Abhijit Muhurat – शुभ समय की गाइड

When working with Abhijit Muhurat, एक विशेष 48‑ मिनट का अवधि जो भारतीय पंचांग में सूर्योदय‑सूर्यास्त के बीच आता है और माना जाता है कि यह सबसे शुभ समय है, also known as अभिजीत मुहूर्त, it संकल्प, विवाह, व्यापार या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने के लिए ऊर्जा का उच्चतम स्तर प्रदान करता है. यह समय दैनिक जीवन में अक्सर अनदेखा रहता है, लेकिन जब सही तरीके से उपयोग किया जाए तो परिणाम आश्चर्यजनक हो सकते हैं. Abhijit Muhurat की शक्ति को समझने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि यह कब और कैसे निकलता है.

Abhijit Muhurat की गणना ज्योतिष शास्त्र, प्राचीन भारतीय विज्ञान जो ग्रह‑नक्षत्रों के आधार पर समय और घटनाओं का विश्लेषण करता है पर निर्भर करती है. इस विज्ञान के अनुसार, जब सूर्य और कृष्णा नक्षत्र के बीच विशेष समन्वय बनता है, तो वह 48‑ मिनट का समय अभिजीत मुहूर्त बन जाता है. इसके अलावा, पंचांग, भारतीय टाइम‑टेबल जो तिथियों, समय और तिथि‑तिथि संबंधों को दर्शाता है में इस अवधि को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाता है, जिससे हर दिन का सही समय पता चल जाता है. कई लोग इसे केवल शादियों या बड़े kararों तक सीमित रखते हैं, पर वास्तव में शुभ कार्य, कोई भी ऐसा कार्य जो सकारात्मक परिणाम लाने की संभावना रखता हो इस समय किया जा सकता है – चाहे वह नई नौकरी की शुरुआत हो, घर का नवीनीकरण या व्यक्तिगत लक्ष्य तय करना.

जब हम लग्न, व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह‑नक्षत्र की स्थिति जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को निर्धारित करती है की बात करते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त का असर और स्पष्ट हो जाता है. कई वैदिक शास्त्र यह कहते हैं कि यदि महत्वपूर्ण निर्णय या अनुष्ठान अभिजीत मुहूर्त के दौरान किया जाए, तो वह लग्न में दर्शाए गए बाधाओं को कम कर सकता है और सफलता की संभावनाएँ बढ़ा देता है. इसलिए, यह समय न केवल व्यक्तिगत योजना बनाते समय, बल्कि व्यापारिक लॉन्च, प्रॉपर्टी खरीद या निवेश निर्णयों में भी उपयोगी साबित होता है. हमारे संग्रह में कई लेख इस दिशा में गहराई से चर्चा करते हैं – जैसे निवेश रणनीति, बैंकिंग परिणामों का विश्लेषण, या खेल प्रतिस्पर्धा में शुभ समय का चयन.

अब आगे क्या पढ़ेंगे?

नीचे आपको विभिन्न विषयों पर लेख मिलेंगे जो Abhijit Muhurat की अवधारणा को व्यावहारिक संदर्भ में रखते हैं – चाहे वह क्रिकेट मैच की शुरुआत हो, वित्तीय योजना, या स्थानीय समाचार। इन लेखों में आपको समय‑निर्धारण के पीछे का विज्ञान, वास्तविक केस स्टडी, और कैसे आप अपने दैनिक निर्णयों में इस शुभ समय का लाभ उठा सकते हैं, सब मिलेगा. इस गाइड को पढ़कर आप अपने जीवन में अभिजीत मुहूर्त को सही जगह पर लागू कर सकेंगे और सकारात्मक परिणाम देखेंगे.

सित॰, 27 2025
Navratri 2025 के चौथे दिन माँ कुशमांडा की पूजा: लौकी का हलवा कैसे बनाएं

Navratri 2025 के चौथे दिन माँ कुशमांडा की पूजा: लौकी का हलवा कैसे बनाएं

Navratri 2025 के चौथे दिन (25 सितम्बर) को माँ कुशमांडा की पूजा होती है। इस दिन पीले‑ऑरेंज रंग, शाकाहारी भोग और विशेष रूप से लौकी का हलवा प्रमुख होते हैं। अभिजीत मुहूर्त में पुजा करने से मन‑शरीर को ऊर्जा मिलती है। ग्रीष्म‑ज्योतिष के अनुसार माँ का संबंध बुध ग्रह से है।

आगे पढ़ें