मार्गशीर्ष अमावस्या 2025: पितृ पूजा, विष्णु भक्ति और पूर्वजों के लिए अमूल्य दिवस
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 को पितृ पूजा और विष्णु भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस दिन गंगाजल स्नान, ब्राह्मण भोजन और तर्पण से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है।
आगे पढ़ें2025 एक ऐसा साल रहा जिसमें महिला क्रिकेट, भारतीय महिला खिलाड़ियों द्वारा बनाए गए ऐतिहासिक रिकॉर्ड और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत की अग्रणी भूमिका ने खेल के इतिहास को बदल दिया। प्रतिका रावल ने केवल 8 मैचों में 500 रन बनाकर 27 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जबकि हार्मनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान को 12-0 से हराकर एक अद्वितीय रिकॉर्ड बनाया। आईपीओ, भारतीय कंपनियों द्वारा निवेशकों के लिए शेयर बाजार में नया अवसर प्रदान करने की प्रक्रिया भी इस साल बड़ा धमाका लगाया। टाटा कैपिटल ने ₹15,511 करोड़ का आईपीओ लॉन्च किया, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ 54 गुना सब्सक्राइब हुआ, और Canara Robeco का 100% OFS ने शेयरधारकों को तरलता दी। ये सिर्फ नंबर नहीं, ये भारत के वित्तीय भविष्य के नए मोड़ हैं।
केरल लॉटरी, भारत की सबसे लोकप्रिय राज्य स्तरीय लॉटरी प्रणाली जो हर हफ्ते लाखों लोगों की जिंदगी बदल देती है ने 2025 में भी अपना जादू बरकरार रखा। DE 606067 टिकट ने ₹1 करोड़ का पुरस्कार जीता, और ऑटो चालक अनूप ने 25 करोड़ जीतकर एक रेस्तरां खोला—लेकिन अचानक अमीर बनने के बाद उसे लगातार मदद की मांगों का सामना करना पड़ा। इसी साल, भारतीय चुनाव आयोग, भारत के मतदाताओं की सूची को अद्यतन और पारदर्शी बनाने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय संस्थान ने SIR अभियान शुरू किया, जिसमें 51 करोड़ मतदाताओं की सूची घर-घर जाकर अपडेट की गई। इसके अलावा, मौसम ने भी ध्यान खींचा—एनसीआर में बादल छाने के बाद ठंड तेज हो गई, और निक्केई 225 में 8% गिरावट ने एशिया के बाजारों में उथल-पुथल मचा दी।
2025 की ये खबरें सिर्फ अलग-अलग नहीं हैं—ये एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। एक खिलाड़ी का शतक, एक ऑटो चालक का जीतना, एक कंपनी का आईपीओ, और एक मतदाता की सूची में बदलाव—सब एक ही साल की कहानी हैं। यहां आपको इसी साल के बड़े-बड़े मोड़ों की सटीक, ताजा और विस्तृत जानकारी मिलेगी। जो खबरें आपने सुनीं, जो रिकॉर्ड आपने देखे, जो निवेश आपने किए—सब कुछ यहां एक जगह पर है।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 को पितृ पूजा और विष्णु भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस दिन गंगाजल स्नान, ब्राह्मण भोजन और तर्पण से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है।
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