पेरिस ओलंपिक 2024 दिन 7 के लाइव अपडेट: लक्ष्य सेन क्वार्टरफाइनल में पहुंचे, मनु भाकर पदक की हैट्रिक की ओर

पेरिस ओलंपिक 2024 दिन 7 के लाइव अपडेट: लक्ष्य सेन क्वार्टरफाइनल में पहुंचे, मनु भाकर पदक की हैट्रिक की ओर अग॰, 2 2024

पेरिस ओलंपिक 2024: दिन 7 की प्रमुख घटनाएं

पेरिस ओलंपिक 2024 के सातवें दिन भारतीय दल के लिए बेहद खास रहा। भारतीय एथलीटों ने अपने खेल के कौशल से दर्शकों को हैरान कर दिया। दिन भर का अनुभव अद्भुत संघआर्षिक और उत्साहजनक था।

लक्ष्य सेन: उभरता सितारा

वर्तमान स्थिति में, लक्ष्य सेन ने भारतीय दल के लिए एक नई उम्मीद पेश की है। चाउ तिएन चेन के खिलाफ उनके धमाकेदार प्रदर्शन ने उन्हें बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक पहुंचाया है। यह मैच न केवल उनके कठिन संघर्ष का प्रतीक था, बल्कि उनका मानसिक संकल्प भी दर्शा रहा था। लक्ष्य सेन अब अकेले भारतीय शटलर हैं, जो इस प्रतियोगिता में बचे हुए हैं।

मनु भाकर: पदक की हैट्रिक की ओर

मनु भकर, जिन्होंने पहले दो बार पदक जीते हैं, अब अपने तीसरे पदक की ओर बढ़ रही हैं। महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में उन्होंने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है और साथ ही ईशा सिंह भी इस इवेंट में हिस्सा लेंगी। यह मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है क्योंकि मनु भाकर का प्रयास एक ऐतिहासिक क्षण बन सकता है।

स्वप्निल कुसाले: कांस्य पदक विजेता

स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों के 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशन फाइनल में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उनका यह प्रदर्शन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था। स्वप्निल कुसाले का यह पदक भारतीय दल की पदक तालिका में तीसरा योगदान है।

हॉकी में भारतीय जवान

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल पूल मैच खेला। टीम का प्रदर्शन मिश्रित रहा, लेकिन उनकी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण काबिलेतारीफ था। अब सबकी निगाहें नॉकआउट राउंड पर टिकी हैं।

अन्य एथलीटों का प्रदर्शन

एथलेटिक्स में पारुल चौधरी और तजिंदरपाल सिंह तूर ने भी भारतीय दल का प्रतिनिधित्व किया। उनके प्रयास और मेहनत ने सभी को प्रभावित किया, भले ही वे पदक हासिल करने में सफल न हुए हों। पारुल चौधरी ने अपनी दौड़ में संघर्ष दिखाया, जबकि तजिंदरपाल सिंह तूर ने अपने साहसिक प्रदर्शन से सबका मन मोह लिया।

खेल खत्म होते हैं, लेकिन उम्मीद कायम रहती है

पुरुषों के युगल में सत्विकसैराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी और महिलाओं के एकल में पीवी सिंधु के बाहर होने से भारतीय दल को झटका लगा। उन्होंने बेहद मेहनत की लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। बावजूद इसके, सभी की निगाहें अब लक्ष्य सेन और मनु भाकर पर टिक गई हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 के दिन 7 ने भारतीय खेल इतिहास में असाधारण क्षण जोड़ दिए हैं। भारतीय एथलीटों ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि मेहनत और संघर्ष कभी बेकार नहीं जाते। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें उच्चताओं तक पहुंचाया है, और हमें उन पर गर्व है। आशा है कि आने वाले दिनों में हम और भी पदक जीतेंगे और खेल में नए इतिहास रचेंगे।

21 टिप्पणि

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    Tamanna Tanni

    अगस्त 3, 2024 AT 13:25
    लक्ष्य सेन का खेल देखकर लगा जैसे कोई फिल्म का हीरो बन गया हो। बस इतना कहना है, भारत के लिए ये दिन यादगार होगा।
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    Abhishek Deshpande

    अगस्त 4, 2024 AT 13:48
    लक्ष्य सेन के प्रदर्शन को देखकर... अगर आपने उनके अभ्यास के घंटे नहीं देखे, तो आपको लगेगा कि ये सिर्फ टैलेंट है... लेकिन ये तो रोज़ सुबह 4 बजे उठकर, 1000 शटल को उड़ाने का नतीजा है... और फिर भी कोई कहता है, 'खेल तो खेल है'... बस, अरे भाई, ये जीवन है!
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    vikram yadav

    अगस्त 5, 2024 AT 21:56
    मनु भाकर के लिए तो ये तीसरा पदक बस एक फॉर्मूला है... जैसे चाय में चीनी... लेकिन देश के लिए ये ऐतिहासिक है... और ईशा सिंह का साथ देना... ये तो टीमवर्क का नया नमूना है... जहाँ एक बड़ा खिलाड़ी दूसरे को बढ़ावा दे रहा है... असली खेल का रूप!
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    Rosy Forte

    अगस्त 6, 2024 AT 12:22
    ये सब गर्व की बातें... लेकिन क्या हम भूल रहे हैं कि ये पदक बनाने वाले एथलीट्स को अभी तक डिस्ट्रिक्ट स्तर पर भी सही सुविधाएँ नहीं मिल रहीं? ये सब ट्रेंडिंग है... लेकिन जब बात आती है फंडिंग की... तो सब चुप हो जाते हैं... ये जाति-व्यवस्था का एक अंग है... जहाँ गर्व का नाम लेकर भी निर्माण नहीं होता!
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    Yogesh Dhakne

    अगस्त 6, 2024 AT 19:23
    स्वप्निल कुसाले का कांस्य पदक... बस एक शानदार चीज़ है... लेकिन ये तो अब तक का सबसे साफ़ और सटीक निशानेबाज़ी थी... मैंने टीवी पर देखा... उसके हाथ में जो शांति थी... वो बहुत कम लोगों को मिलती है... ये खेल नहीं... ये ध्यान है!
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    Saachi Sharma

    अगस्त 7, 2024 AT 11:00
    मनु भाकर के लिए तीसरा पदक? बस एक बात... अगर ये टॉप 5 में आ गई तो भारत के लिए ये इतिहास बन जाएगा।
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    Hannah John

    अगस्त 9, 2024 AT 04:09
    सब ये कह रहे हैं कि लक्ष्य सेन ने जीत दिखाई... लेकिन क्या किसी ने सोचा कि उसके ट्रेनर का नाम क्या है? क्या वो किसी विदेशी कंपनी के अधीन है? क्या ये सब एक ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा है जो भारत के खिलाड़ियों को बेच रहा है? क्यों नहीं जांचा जाता? क्यों सब खुश हैं? क्योंकि अगर तुम जांच लोगे... तो ये सारी खुशियाँ गायब हो जाएंगी!
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    dhananjay pagere

    अगस्त 10, 2024 AT 16:06
    लक्ष्य सेन का खेल देखकर लगा जैसे उसने बैडमिंटन को एक नए स्तर पर ले जा दिया... लेकिन देखो उसके बाद के खिलाड़ियों को कितनी सहायता मिल रही है? क्या उसके बाद कोई नए तरीके से ट्रेनिंग दे रहा है? नहीं... ये सब एक बार का झटका है... जैसे बारिश के बाद फूल खिलते हैं... लेकिन जमीन तो वैसी ही है!
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    Shrikant Kakhandaki

    अगस्त 11, 2024 AT 08:11
    मनु भाकर का तीसरा पदक? बस एक बात... अगर ये वाकई हुआ तो मैं अपना नाम बदल दूंगा... लेकिन देखो इस देश में कितने लोग जिनके नाम लिखे जाते हैं... लेकिन उनके घर में बिजली नहीं है... ये सब एक नाटक है... जिसमें हम सब अभिनय कर रहे हैं... असली खेल तो वो है जहाँ एक बच्चा अपने घर के बाहर बैडमिंटन खेल रहा हो बिना शूज के!
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    Vijayan Jacob

    अगस्त 11, 2024 AT 13:02
    स्वप्निल कुसाले के पदक के बाद भी कोई नहीं बोल रहा कि राइफल की बंदूकें कहाँ से आती हैं? क्या ये भारतीय निर्मित हैं? या फिर किसी विदेशी कंपनी के नाम पर? क्यों कोई इस पर सवाल नहीं उठाता? क्योंकि अगर तुम पूछोगे... तो ये सारी खुशियाँ गायब हो जाएंगी... और तुम्हें लगेगा कि तुम एक विद्रोही हो!
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    shubham pawar

    अगस्त 13, 2024 AT 03:25
    लक्ष्य सेन का ये प्रदर्शन... ये तो बस एक बार का झटका है... लेकिन ये देखो... कितने बच्चे अभी भी अपने घर के छत पर बैडमिंटन खेल रहे हैं... बिना शूज के... बिना ट्रेनर के... बिना उम्मीद के... और फिर भी वो खेल रहे हैं... क्यों? क्योंकि खेल उनकी जिंदगी है... और ये देश उनकी जिंदगी को नहीं देख रहा!
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    Nitin Srivastava

    अगस्त 14, 2024 AT 14:55
    मनु भाकर के लिए तीसरा पदक... ये तो एक फिलोसोफिकल घटना है... एक व्यक्ति के अंदर तीन बार जीत का अनुभव करना... ये तो एक अस्तित्व का अनुभव है... जहाँ व्यक्ति अपने आप को तीन बार फिर से जन्म देता है... ये तो जीवन का एक नया सिद्धांत है... जिसे तुम समझ नहीं सकते क्योंकि तुम बस एक खिलाड़ी को देख रहे हो... न कि एक दर्शन को!
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    Nilisha Shah

    अगस्त 15, 2024 AT 19:47
    लक्ष्य सेन का खेल देखकर लगा जैसे एक नया आदर्श उभर रहा है... एक ऐसा खिलाड़ी जो अपने अंदर की शक्ति को बाहर निकाल रहा है... लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि उसके लिए ये अवसर कैसे आया? क्या उसके घर में एक छोटा सा कोर्ट था? क्या उसके माता-पिता ने उसे खेलने की अनुमति दी? ये सब बहुत जरूरी है... और ये बातें भी जरूर बतानी चाहिए!
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    Kaviya A

    अगस्त 16, 2024 AT 02:32
    मनु भाकर ने तीसरा पदक जीत लिया अब ये तो बस बन गया लेकिन देखो अभी भी बहुत से लोग अपने बच्चों को खेलने से रोकते हैं क्योंकि ये नौकरी नहीं है और ये बहुत बुरी बात है
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    Supreet Grover

    अगस्त 16, 2024 AT 21:27
    लक्ष्य सेन के क्वार्टरफाइनल में पहुँचने का अर्थ है कि भारतीय बैडमिंटन की ट्रेनिंग सिस्टम अब एक नए स्तर पर पहुँच गया है... इसका आधार नेटवर्किंग, डेटा एनालिटिक्स, और एथलीट-स्पोर्ट्स साइंस का समन्वय है... ये एक सिस्टमेटिक ट्रांसफॉर्मेशन है... जिसे हम अभी तक नहीं देख पाए हैं... लेकिन ये वास्तव में एक नए युग की शुरुआत है!
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    Saurabh Jain

    अगस्त 17, 2024 AT 13:54
    लक्ष्य सेन का खेल देखकर लगा जैसे एक नया नाम बन रहा है... लेकिन ये तो बस एक शुरुआत है... अब देखना है कि ये नाम बनता रहेगा या फिर गायब हो जाएगा... जैसे कई अन्य नाम... जिन्हें भारत ने भूल दिया...
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    Suman Sourav Prasad

    अगस्त 18, 2024 AT 18:21
    मनु भाकर के लिए तीसरा पदक? अगर वो जीत गई तो ये तो बहुत बड़ी बात है... लेकिन देखो इस देश में कितने लोग अपने बच्चों को खेलने की अनुमति नहीं देते? अगर वो खेलते हैं तो उन्हें बोला जाता है कि नौकरी क्या होगी? ये तो एक बड़ी समस्या है... खेल तो बस एक खेल नहीं है... ये जीवन है!
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    Nupur Anand

    अगस्त 19, 2024 AT 10:13
    लक्ष्य सेन का ये प्रदर्शन? बस एक बात... ये तो एक रूपांतरण है... एक ऐसा रूपांतरण जिसे भारत ने अभी तक नहीं देखा... ये तो एक नए अस्तित्व का जन्म है... जिसमें एक युवा आदमी अपने आप को एक राष्ट्रीय प्रतीक बना रहा है... लेकिन ये सब क्यों? क्योंकि भारत की नई पीढ़ी अब अपने आप को एक शक्ति के रूप में देख रही है... न कि एक अधीनस्थ के रूप में... और ये बहुत बड़ी बात है!
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    Vivek Pujari

    अगस्त 20, 2024 AT 05:46
    मनु भाकर का तीसरा पदक? बस एक बात... अगर वो जीत गई तो ये तो एक दिव्य अवतार है... एक देवी का अवतार... जो भारत के लिए एक नया युग लाने वाली है... और ये सब नहीं... ये तो एक अलौकिक घटना है... जिसे हम बस देख रहे हैं... लेकिन नहीं समझ रहे हैं!
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    kuldeep pandey

    अगस्त 21, 2024 AT 04:43
    लक्ष्य सेन का खेल देखकर लगा जैसे उसने अपनी जिंदगी को एक फिल्म बना दिया है... लेकिन देखो उसके पीछे कौन है? क्या उसके घर में बिजली है? क्या उसके माता-पिता ने उसे खेलने की अनुमति दी? ये सब तो बहुत जरूरी है... लेकिन कोई नहीं पूछता... क्यों? क्योंकि अगर तुम पूछोगे... तो ये सारी खुशियाँ गायब हो जाएंगी!
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    bharat varu

    अगस्त 21, 2024 AT 06:00
    लक्ष्य सेन और मनु भाकर दोनों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है... और अब भारत को और भी पदक चाहिए... लेकिन ये सब तो बस शुरुआत है... अब देखना है कि ये जोश अगले दिन भी बना रहेगा या फिर गायब हो जाएगा... जैसे हमारे अन्य खिलाड़ियों का जोश गायब हो गया था!

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