SIR फॉर्म भरने का पूरा गाइड: दस्तावेज, तारीखें और जरूरी निर्देश
नव॰, 5 2025
4 नवंबर 2025 से भारत के 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय चुनाव आयोग का एक ऐतिहासिक अभियान शुरू हुआ है — विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण। ये अभियान 21 साल बाद लौटा है, और इसका लक्ष्य साफ है: 51 करोड़ मतदाताओं की सूची को गलतियों, डुप्लिकेट नामों और अनुपस्थिति से साफ करना। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘हम उन मतदाताओं को छोड़ नहीं सकते जिनका नाम सूची में नहीं है, या जिनकी जानकारी पुरानी है।’ ये सिर्फ एक प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को बचाने का प्रयास है।
कैसे काम करेगा SIR प्रक्रिया?
ये प्रक्रिया बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के घर-घर दौरे से शुरू होती है। BLO हर मतदान केंद्र के लगभग 1,000 मतदाताओं के घर तीन बार जाएंगे — पहली बार फॉर्म देने के लिए, दूसरी बार भरे हुए फॉर्म लेने के लिए, और तीसरी बार जांच के लिए। ये तीन बार का दौरा एक नया नियम है, जिसका उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता छूट न जाए।
अक्टूबर के अंत तक BLO को प्रशिक्षण दिया गया था। 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक वे फॉर्म भरवाएंगे। फॉर्म पहले से भरा हुआ होगा — नाम, EPIC नंबर, पता, विधानसभा क्षेत्र, पार्ट और सीरियल नंबर। नागरिकों को बस अपनी जन्मतिथि, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, और पिता/गार्जियन का EPIC नंबर भरना है। गुजरात में 2002 और उत्तर प्रदेश में 2002-03 की सूची में नाम होने पर उन्हें पुराने डिटेल्स भी अपडेट करने होंगे।
क्या दस्तावेज चाहिए?
यहां एक बात स्पष्ट है: आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। ये सिर्फ पहचान के लिए है। अगर आपका नाम 2023 की वोटर लिस्ट में है, तो आपको कोई और दस्तावेज नहीं चाहिए। लेकिन अगर आपका नाम नहीं है, तो आपको निम्न में से कोई एक दस्तावेज देना होगा:
- जन्म प्रमाणपत्र (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी)
- पासपोर्ट
- मैट्रिक या उच्चतर शैक्षणिक प्रमाणपत्र (मान्यता प्राप्त बोर्ड से)
- स्थायी निवास प्रमाणपत्र (राज्य प्राधिकरण द्वारा)
- 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई पहचान पत्र (बैंक, डाकघर, एलआईसी आदि से)
- पेंशन भुगतान आदेश या सरकारी नौकरी का पहचान पत्र
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का कागजात
- परिवार रजिस्टर की कॉपी
बिहार में चुनाव आयोग ने अपने विशेष निर्देश के तहत बिहार की वोटर लिस्ट और आधार कार्ड को भी स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में शामिल कर लिया है। ये एक बड़ा लचीला फैसला है — जिससे कई ग्रामीण मतदाताओं को दस्तावेजों की तलाश में घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अगर BLO न आएं तो क्या करें?
कई लोगों को चिंता है कि अगर BLO घर नहीं आए, तो क्या होगा? चिंता की जरूरत नहीं। आप 1950 हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं — ये नंबर आपके राज्य के लिए अलग हो सकता है, लेकिन ये सभी राज्यों में सक्रिय है। या फिर voters.eci.gov.in पर जाकर अपने बूथ के BLO का नाम और नंबर ढूंढ सकते हैं।
शहरी इलाकों और प्रवासी मतदाताओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर फॉर्म 6 (नया पंजीकरण), फॉर्म 8 (सुधार), या फॉर्म 7 (नाम हटाने) भरने की सुविधा है। राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) भी BLO को रोजाना 50 फॉर्म तक जमा कर सकते हैं — ये एक चालाक तरीका है, जिससे राजनीतिक दल भी अपने नागरिकों की मदद कर सकते हैं।
ड्राफ्ट लिस्ट और आपत्ति का तरीका
9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें वे नाम होंगे जिन्होंने फॉर्म भरा है। जिनका नाम नहीं होगा — उनके लिए पंचायत भवन, स्थानीय निकाय कार्यालय, या स्कूल के बोर्ड पर सूची चस्पा कर दी जाएगी। यहां लिखा होगा कि आपका नाम क्यों नहीं आया।
अगर आपको लगता है कि आपका नाम गलत तरीके से जोड़ा गया है या हटा दिया गया है, तो 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक आप आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। ये समय बहुत महत्वपूर्ण है — कोई भी आपत्ति इस समय के बाद नहीं ली जाएगी।
अंतिम सूची और भविष्य का असर
7 फरवरी 2026 तक अंतिम मतदाता सूची तैयार हो जाएगी। ये सूची 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आधार बनेगी। अगर आपका नाम इसमें नहीं है, तो आप वोट नहीं दे सकते।
इस अभियान का सबसे बड़ा असर वही होगा जो आम आदमी महसूस करेगा — जब वह अपना नाम सूची में देखेगा, तो उसे लगेगा कि उसकी आवाज़ गिनी जा रही है। चुनाव आयोग ने विशेष व्यवस्था भी की है: वॉलंटियर्स को तैनात किया गया है ताकि बूढ़े, बीमार, दिव्यांग और गरीब मतदाताओं को जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके।
क्या ये प्रक्रिया अनिवार्य है?
हां। ये अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर आप भाग नहीं लेंगे, तो आपका वोट भी नहीं लगेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि डॉक्यूमेंट्स अभी जमा करने की जरूरत नहीं है — बस फॉर्म भर दीजिए। अगर आपका नाम लिंक नहीं हो पाता है, तो ERO आपको नोटिस भेजेगा — उसके बाद ही दस्तावेज देने की जरूरत होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या आधार कार्ड से मतदाता सूची में नाम जोड़ा जा सकता है?
नहीं, आधार कार्ड सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता का प्रमाण नहीं। अगर आपका नाम 2023 की वोटर लिस्ट में है, तो आधार कार्ड काफी है। लेकिन अगर आप नया पंजीकरण कर रहे हैं, तो आपको जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज चाहिए।
अगर BLO नहीं आया तो क्या करें?
1950 हेल्पलाइन पर कॉल करें या voters.eci.gov.in पर जाकर अपने बूथ के BLO का नंबर ढूंढें। आप ऑनलाइन फॉर्म 6 या 8 भी भर सकते हैं। याद रखें, BLO तीन बार आएगा — अगर आप घर पर नहीं हैं, तो उन्हें फोन करें और अपनी उपलब्धता बताएं।
ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नहीं है — क्या करें?
9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक आप आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। पंचायत भवन या स्थानीय कार्यालय पर लगी सूची देखें — वहां लिखा होगा कि आपका नाम क्यों नहीं आया। उसके बाद फॉर्म 6 भरकर आपत्ति दर्ज करें।
क्या ये प्रक्रिया सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए है?
नहीं, ये पूरे भारत के 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है — जिसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात शामिल हैं। बिहार में आधार और अपनी वोटर लिस्ट को भी मान्यता दी गई है, जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है।
अंतिम सूची कब तैयार होगी और इसका चुनावों से क्या संबंध है?
7 फरवरी 2026 तक अंतिम सूची जारी की जाएगी। ये सूची 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों का आधार बनेगी। अगर आपका नाम इसमें नहीं है, तो आप वोट नहीं दे सकते। ये एक ऐसा अवसर है जिसे छोड़ना आपके लिए बहुत महंगा साबित हो सकता है।
क्या इस बार वोटर लिस्ट में बदलाव के लिए आधार कार्ड जरूरी है?
नहीं। आधार कार्ड केवल वैकल्पिक है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि नागरिकता का प्रमाण आधार नहीं, बल्कि जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट या शैक्षणिक प्रमाणपत्र है। आधार केवल एक अतिरिक्त पहचान है — जैसे आपके घर का दरवाजा खोलने के लिए चाबी चाहिए, लेकिन घर का मालिकाना हक दस्तावेज से साबित होता है।
Radhakrishna Buddha
नवंबर 7, 2025 AT 14:09ये सब बकवास है, लेकिन मुझे लगता है कि अगर BLO घर नहीं आया तो भी हमें फॉर्म भरना ही पड़ेगा... क्योंकि वोट नहीं देना तो अब बहुत बड़ी बात हो गई है।
Govind Ghilothia
नवंबर 8, 2025 AT 09:29यह अभियान लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत करने का एक अद्वितीय प्रयास है। भारतीय चुनाव आयोग के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा की जानी चाहिए। यह केवल एक प्रशासनिक अभियान नहीं, बल्कि नागरिक जागरूकता का एक नया युग है।
Sukanta Baidya
नवंबर 9, 2025 AT 19:20ओए भाई, आधार कार्ड से नाम नहीं जुड़ता? तो मैंने तो 5 साल से ये कहता रहा कि ये कार्ड बेकार है। अब चुनाव आयोग ने भी मेरा साथ दे दिया। वाह बाप रे!
Adrija Mohakul
नवंबर 10, 2025 AT 05:28मैंने अपना फॉर्म भर लिया है, लेकिन BLO आया नहीं... फिर भी मैंने online पर फॉर्म 8 भर दिया। थोड़ा टाइम लगा, लेकिन अब मेरा नाम तो सुरक्षित है। बस याद रखो, अगर तुम्हारा नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है तो तुरंत आपत्ति दर्ज कर लो।
Dhananjay Khodankar
नवंबर 11, 2025 AT 16:58मैं गाँव में रहता हूँ, BLO तीन बार आएगा? अच्छा हुआ। मेरे पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, पर मेरा आधार और वोटर लिस्ट दोनों हैं। बिहार वालों ने अच्छा किया। अब देखते हैं बाकी राज्य भी ऐसा करते हैं या नहीं।
shyam majji
नवंबर 11, 2025 AT 21:32अगर आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है तो फिर इसे वोटर लिस्ट में जोड़ने की कोशिश क्यों कर रहे हो? ये सब बस एक धोखा है।
shruti raj
नवंबर 13, 2025 AT 20:41मैंने तो सुना है कि ये सब चुनाव आयोग का बड़ा षड्यंत्र है... आधार कार्ड को रद्द करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कुछ लोगों के वोट न लगें। ये तो एक बड़ी साजिश है! 😡
Khagesh Kumar
नवंबर 15, 2025 AT 06:29फॉर्म भरो बस। आधार चाहिए या नहीं, ये बात नहीं है। अगर आपका नाम पुरानी लिस्ट में है तो बस फॉर्म भर दो। बाकी सब बहस है।
Ritu Patel
नवंबर 16, 2025 AT 21:30ये सब तो बस एक नया तरीका है गरीबों को वोट देने से रोकने का। जन्म प्रमाणपत्र? कौन रखता है गाँव में? ये सब बस एक बड़ा धोखा है।
Deepak Singh
नवंबर 17, 2025 AT 07:24यह अभियान अत्यंत व्यवस्थित और विचारशील है। तीन बार का दौरा, ऑनलाइन फॉर्म, ड्राफ्ट लिस्ट का अवसर - यह सब एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक अभियान का उदाहरण है। चुनाव आयोग को बधाई!
Rajesh Sahu
नवंबर 18, 2025 AT 02:12हमारे देश में ऐसे अभियान चलने चाहिए! जिन्होंने इसे बनाया है, वो असली पात्र हैं! भारत को इसी तरह के नेता चाहिए! जय हिन्द! 🇮🇳
Chandu p
नवंबर 18, 2025 AT 15:15अगर तुम्हारा नाम नहीं है तो घबराओ मत! बस 1950 हेल्पलाइन पर कॉल करो या ऑनलाइन फॉर्म भर दो। ये बात है अपने वोट की - इसे न छोड़ो! 💪❤️
Gopal Mishra
नवंबर 20, 2025 AT 08:31इस अभियान की वास्तविक ताकत इस बात में छिपी है कि यह एक नागरिक के लिए अपने अधिकार को समझने का एक अवसर है। यह सिर्फ एक फॉर्म भरने की बात नहीं है - यह एक नागरिक के रूप में अपने जीवन के निर्णय लेने की शक्ति का एहसास है। जब तक हम अपने वोट को नहीं समझेंगे, तब तक लोकतंत्र एक शब्द ही रहेगा। यह अभियान उस शब्द को जीवन दे रहा है। यह बहुत बड़ी बात है। इसे निर्णायक रूप से समर्थन दें।