सुनील छेत्री की नेट वर्थ 2024: भारत के फुटबॉल कप्तान लक्जरी बंगले में रहते हैं, कार कलेक्शन और जीवन शैली

सुनील छेत्री की नेट वर्थ 2024: भारत के फुटबॉल कप्तान लक्जरी बंगले में रहते हैं, कार कलेक्शन और जीवन शैली मई, 16 2024

सुनील छेत्री का अंतरराष्ट्रीय करियर

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की है। उनका आखिरी मैच 6 जून को कुवैत के खिलाफ होगा। छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह 94 गोल के साथ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में चौथे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।

छेत्री को 2011 में अर्जुन अवार्ड और 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। छेत्री के संन्यास लेने के बाद भी उनकी आय और नेट वर्थ पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।

सुनील छेत्री की नेट वर्थ और आय

सुनील छेत्री भारत के सबसे अमीर फुटबॉलरों में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 28 करोड़ रुपये आंकी जाती है। छेत्री की सालाना आय करीब 7 करोड़ रुपये है, जिसमें उनकी सैलरी, ब्रांड एंडोर्समेंट और अन्य स्रोत शामिल हैं।

छेत्री को कई बड़े ब्रांड्स का एंडोर्समेंट मिलता है, जिसमें प्यूमा, रिलायंस जियो, हीरो मोटोकॉर्प और अन्य कई ब्रांड शामिल हैं। इसके अलावा वह इंडियन सुपर लीग की बेंगलुरु एफसी टीम के लिए भी खेलते हैं, जहां से उन्हें काफी अच्छी सैलरी मिलती है।

सुनील छेत्री का लग्जरी बंगला

सुनील छेत्री बैंगलोर के एक आलीशान बंगले में रहते हैं। यह बंगला उन्होंने 2017 में 6 करोड़ रुपये में खरीदा था। इस बंगले में कई शानदार सुविधाएं हैं जैसे स्विमिंग पूल, जिम, सिनेमा हॉल, इनडोर गेम्स रूम आदि।

छेत्री के बंगले की इंटीरियर डिजाइनिंग भी बेहद खूबसूरत है। उन्होंने अपने बंगले को अपनी पसंद के हिसाब से डिजाइन करवाया है। बंगले में उनके फुटबॉल करियर से जुड़ी कई यादगार चीजें भी सजाई गई हैं।

सुनील छेत्री का लग्जरी कार कलेक्शन

सुनील छेत्री के पास लग्जरी गाड़ियों का शानदार कलेक्शन है। उनके कार कलेक्शन में शामिल हैं:

  • ऑडी क्यू7
  • बीएमडब्ल्यू एक्स5
  • रेंज रोवर स्पोर्ट
  • मर्सिडीज बेंज जीएलएस
  • पोर्शे कैयेन

इन गाड़ियों की कीमत लाखों रुपये में है। छेत्री अक्सर अपनी लग्जरी गाड़ियों में घूमते नजर आते हैं। उनके कार कलेक्शन से उनकी शानदार लाइफस्टाइल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुनील छेत्री की लाइफस्टाइल

सुनील छेत्री एक बेहद सफल फुटबॉलर होने के साथ-साथ एक शानदार लाइफस्टाइल भी जीते हैं। वह अक्सर अपने परिवार और दोस्तों के साथ घूमने-फिरने जाते हैं। छेत्री फिटनेस के प्रति काफी सजग रहते हैं और रोजाना कसरत करते हैं।

छेत्री की पत्नी सोनम भट्टाचार्य एक मॉडल हैं और वह भी एक लग्जरी लाइफ जीती हैं। कपल अक्सर एक साथ वेकेशन पर जाते हैं और अपनी खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। छेत्री एक परफेक्ट फैमिली मैन भी हैं और अपने बेटे के साथ क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करते हैं।

सुनील छेत्री एक इंस्पिरेशनल शख्सियत हैं और युवाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से जो मुकाम हासिल किया है, वह काबिले तारीफ है। उम्मीद है कि वह आगे भी भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

17 टिप्पणि

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    Vitthal Sharma

    मई 17, 2024 AT 17:52

    सुनील छेत्री की नेट वर्थ तो बहुत अच्छी है, लेकिन भारत में फुटबॉल को इतना समर्थन क्यों नहीं मिलता?

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    shubham gupta

    मई 18, 2024 AT 14:11

    सुनील छेत्री के करियर को देखकर लगता है कि अगर कोई लगन से काम करे तो फुटबॉल भी एक लायक पेशा बन सकता है। उन्होंने न सिर्फ खुद को बनाया, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल भी बनाई।
    उनकी डिसिप्लिन, फिटनेस और टीम के प्रति लगन देखकर युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
    हमारे देश में फुटबॉल को अभी भी क्रिकेट की छाया में छुपा दिया गया है, जबकि उनके जैसे खिलाड़ियों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और लोकप्रियता होनी चाहिए।
    उनकी सैलरी और ब्रांड एंडोर्समेंट देखकर लगता है कि फुटबॉलर्स को भी अच्छी कमाई का मौका मिल सकता है, बस उन्हें सही जगह पर लाने की जरूरत है।
    अगर इंडियन सुपर लीग को और ज्यादा प्रोमोट किया जाए तो यह खेल एक नया रूप ले सकता है।
    सुनील ने न सिर्फ गोल किए, बल्कि एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
    उनके बंगले और कारों की बात करने से पहले उनकी मेहनत को समझना चाहिए।
    एक गांव के लड़के ने कैसे देश का कप्तान बन गया, ये कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है।
    उनकी लाइफस्टाइल तो दिखाती है कि सफलता का फल भी खाया जा सकता है, बस उसके लिए लगन चाहिए।
    हमें उनकी शानदार लाइफस्टाइल के बारे में बात करने की बजाय उनके लिए जो बाधाएं थीं, उन पर ध्यान देना चाहिए।
    उन्होंने खुद को एक फुटबॉलर के रूप में नहीं, एक इंस्पिरेशन के रूप में बनाया।
    अगर हम इस देश में फुटबॉल को एक व्यावसायिक और सामाजिक अवसर के रूप में देखेंगे, तो अगली पीढ़ी और भी बेहतर होगी।
    सुनील ने सिर्फ गोल नहीं किए, बल्कि एक अलग दृष्टिकोण भी बनाया।
    उनके बाद के खिलाड़ियों को भी इसी तरह की स्थिति मिले, ये हमारी जिम्मेदारी है।
    उनका संन्यास एक अंत है, लेकिन उनकी विरासत एक शुरुआत है।

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    Gajanan Prabhutendolkar

    मई 19, 2024 AT 14:49

    ये सब बकवास है। सुनील छेत्री की नेट वर्थ के बारे में लिखना क्या है? एक ऐसा खिलाड़ी जिसकी आय क्रिकेटर्स की तुलना में नगण्य है, उसके बंगले और कारों को शो के रूप में दिखाना किस बात का है?
    ये सब एक धोखा है जिससे लोगों को ये लगता है कि फुटबॉल भी एक लाभदायक करियर है।
    जब तक फुटबॉल को राष्ट्रीय स्तर पर निवेश नहीं मिलेगा, तब तक ये सब बस एक नाटक है।
    उनकी आय का 90% ब्रांड एंडोर्समेंट से आता है, और वो भी उनके नाम के लिए।
    क्या कोई सोचता है कि अगर वो एक और खिलाड़ी होते तो इतना पैसा मिलता? नहीं।
    ये सब एक फैक्ट नहीं, एक फेक नैरेटिव है।
    हम एक ऐसे खिलाड़ी की तारीफ कर रहे हैं जिसने एक ऐसे खेल में जीत हासिल की जिसकी कोई असली स्थिति नहीं है।
    अगर ये बात सच है तो फिर भारतीय फुटबॉल टीम क्यों विश्व कप में नहीं जा पाई?
    सुनील छेत्री एक अच्छा खिलाड़ी है, लेकिन ये सब नेट वर्थ की बातें एक बड़ा धोखा है।

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    ashi kapoor

    मई 20, 2024 AT 00:09

    अरे भाई, सुनील छेत्री के पास ऑडी क्यू7 है, बीएमडब्ल्यू एक्स5 है, रेंज रोवर स्पोर्ट है, मर्सिडीज जीएलएस है, पोर्शे कैयेन है... और फिर भी हमारे बच्चे फुटबॉल के लिए नहीं जा रहे?
    क्योंकि ये सब उनके लिए नहीं, बल्कि हमारे लिए है - हमें ये दिखाने के लिए कि अगर तुम इतनी मेहनत करोगे तो तुम भी एक गाड़ी खरीद सकते हो।
    बस एक गाड़ी की बात नहीं, एक बंगले की बात भी है, जिसमें सिनेमा हॉल है, स्विमिंग पूल है, जिम है - और फिर भी हमारे स्कूलों में फुटबॉल के लिए एक गेंद तक नहीं है।
    ये सब एक विरोधाभास है, एक अहंकार का नाटक।
    हम उनकी लग्जरी लाइफ को फेसबुक पर लाइक करते हैं, लेकिन अगर कोई बच्चा फुटबॉल के लिए बाहर निकलता है तो उसे घर में रोक दिया जाता है।
    हम उनके कारों को शेयर करते हैं, लेकिन उनके बाद के खिलाड़ियों के लिए एक ट्रेनिंग ग्राउंड नहीं बनाते।
    अगर ये सब एक रियलिटी शो होता तो उसका नाम होता - ‘क्या तुम इतना अमीर बन सकते हो जब तुम्हारे पास नहीं है कुछ?’
    सुनील छेत्री एक बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन ये सब उनकी सफलता की नहीं, बल्कि हमारी असफलता की दर्पण है।
    हम उन्हें इंस्पिरेशन बनाना चाहते हैं, लेकिन उनकी लगन की जगह उनकी गाड़ियों को इंस्पिरेशन बना रहे हैं।
    और फिर हम अपने बच्चों को फुटबॉल से दूर रखते हैं क्योंकि ‘ये नौकरी नहीं है’।
    हम एक आदमी को हीरो बनाते हैं ताकि उसकी लग्जरी लाइफ को जानकर हम खुद को बेहतर महसूस कर सकें।
    लेकिन जब तक हम अपने बच्चों को एक ग्राउंड नहीं देंगे, तब तक ये सब बस एक बड़ा बुरा जोक है।
    हमारे देश में फुटबॉल के लिए एक गेंद खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं, लेकिन एक खिलाड़ी के लिए पांच लग्जरी कारें खरीदने के लिए हजारों करोड़ खर्च हो रहे हैं।
    हम उनकी लाइफस्टाइल को देखकर खुश होते हैं, लेकिन उनके लिए एक ग्राउंड बनाने के लिए नहीं।
    ये एक विकृत समाज है।

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    Yash Tiwari

    मई 20, 2024 AT 07:23

    सुनील छेत्री की नेट वर्थ का आंकड़ा 28 करोड़ रुपये बताया गया है, लेकिन यह आंकड़ा गलत है।
    इसमें उनके ब्रांड एंडोर्समेंट की कीमत को अतिरंजित किया गया है, जो वास्तविक आय का अनुमान नहीं लगाता।
    एक फुटबॉलर की सैलरी इंडियन सुपर लीग में औसतन 1.5 करोड़ रुपये तक होती है, और उनके लिए 7 करोड़ का आंकड़ा बिल्कुल अतिशयोक्ति है।
    उनके बंगले की कीमत 6 करोड़ बताई गई है, लेकिन बैंगलोर में एक लग्जरी प्रॉपर्टी की कीमत 12-15 करोड़ तक हो सकती है, इसलिए यह आंकड़ा भी नीचे दिखाया गया है।
    उनकी कारों की कुल कीमत 1.2-1.5 करोड़ हो सकती है, जो उनकी नेट वर्थ का लगभग 5% है।
    इसका मतलब है कि उनकी नेट वर्थ का 90% अनुमानित और अनप्रमाणित स्रोतों से आता है।
    इस तरह के आंकड़े लोगों को भ्रमित करते हैं और एक गलत धारणा बनाते हैं कि फुटबॉल एक अमीरी का रास्ता है।
    वास्तव में, भारत में 99% फुटबॉलर्स की आय लाखों में है, न कि करोड़ों में।
    सुनील छेत्री एक अपवाद हैं, लेकिन उनकी लग्जरी लाइफ को एक नियम बनाने की कोशिश करना एक विकृत दृष्टिकोण है।
    हमें उनके खेल के प्रति समर्पण की बजाय उनके संपत्ति के बारे में बात करना बंद करना चाहिए।
    उनकी विरासत उनकी गोल नहीं, बल्कि उनके द्वारा बदले गए नजरिए हैं।
    अगर हम फुटबॉल को वास्तविक रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें उनके बारे में बात करने की बजाय उनके खेल के बारे में बात करनी चाहिए।
    उनकी नेट वर्थ की बात करना एक व्यावसायिक धोखा है, जिसे जनता को भ्रमित करने के लिए बनाया गया है।
    उनकी सफलता को समझने के लिए हमें उनकी लगन, अनुशासन और टीम वर्क को देखना चाहिए, न कि उनकी कारों को।
    हमारे समाज में एक खिलाड़ी की सफलता का मापदंड उसकी गाड़ियों की संख्या नहीं, बल्कि उसके खेल में योगदान होना चाहिए।
    यह एक गहरी सामाजिक समस्या है - हम इंसान को नहीं, उसके अलंकरण को देखते हैं।

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    Mansi Arora

    मई 20, 2024 AT 16:34

    सुनील छेत्री की नेट वर्थ 28 करोड़ रुपये है? ये कौन सा नंबर है जो आपने फेसबुक पर देखा है?
    मुझे लगता है कि ये नंबर बस एक गूगल रिजल्ट है जिसे किसी ने फेक आर्टिकल से कॉपी किया है।
    क्या आपने कभी इंडियन सुपर लीग के खिलाड़ियों की सैलरी देखी है? ज्यादातर 50 लाख से भी कम है।
    और उनके बंगले के बारे में? बैंगलोर में 6 करोड़ का बंगला? वो तो एक छोटा सा फ्लैट है जिसे अच्छा डिजाइन करके बड़ा दिखाया गया है।
    और कारों का कलेक्शन? ऑडी क्यू7? बीएमडब्ल्यू एक्स5? ये सब तो लोगों के घरों में हैं, लेकिन वो उनके नाम पर नहीं हैं।
    क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर लग्जरी कारें लीज पर होती हैं? ये सब बस लुक है।
    मैंने उन्हें बैंगलोर में देखा है, वो एक बाइक पर जाते हैं।
    ये सब एक फेक नैरेटिव है जिसे एक मीडिया ने बनाया है ताकि लोग फुटबॉल को एक फैशन स्टेटमेंट बना दें।
    अगर आप उनकी नेट वर्थ देखना चाहते हैं, तो उनके बैंक बैलेंस देखें, न कि उनके इंस्टाग्राम पोस्ट।
    हमारे देश में ऐसे लोग जो असली अमीर हैं, वो तो अपनी गाड़ियों को छिपाते हैं।
    सुनील छेत्री एक अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन उनकी नेट वर्थ की बात करना एक बहुत बड़ा धोखा है।
    हम लोग एक खिलाड़ी की लग्जरी लाइफ को इंस्पिरेशन बना रहे हैं, जबकि उनकी असली लगन तो उनके गोल हैं।
    मैंने उनका एक मैच देखा था जब वो टीम के लिए एक गोल किया था और फिर उन्होंने अपने बच्चे के साथ घर जाने के लिए बस का इंतजार किया था।
    ये असली लाइफस्टाइल है।
    हम फेक नंबर्स की बात कर रहे हैं, जबकि असली कहानी तो उनकी लगन है।

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    Amit Mitra

    मई 22, 2024 AT 06:48

    सुनील छेत्री के करियर को देखकर लगता है कि भारत में भी खेलों को गंभीरता से लिया जा सकता है।
    उन्होंने एक ऐसे खेल में नाम कमाया जिसे देश में कोई नहीं लेता था।
    उनके लिए फुटबॉल बस एक खेल नहीं, बल्कि एक जीवन शैली थी।
    उन्होंने अपने गांव से शुरुआत की, जहां गेंद भी नहीं थी, और आज वो देश के कप्तान हैं।
    उनकी नेट वर्थ के बारे में बात करने की बजाय, हमें उनके लिए जो बाधाएं थीं, उन पर विचार करना चाहिए।
    उन्होंने अपने बचपन में एक गेंद के लिए भी लड़ाई लड़ी।
    आज जब हम उनकी कारों की बात करते हैं, तो हम उनकी लगन को भूल जाते हैं।
    उनके बंगले में जो सिनेमा हॉल है, वो उनके बेटे के लिए है - उन्होंने अपने बच्चे को खेलों की दुनिया में ले जाने के लिए एक जगह बनाई है।
    उनके लिए फुटबॉल एक प्रोफेशन नहीं, एक परिवार का हिस्सा है।
    उनकी पत्नी सोनम भी उनके साथ रहती हैं, और वो भी एक शानदार इंसान हैं।
    हमें उनकी लग्जरी लाइफ की बजाय उनके जीवन की वास्तविकता को समझना चाहिए।
    उनके लिए ये सब एक नतीजा है, एक लक्ष्य नहीं।
    उन्होंने अपने जीवन को एक खेल के लिए समर्पित कर दिया, और आज वो एक इंस्पिरेशन हैं।
    हमें उनके लिए एक ग्राउंड बनाना चाहिए, न कि उनकी कारों की लिस्ट बनाना।
    उनके बाद के खिलाड़ियों को भी ऐसा मौका मिले, ये हमारी जिम्मेदारी है।
    सुनील छेत्री के लिए जो भी है, वो उनके लिए एक याद है, न कि एक लक्ष्य।

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    sneha arora

    मई 22, 2024 AT 15:48

    सुनील छेत्री के बारे में पढ़कर बहुत खुश हुई 😊
    उन्होंने जो किया है वो बहुत अच्छा है ❤️
    उनके बच्चे के साथ वक्त बिताना भी देखकर दिल भर गया 🥹
    मैं भी एक फुटबॉल खिलाड़ी बनना चाहती हूँ 💪
    उनकी लगन से बहुत प्रेरित हुई 🌟
    हमें भी ऐसा करना चाहिए 🙏
    उनके बंगले की तस्वीरें तो बहुत खूबसूरत हैं 😍
    मैं भी एक दिन ऐसा घर बनाऊंगी 💕
    उनके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ 🎉
    भारत के लिए गर्व है 🇮🇳

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    Sagar Solanki

    मई 24, 2024 AT 09:02

    ये सब एक बड़ा गेम है।
    सुनील छेत्री को एक लोकप्रिय चेहरा बनाया गया है ताकि फुटबॉल को एक व्यावसायिक उत्पाद बनाया जा सके।
    उनकी नेट वर्थ का आंकड़ा जानबूझकर बढ़ाया गया है - एक ऐसा नंबर जो लोगों को ये लगाए कि फुटबॉल भी एक अमीरी का रास्ता है।
    जब तक फुटबॉल को एक राष्ट्रीय खेल के रूप में नहीं देखा जाएगा, तब तक ये सब बस एक बाजारी नाटक है।
    उनके बंगले की बात करना एक ट्रिक है - ये लोगों को भ्रमित करता है कि फुटबॉलर्स अमीर हैं, जबकि वास्तविकता ये है कि उनके पास बैंक लोन हैं।
    उनकी कारों का कलेक्शन? उनमें से ज्यादातर लीज पर हैं।
    और ये सब फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फैलाया जा रहा है ताकि युवा लोग फुटबॉल को एक स्टैटस सिंबल बना दें।
    ये एक धोखा है।
    हम एक खिलाड़ी की लग्जरी लाइफ को इंस्पिरेशन बना रहे हैं, जबकि वो अपने बच्चे के लिए एक ग्राउंड बनाने के लिए भी लड़ रहे हैं।
    ये एक बड़ा व्यवसाय है - जिसमें फुटबॉल को एक ब्रांड के रूप में बेचा जा रहा है।
    हमें इस धोखे को समझना होगा।
    सुनील छेत्री एक अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन ये सब उनकी विरासत नहीं, बल्कि एक बाजारी योजना है।
    हम उनकी गोल की बात नहीं कर रहे, हम उनकी कारों की बात कर रहे हैं।
    ये एक विकृत समाज है।

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    Dr.Arunagiri Ganesan

    मई 24, 2024 AT 23:28

    सुनील छेत्री ने न सिर्फ खेल को बदला, बल्कि पूरे देश के नजरिए को बदला।
    उन्होंने दिखाया कि एक छोटे शहर का लड़का भी देश का कप्तान बन सकता है।
    उनकी लगन, अनुशासन और टीम के प्रति लगाव ने हमें सिखाया कि सफलता का रास्ता कोई चमत्कार नहीं, बल्कि रोज की मेहनत है।
    उनके बंगले और कारें उनकी सफलता का प्रतीक हैं, लेकिन उनकी असली जीत वो है जो उन्होंने खेल के मैदान में की।
    उन्होंने एक ऐसा नमूना दिया है जिसे भारत की हर पीढ़ी को अपनाना चाहिए।
    उनके बाद के खिलाड़ियों को भी इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
    उनके संन्यास के बाद भी उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।
    हमें उनके लिए एक ग्राउंड बनाना चाहिए, न कि उनकी कारों की लिस्ट बनाना।
    उन्होंने जो किया है, वो एक इंसान के लिए बहुत बड़ी बात है।
    हम उन्हें गर्व से सलाम करते हैं।
    भारत के लिए गर्व है।

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    simran grewal

    मई 26, 2024 AT 11:30

    सुनील छेत्री के बारे में ये सब लिखना बेकार है।
    क्या आपने कभी सोचा कि उनके जैसे खिलाड़ियों के लिए भी एक ट्रेनिंग ग्राउंड नहीं है?
    हम उनकी कारों को लाइक करते हैं, लेकिन उनके बच्चों के लिए एक गेंद नहीं देते।
    ये एक बड़ा बेइमानी है।
    उन्होंने जो किया है, वो अच्छा है, लेकिन ये सब बस एक धोखा है।
    हम एक खिलाड़ी की लग्जरी लाइफ को इंस्पिरेशन बना रहे हैं, जबकि उनके लिए भी एक बेसिक फैसिलिटी नहीं है।
    ये सब बस एक फेक नैरेटिव है।
    अगर आप उनकी नेट वर्थ की बात कर रहे हैं, तो पहले अपने शहर में एक ग्राउंड बनाइए।
    हम लोग एक बात को भूल रहे हैं - उनकी सफलता उनके लिए एक अपवाद है, न कि एक नियम।
    हमें उनके बारे में बात करने की बजाय, उनके बाद के खिलाड़ियों के लिए कुछ करना चाहिए।
    ये सब बस एक बड़ा झूठ है।

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    Vinay Menon

    मई 28, 2024 AT 04:54

    सुनील छेत्री के बारे में पढ़कर बहुत अच्छा लगा।
    उनकी लगन और टीम के प्रति लगाव देखकर लगता है कि ये एक असली नायक हैं।
    उनके बंगले और कारों की बात तो बस एक नतीजा है - उनकी मेहनत का।
    हमें उनकी लग्जरी लाइफ की बजाय उनके खेल के प्रति समर्पण को देखना चाहिए।
    उन्होंने अपने जीवन को खेल के लिए समर्पित कर दिया।
    उनके बाद के खिलाड़ियों को भी ऐसा ही रास्ता अपनाना चाहिए।
    हमें उनके लिए एक ग्राउंड बनाना चाहिए।
    उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

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    Monika Chrząstek

    मई 28, 2024 AT 19:14

    सुनील छेत्री के बारे में पढ़कर बहुत प्रेरित हुई 😊
    उन्होंने जो किया है वो बहुत बड़ी बात है ❤️
    मैं भी एक दिन ऐसा करना चाहती हूँ 💪
    उनके बच्चे के साथ वक्त बिताना देखकर दिल भर गया 🥹
    भारत के लिए गर्व है 🇮🇳
    उनके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ 🎉

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    Siddharth Madan

    मई 28, 2024 AT 23:34

    सुनील छेत्री की लगन अद्भुत है।
    उन्होंने खेल को जीवन बना लिया।
    उनकी सफलता उनकी मेहनत का नतीजा है।
    हमें उनके लिए गर्व है।

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    chandra aja

    मई 30, 2024 AT 05:13

    28 करोड़? बकवास।
    कारों की लिस्ट? फेक।
    सुनील छेत्री? बस एक नाम।
    फुटबॉल? अभी भी नहीं।

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    Nathan Roberson

    मई 30, 2024 AT 16:08

    सुनील छेत्री के बारे में ये सब पढ़कर लगा जैसे किसी ने एक बड़ा सपना दिखाया है।
    मैं भी छोटे शहर से आया हूं, और मैं भी फुटबॉल खेलता था।
    उनकी कहानी ने मुझे याद दिलाया कि अगर तुम लगन से खेलोगे, तो दुनिया भी तुम्हें याद करेगी।
    उनके बंगले और कारों की बात तो बस एक बोनस है - असली बात तो वो है जो उन्होंने खेल के मैदान में किया।
    मैंने उनका एक मैच देखा था, जब वो टीम के लिए एक गोल करके खुद को बाहर नहीं ले गए, बल्कि अपने दोस्त के लिए बनाया।
    वो एक खिलाड़ी हैं, लेकिन एक इंसान भी।
    हमें उनकी लग्जरी लाइफ की बजाय उनके खेल की ताकत को देखना चाहिए।
    उनके बाद के खिलाड़ियों को भी ऐसा ही रास्ता अपनाना चाहिए।
    भारत के लिए गर्व है।

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    Thomas Mathew

    मई 31, 2024 AT 14:09

    सुनील छेत्री एक इंस्पिरेशन हैं - लेकिन ये सब नेट वर्थ की बातें एक बड़ा भ्रम है।
    हम एक खिलाड़ी की लग्जरी लाइफ को इंस्पिरेशन बना रहे हैं, जबकि उनकी असली जीत उनके गोल हैं।
    ये सब एक नाटक है।
    हम उनके बंगले को देखकर खुश होते हैं, लेकिन उनके बाद के खिलाड़ियों के लिए एक ग्राउंड नहीं बनाते।
    हम उनकी कारों को शेयर करते हैं, लेकिन उनके लिए एक ट्रेनिंग सेंटर नहीं बनाते।
    हम एक आदमी को हीरो बनाते हैं ताकि हम खुद को बेहतर महसूस कर सकें।
    लेकिन जब तक हम अपने बच्चों को एक गेंद नहीं देंगे, तब तक ये सब बस एक बड़ा बुरा जोक है।
    हम एक खिलाड़ी की लग्जरी लाइफ को देखकर खुश होते हैं, लेकिन उनके लिए एक ग्राउंड बनाने के लिए नहीं।
    ये एक विकृत समाज है।
    हम एक नायक की लग्जरी लाइफ को इंस्पिरेशन बना रहे हैं, जबकि उनकी असली विरासत उनकी लगन है।
    हमें उनके लिए एक ग्राउंड बनाना चाहिए।
    उनकी नेट वर्थ नहीं, उनकी लगन को इंस्पिरेशन बनाओ।

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