भारतीय चुनाव आयोग: चुनाव प्रक्रिया, भूमिका और निर्णयों की पूरी जानकारी

भारतीय चुनाव आयोग भारतीय चुनाव आयोग, भारत का संवैधानिक निकाय है जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है। यह कोई सामान्य सरकारी विभाग नहीं है — यह एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और अखंड निकाय है जिसकी अध्यक्षता चुनाव आयुक्त करते हैं। इसकी जिम्मेदारी सिर्फ वोट डालने तक सीमित नहीं है, बल्कि चुनाव नियमों का निर्माण, चुनावी शांति बनाए रखना, और फर्जीवाड़े को रोकना भी है। यही कारण है कि भारत जैसे विशाल और विविध देश में हर तीन साल में लाखों मतदाताओं के लिए चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रहते हैं।

इसकी शक्तियाँ संविधान के अनुच्छेद 324 में दर्ज हैं, जो इसे संसद, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति के चुनाव तक की निगरानी का अधिकार देती हैं। मतदान, भारतीय चुनाव आयोग की सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसमें EVM और VVPAT जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। आज के समय में यह आयोग न केवल वोटिंग बल्कि चुनावी नियमों को अपडेट करता है — जैसे कि नागरिकों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, वोटर लिस्ट में सुधार, और राजनीतिक दलों के वित्तीय पारदर्शिता के नियम। चुनाव नियम, इस आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देश हैं जो चुनावी व्यवहार, अपराध और निर्वाचन अभियान को नियंत्रित करते हैं। ये नियम अक्सर बदलते रहते हैं — जैसे कि अब सोशल मीडिया पर चुनावी सामग्री प्रकाशित करने के लिए एक निश्चित समय सीमा है।

भारतीय चुनाव आयोग ने हाल में कई ऐसे निर्णय लिए हैं जिन्होंने चुनावी दृश्य को बदल दिया है। जैसे — अब राजनीतिक दलों को अपने वित्तीय लेनदेन की जानकारी आयोग को अनिवार्य रूप से देनी होती है। यही नहीं, चुनावी नियमों का उल्लंघन करने वाले दलों को जुर्माना या चुनाव रद्द करने की सजा भी हो सकती है। यह आयोग निर्वाचन के लिए न केवल तकनीकी बल्कि नैतिक मानक भी तय करता है।

इस पेज पर आपको भारतीय चुनाव आयोग से जुड़ी हर बड़ी खबर मिलेगी — चाहे वो चुनाव नियमों में बदलाव हो, चुनावी शांति के लिए लिए गए कदम हों, या फिर राज्य और केंद्र के चुनावों के शेड्यूल की घोषणा। यहाँ आपको कोई भी जानकारी छूटने नहीं दी जाएगी — क्योंकि चुनाव आयोग की हर बात आपके भविष्य को छूती है।

नव॰, 5 2025
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