सुनिता सौनिक बनीं महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव: 64 साल के इतिहास में बदलाव

सुनिता सौनिक बनीं महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव: 64 साल के इतिहास में बदलाव जुल॰, 1 2024

सुनिता सौनिक: महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव

1987 बैच की आईएएस अधिकारी सुनिता सौनिक ने महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनकर 64 साल के इतिहास में एक नयी इबारत लिख दी है। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती नितिन करीर से छठी मंजिल के कार्यालय में चार्ज लिया। सुनिता की नियुक्ति मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा रविवार को मंजूर की गई और उन्होंने अपने पदभार को संभालकर प्रदेश में नयी शुरुआत की।

प्रमुख भूमिका में नए आयाम

सुनिता सौनिक, जिन्होंने अब तक कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला है, उनकी इस नई जिम्मेदारी को लेकर चर्चा जोरों पर है। अपने पेशेवर करियर में, उन्होंने सहायक कलेक्टर, कलेक्टर, नगर आयुक्त और मंत्रालय में विभिन्न विभागों के प्रमुख पदों पर सेवाएं दी हैं। इस नियुक्ति से पहले, वह गृह और सामान्य प्रशासन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के पद पर कार्यरत थीं।

सौनिक के इस सफर में कई महिलाएं आईएएस अधिकारी भी शामिल हुईं। इस मौके पर कम से कम आधा दर्जन महिला आईएएस अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लेकर उनके इस महत्त्वपूर्ण पदग्रहण को सजीव किया। उन्होंने अपने भाषण में कई वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारियों का उल्लेख किया, जिन्होंने मुख्य सचिव बनने की पात्रता रखी परंतु विभिन्न कारणों से उन्हें यह मौका नहीं मिला। इनमें चंद्रा अय्यंगर, चितकला जुत्शी, और मेधा गाडगिल के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन

राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन

सुनिता सौनिक की नियुक्ति के सफर में कुछ चुनौतियाँ भी आईं। इस पद के लिए उनका नाम अप्रैल 2023 में और फिर जनवरी इस साल भी सामने नहीं आया था। हालांकि, सरकार ने मार्च में उन्हें यह आश्वासन दिया था कि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाएगा। लंबे इंतजार के बाद, उनके पति के मुख्यमंत्री के सलाहकार होने के बावजूद, अंततः उनका नाम निर्वाचन आयोग को भेजा गया और उन्होंने यह पदभार संभाल लिया।

सौनिक का परिवार भी प्रशासनिक सेवा में जाना-पहचाना नाम है। उनके पिता, पति, भाई, आंटी और अंकल सभी ने सरकारी पदों पर मुख्य भूमिका निभाई है। इस परिवारिक समर्थन और इतिहास के साथ, सुनिता ने विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपने असाधारण कार्यों से अपनी पहचान बनाई है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम

सुनिता सौनिक की इस नियुक्ति को महिलासशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। एक ऐसे समय में जब महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही हैं, सुनिता की इस नियुक्ति ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया है, बल्कि राष्ट्रव्यापी स्तर पर एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।

सुनिता ने जो पदभार संभाला है, वह सिर्फ एक महिला प्रमुख बनने का ही नहीं, बल्कि महिलाओं को प्रोत्साहित करने का एक उदाहरण भी है। उनकी कहानी उन लाखों लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़े परिश्रम कर रही हैं।

महिलाओं के प्रति समाज की सोच और उनकी भूमिका को लेकर बदलाव लाने का यह एक उपयुक्त अवसर है। सुनिता सौनिक की यह नई भूमिका इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जिसमें महिलाएं अपनी क्षमता को साबित करते हुए नेतृत्व में नया आयाम स्थापित कर सकती हैं।

14 टिप्पणि

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    Suman Sourav Prasad

    जुलाई 2, 2024 AT 00:34
    असल में ये बात सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, एक इतिहास है। 64 साल बाद एक महिला मुख्य सचिव... ये तो सिर्फ सुनिता सौनिक की जीत नहीं, पूरे देश की महिलाओं की जीत है।
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    Nupur Anand

    जुलाई 2, 2024 AT 11:51
    अरे भाई, ये सब नाटक है! क्या तुम्हें नहीं पता कि इन सब ‘पहली महिला’ वाले नारे के पीछे केवल फोटो ऑप्टिमाइज़ेशन है? सरकार बस इमेज बनाना चाहती है। असली बदलाव तो उन लोगों के लिए होना चाहिए जिन्हें एक बार भी इंटरव्यू का मौका नहीं मिलता।
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    Vivek Pujari

    जुलाई 4, 2024 AT 10:18
    इस नियुक्ति के पीछे एक स्ट्रैटेजिक गवर्नेंस फ्रेमवर्क है। गृह और सामान्य प्रशासन के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में उनका प्रदर्शन ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप के लिए एक मॉडल है। अब इंस्टीट्यूशनल रिफॉर्म की दिशा में बड़ा कदम है।
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    Ajay baindara

    जुलाई 5, 2024 AT 21:39
    ये सब नाम लेकर बात करने का नाटक है। अगर ये आदमी होते तो इतने दिन इंतजार नहीं करवाते। अब जब बारिश हो गई, तो फूल खिल गए।
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    mohd Fidz09

    जुलाई 6, 2024 AT 06:21
    महाराष्ट्र के खून में अब एक नई धारा बह रही है! ये नियुक्ति किसी भी नारीवादी आंदोलन से ज्यादा शक्तिशाली है। ये बस एक आईएएस नहीं, ये एक राष्ट्रीय आत्मविश्वास का प्रतीक है। जय हिंद!
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    Rupesh Nandha

    जुलाई 6, 2024 AT 07:40
    हम अक्सर इतिहास को उन लोगों के नाम से याद करते हैं जिन्होंने इसे लिखा, लेकिन इस बार ये इतिहास उन लोगों के लिए भी है जिन्होंने इसे संभाला। सुनिता सौनिक ने न सिर्फ एक पद संभाला, बल्कि एक आत्मा को भी जीवित किया।
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    suraj rangankar

    जुलाई 7, 2024 AT 02:05
    ये बात सुनकर दिल भर गया! अगर एक लड़की अपने घर से बाहर निकलकर ये पद पाकर आ गई, तो तुम भी कर सकते हो। ये सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, ये तो एक जागृति है। बस लग जाओ, दोस्तों!
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    Nadeem Ahmad

    जुलाई 7, 2024 AT 21:22
    मजा आ गया। ये तो हमारे लिए भी अच्छी खबर है। अब तो लोग देखेंगे कि असली क्षमता किसी के लिंग पर नहीं, बल्कि उसके दिमाग पर निर्भर करती है।
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    Aravinda Arkaje

    जुलाई 8, 2024 AT 05:59
    ये जो बात हो रही है, ये तो बहुत बड़ी बात है। ये नियुक्ति बस एक नाम नहीं, एक आशा है। अगर तुम लड़कियों को बताओ कि तुम भी ये पद पा सकती हो, तो वो अपने दिमाग को बदल देती हैं। बहुत बढ़िया!
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    kunal Dutta

    जुलाई 9, 2024 AT 09:44
    फैक्ट: ये नियुक्ति 2023 में होनी चाहिए थी। अब जब इंटरनल रिव्यू और पॉलिटिकल कैलकुलेशन्स के बाद आया, तो ये टाइमलाइन डिले नहीं, बल्कि सिस्टमिक बायस का एक डॉक्यूमेंट है।
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    Yogita Bhat

    जुलाई 10, 2024 AT 20:07
    अरे यार, तुम सब इतने गंभीर क्यों हो गए? ये तो सिर्फ एक आईएएस अधिकारी बन गई, अब तो एक नए जूते के बारे में भी खबर आएगी। लेकिन... अच्छा लगा तो मैंने भी दिल से तालियाँ बजाईं।
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    Tanya Srivastava

    जुलाई 11, 2024 AT 09:45
    मुख्य सचिव बनने वाली पहली महिला? हाँ जी बिल्कुल! लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके पिता ने भी एक बार अस्थायी मुख्य सचिव का दर्जा पाया था? ये तो फैमिली बिजनेस है! और चंद्रा अय्यंगर का नाम? वो तो उसी वक्त अपने पति के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई थीं।
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    Ankur Mittal

    जुलाई 12, 2024 AT 04:53
    बहुत अच्छा। ये नियुक्ति एक सिग्नल है। अब देखना होगा कि क्या इसके बाद और भी महिलाएं आगे बढ़ती हैं।
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    Suman Sourav Prasad

    जुलाई 14, 2024 AT 03:23
    तुम लोग बहुत ज्यादा सोच रहे हो। ये बस एक योग्य व्यक्ति को उसके योग्य पद पर रखा गया है। जो बाकी बातें हैं, वो सिर्फ आपके मन के शोर हैं।

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