NCR में बादल छाने के बाद सर्दी तेजी से बढ़ेगी, 5 नवंबर के बाद तापमान में उतार-चढ़ाव
अक्तू॰, 30 2025
दिल्ली और एनसीआर में आज सुबह बादल छाए रहे, लेकिन ये बादल ठंड को नहीं रोक पाए — बल्कि उसे थोड़ा देर तक छिपा रखा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की 5 नवंबर, 2025 को शाम 1:30 बजे जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 19-20°C रहा, जो सामान्य से 1-4°C अधिक था। अधिकतम तापमान 28-29°C रहा, जो सामान्य से 2-4°C कम। ये आंकड़े अजीब लग सकते हैं — गर्मी नहीं, ठंड नहीं, बल्कि एक अजीब सी उलझन। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है।
बादलों के पीछे छिपा है ठंड का खेल
सुबह के समय धुंध और धूल के बादलों ने धूप को रोक दिया, जिससे तापमान गर्म नहीं बढ़ पाया। लेकिन जब दोपहर हुई, तो बादल धीरे-धीरे छिन गए। और यहीं से शुरू हुआ असली बदलाव। एनसीआर के कई हिस्सों में अब रात के समय तापमान 15°C तक गिरने की संभावना है। ये बदलाव नहीं, एक तबाही है — जो ठंड के लिए एक नया दौर शुरू कर रही है।
पिछले 24 घंटों में उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलीं, जिनकी गति 10 किमी/घंटा तक रही। लेकिन अब एक नया खिलाड़ी आ रहा है: पश्चिमी विक्षोभ। इसका असर 3 नवंबर से ही शुरू हो गया था, और अब ये हिमालय के पश्चिमी हिस्से को छू रहा है। जब ये विक्षोभ दिल्ली तक पहुंचेगा, तो तापमान अचानक गिरने लगेगा।
सामान्य से बहुत अलग: नवंबर का मौसम
अधिकांश वेबसाइट्स जैसे MakeMyTrip, Weather2travel.com और Weather25.com कहते हैं कि नवंबर में दिल्ली का मौसम आमतौर पर 14.2°C से 30°C के बीच रहता है। 5 मिमी बारिश, 8 से 12 घंटे धूप — ये सब एक बेहतरीन टूरिस्ट सीजन का वादा करते हैं।
लेकिन आज का मौसम इन आंकड़ों से अलग है। ये नहीं कि नवंबर गर्म है — बल्कि ये बदल रहा है। एक तरफ बादल छाए हुए हैं, तो दूसरी तरफ हवाएं ठंडी हो रही हैं। और ये सब एक बड़े चक्र का हिस्सा है।
साइक्लोन मोंथा का असर अभी तक बना हुआ है
अभी एक महीने पहले, साइक्लोन मोंथा ने आंध्र प्रदेश के तट पर जमकर लगाम लगाई थी। 30 अक्टूबर को इसकी गति 90-100 किमी/घंटा थी। इसके बाद ये छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल तक गया। इसका असर अभी भी बरकरार है।
साइक्लोन ने पूरे देश के हवाई चक्रों को हिला दिया। जिस तरह से हवाएं बह रही हैं, वो अब सामान्य नहीं हैं। एनसीआर की हवाएं अब उत्तर-पश्चिमी दिशा से आ रही हैं — जो अक्सर शीतकालीन ठंड का संदेश लेकर आती हैं। ये नहीं कि साइक्लोन ने सीधे दिल्ली को छुआ, बल्कि इसने मौसम के बड़े पैटर्न को बदल दिया।
क्या होगा अगले 5 दिनों में?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों में दिल्ली और एनसीआर में आसमान आंशिक रूप से बादलों से ढका रहेगा। लेकिन बादल अब बारिश के लिए नहीं, बल्कि ठंड के लिए तैयार हैं।
5 नवंबर के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आने की उम्मीद है। अगले सप्ताह तक रात के तापमान 12-14°C तक जा सकते हैं। दिन में 25°C से नीचे उतरने की संभावना है। ये दिल्ली के लिए एक बड़ा बदलाव है — जिसका असर आम लोगों के दिनचर्या पर पड़ेगा।
बच्चे बाहर खेलने के बजाय गर्म कपड़े पहनेंगे। बुजुर्गों के लिए सांस लेना मुश्किल हो सकता है। और शहर की हवा की गुणवत्ता? वो भी सुधर रही है। बादलों और हवा के बदलाव के कारण धुंध का स्तर कम हुआ है। एनसीआर के कई इलाकों में AQI 150 के नीचे आ गया है — जो एक अच्छा संकेत है।
टूरिस्ट सीजन शुरू हो रहा है — लेकिन अब थोड़ा अलग
MakeMyTrip कहता है कि अक्टूबर से मार्च तक दिल्ली एक टूरिस्ट हब बन जाता है। लेकिन इस बार ये टूरिस्ट आएंगे — न कि गर्मी के लिए, बल्कि ठंड के लिए। ताजमहल, लाल किला, जम्मू कश्मीर के बर्फीले इलाके — सब अब अपने आप को बर्फ से ढके हुए दिखाई दे रहे हैं।
लेकिन ये बदलाव सिर्फ टूरिस्ट के लिए नहीं, बल्कि किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है। गेहूं की फसल के लिए अब ठंड जरूरी है। अगर तापमान अचानक गिरे, तो ये फसल के लिए बहुत अच्छा होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्यों बादल छाने के बाद भी तापमान गिर रहा है?
बादल दिन में धूप को रोकते हैं, लेकिन रात में गर्मी को बाहर नहीं जाने देते। जब बादल छिन जाते हैं, तो जमीन से गर्मी तेजी से निकल जाती है। इसीलिए रात के तापमान अचानक गिरते हैं। ये एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण ये तेज हो रहा है।
एनसीआर में धुंध क्यों कम हुई?
धुंध कम होने का कारण हवाओं का बदलाव है। पिछले दिनों शांत हवाएं थीं, जिससे धूल और प्रदूषण जमा हो रहा था। अब उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जो इन अशुद्धियों को बाहर धकेल रही हैं। इसके अलावा, बादलों ने भी धूल को नीचे गिरा दिया है। AQI में 20-30 अंकों की कमी दर्ज की गई है।
अगले सप्ताह तापमान कितना गिरेगा?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 10 नवंबर तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12-14°C तक गिर सकता है। अधिकतम तापमान 22-24°C रह सकता है। ये आमतौर पर दिसंबर के तापमान के करीब है। इसका मतलब है कि शीतकाल अब तेजी से आ रहा है।
क्या ये बदलाव लंबे समय तक रहेगा?
हां, ये बदलाव अगले दो महीने तक रहेगा। दिसंबर और जनवरी में तापमान 8-10°C तक गिर सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे और आने की संभावना है, जिससे बारिश और बर्फ की संभावना बढ़ जाएगी। दिल्ली के लिए ये एक सामान्य शीतकालीन चक्र है — लेकिन इस बार ये जल्दी शुरू हो रहा है।
Mansi Arora
अक्तूबर 30, 2025 AT 13:54अरे भाई ये सब बकवास है, बादल छाए तो ठंड क्यों आएगी? ये मौसम विभाग के लोग तो अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसे ही बकवास लिखते हैं। अगर तापमान गिर रहा है तो ये ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा है, न कि कोई विक्षोभ।
Abhishek Deshpande
अक्तूबर 31, 2025 AT 22:13आप लोग बिल्कुल गलत समझ रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ का असर 3 नवंबर से शुरू हुआ है-और ये एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि एक वैश्विक जेट स्ट्रीम विक्षेपण का परिणाम है। यहाँ तक कि यूरोपीय मौसम विज्ञान केंद्र के डेटा भी इसे पुष्टि करते हैं। आप बस एक बार Google Scholar पर search कर लीजिए: ‘Western Disturbance and NCR Temperature Anomalies 2025’-और फिर बताइए कि ये ‘बादलों का खेल’ क्या है।
vikram yadav
नवंबर 1, 2025 AT 19:30यार ये सब तो सच है, पर आप लोग इतना जटिल क्यों बना रहे हो? हमारे गाँव में तो दादाजी कहते थे-‘जब बादल रात में छिन जाएँ, तो बर्फ जमने लगती है’। अब ये विक्षोभ, जेट स्ट्रीम, AQI का जल्दी जल्दी नाम लेना क्या है? बस एक बात समझ लो-अब गर्मी नहीं, ठंड आ रही है। गर्म कपड़े पहन लो, चाय बना लो, और जी लो।
Tamanna Tanni
नवंबर 2, 2025 AT 03:19मुझे लगता है हर कोई अपनी अपनी बात लेकर आ रहा है, लेकिन क्या कोई ये बता सकता है कि इस ठंड में बच्चों के लिए क्या सुरक्षा उपाय करने चाहिए? मैं एक माँ हूँ, और मुझे लगता है ये जानकारी सबसे ज्यादा जरूरी है।
Rosy Forte
नवंबर 4, 2025 AT 00:50अरे भाई, ये सिर्फ तापमान का सवाल नहीं है-ये एक अस्तित्वगत विकटता है। हम जिस वातावरण में रह रहे हैं, वह अब एक निर्माणात्मक विकृति है-जहाँ प्रकृति के चक्र बदल गए हैं, और हमारा मानसिक अनुकूलन अभी तक उनके अनुरूप नहीं हुआ। आप जो ‘ठंड’ कह रहे हैं, वह वास्तव में पृथ्वी का एक निःश्वास है-एक विशाल श्वास जो हमें बता रहा है कि हमने अपनी विश्राम की अवधि खत्म कर दी है।
Yogesh Dhakne
नवंबर 5, 2025 AT 12:10मैंने आज सुबह बाहर जाकर देखा-हवा में एक अजीब सी चिकनाहट थी, और आसमान बिल्कुल साफ नहीं था। लेकिन धुंध कम हुई है, ये तो बहुत अच्छी बात है। अब जितना भी ठंडा हो, वो ठीक है, बस बाहर घूमने के लिए जैकेट लेकर जाना है। 😊
kuldeep pandey
नवंबर 7, 2025 AT 02:45क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब ‘मौसम विज्ञान विभाग’ वाले जानबूझकर ऐसा बता रहे हैं? नहीं? तो आप बहुत निरीह हैं। ये सब एक तरह का डरावना ब्रांडिंग है-जिससे लोग गर्म कपड़े, हीटर, और एयर प्यूरिफायर खरीदें। और फिर कंपनियाँ अमीर हो जाएँ।
Hannah John
नवंबर 8, 2025 AT 01:27साइक्लोन मोंथा ने दिल्ली के ऊपर एक एलियन सैटेलाइट छोड़ा है जो तापमान को नियंत्रित कर रहा है। ये नहीं कि बादल छिन रहे हैं-ये नेटवर्क वाले काला जादू है। आप लोग अभी भी मौसम विज्ञान की बातें मान रहे हैं? ये सब तो चीन का नियंत्रण है।
dhananjay pagere
नवंबर 8, 2025 AT 19:44मैंने इस रिपोर्ट को देखा और सीधे अपने एयर कंडीशनर को बंद कर दिया। 😎 ये ठंड आने वाली है तो चलो उसका लाभ उठाएं। लेकिन ये जो AQI 150 के नीचे आया, वो बहुत अच्छा है। अब बाहर दौड़ सकते हैं।
Shrikant Kakhandaki
नवंबर 10, 2025 AT 18:39ये सब बकवास है और आप लोग इसे सच मान रहे हैं? ये तो एक बड़ा फ्रॉड है-पूरा देश एक नए राष्ट्रीय अवसर के लिए बाँधा जा रहा है। ये ठंड नहीं, ये एक नया राजनीतिक अभियान है। जब आप लोग गर्म कपड़े पहनेंगे, तो आप अपनी बुद्धि को भी पहन रहे होंगे।
bharat varu
नवंबर 11, 2025 AT 21:07ये बदलाव बहुत अच्छा है! अब लोग बाहर निकलेंगे, बच्चे खेलेंगे, और गेहूं की फसल अच्छी होगी। बस थोड़ा ध्यान रखना है-गर्म कपड़े पहनना, पानी पीना, और घर पर चाय का एक कप बनाना। जीवन अच्छा है, बस उसे जी लो। 🌞☕
Vijayan Jacob
नवंबर 12, 2025 AT 04:42मैं एक दक्षिण भारतीय हूँ। जब मैं दिल्ली आया था, तो मैंने सोचा-ये ठंड क्या है? अब ये बात समझ में आ रही है। आप लोग इतने जटिल बना रहे हैं, जबकि ये बस एक ऋतु परिवर्तन है। आप अपने घर में गर्मी के लिए बिजली खर्च करते हैं, तो यहाँ ठंड के लिए कपड़े पहन लो।
shubham pawar
नवंबर 13, 2025 AT 08:22क्या आप लोग ये भूल गए कि ये सब बदलाव अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के लिए एक नया बाजार बना रहे हैं? गर्म कपड़े, हीटर, ऑयल स्टोव, एयर प्यूरिफायर-सब कुछ अब ‘आवश्यक’ बन गया है। आप लोग अपनी जिंदगी बेच रहे हैं, और ये बादल आपकी आत्मा को खरीद रहे हैं।
Nitin Srivastava
नवंबर 14, 2025 AT 17:20मैंने इस रिपोर्ट को एक न्यूरोलॉजिस्ट के साथ डिस्कस किया। उनका कहना है कि तापमान के अचानक गिरने से मानव दिमाग का सीरोटोनिन स्तर बदलता है-इसलिए हम इतने आक्रामक और अस्थिर महसूस करते हैं। ये न सिर्फ मौसम का बदलाव है, बल्कि एक न्यूरोकेमिकल रिवॉल्यूशन है। अगर आप अपने दिमाग को समझना चाहते हैं, तो बस एक गर्म चाय पिएं। ☕