासी की योजना बनती है, और अस्पताल तैयार होते हैं। यही कारण है कि जब कोई चक्रवात ओडिशा या तमिलनाडु की ओर बढ़ रहा होता है, तो IMD की भविष्यवाणी लाखों लोगों की जान बचाती है। ये विभाग अकेले नहीं काम करता — यह उपग्रह, रडार, और हजारों स्थानीय मौसम स्टेशनों के डेटा पर निर्भर करता है।

आज के जलवायु बदलाव के दौर में, IMD की भूमिका और भी ज़रूरी हो गई है। सूखे अब लंबे समय तक चलते हैं, बारिश अचानक होती है, और गर्मी के रिकॉर्ड तोड़े जा रहे हैं। इसलिए जब आप अपने फोन पर बारिश की भविष्यवाणी देखते हैं, तो वो डेटा IMD से आ रहा है। यही कारण है कि जब बिहार में बाढ़ आई या केरल में अचानक बारिश हुई, तो इसकी जानकारी IMD ने ही दी।

क्या आप जानते हैं?

IMD के डेटा के आधार पर ही भारत के कई बड़े निर्णय लिए जाते हैं — जैसे एक राज्य में अनाज की आपूर्ति कैसे करें, या एक शहर में बिजली का बोझ कैसे संभालें। यही वजह है कि जब आपको कोलंबो में महिला क्रिकेट टीम का मैच देखने के लिए बारिश की भविष्यवाणी मिलती है, तो वो भी IMD की निगाह में होती है।

इस पेज पर आपको भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से जुड़ी ताज़ा खबरें, आपदा चेतावनियाँ, और उसके द्वारा दिए गए अपडेट्स मिलेंगे — जिन्होंने असली जीवन को बदल दिया है।

अक्तू॰, 30 2025
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5 नवंबर के बाद एनसीआर में तापमान तेजी से गिरने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोन मोंथा के प्रभाव की पुष्टि की है।

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