नीरज चोपड़ा ने मांसपेशियों की चोट के कारण ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक से नाम वापस लिया
मई, 27 2024नीरज चोपड़ा ने चोटिल मांसपेशियों के कारण लिया बड़ा फैसला
भारत के सबसे प्रभावशाली खेल व्यक्तित्वों में से एक, नीरज चोपड़ा, जो कि ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भी हैं, ने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक 2024 से अपना नाम वापस लिया है। यह निर्णय उन्होंने अपनी मांसपेशियों में हुई चोट के कारण लिया। यह खबर न केवल भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के एथलेटिक्स के लिए एक बड़ी बात है।
नीरज चोपड़ा ने अपने सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की कि उन्हें अपनी एडडक्टर मांसपेशियों में चोट का सामना करना पड़ा। यह चोट करीब दो हफ्ते पहले एक थ्रोइंग सत्र के दौरान हुई थी। चोपड़ा ने बताया कि उन्होंने पहले भी इसी तरह की समस्याओं का सामना किया है और इसीलिए उन्होंने इस बार किसी बड़े खतरे से बचने के लिए प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का निर्णय लिया।
ओलंपिक वर्ष में सतकर्ता
नीरज चोपड़ा के इस निर्णय में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ओलंपिक वर्ष में आया है। हर एथलीट के लिए ओलंपिक वर्ष खास मायने रखता है, और किसी भी तरह की चोट का जोखिम नहीं उठाना चाहते। चोपड़ा ने स्पष्ट किया कि वे पूरी तरह से ठीक होने से पहले किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे।
इस वर्ष उन्होंने अभी तक दो प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। पहला इवेंट था दोहा डायमंड लीग जहां उन्होंने 88.36 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। दूसरा इवेंट था फेडरेशन कप, जहां उन्होंने 82.27 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया।
ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक में बदलाव
ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक 2024 एथलेटिक्स मीटिंग 28 मई को चेक गणराज्य में आयोजित की जाने वाली थी। आयोजकों ने घोषणा की है कि नीरज चोपड़ा की जगह इस प्रतियोगिता में यूरोपीय चैंपियन जूलियन वेबर भाग लेंगे। यह प्रतियोगिता अब भी बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होगी और चेक गणराज्य के जैकुब वाडलेच के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी करेगी।
नीरज चोपड़ा का इस प्रतियोगिता में हिस्सा न लेना निश्चित रूप से एक बड़ा निराशाजनक समाचार है, लेकिन उनकी चोट को देखते हुए यह सही निर्णय मालूम पड़ता है।
पेरिस ओलंपिक की तैयारी
भारत की उम्मीदें नीरज चोपड़ा से अब भी बहुत ऊंची हैं, खासकर पेरिस ओलंपिक 2024 को लेकर। भारतीय खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि चोपड़ा फिर से उसी तरह का प्रदर्शन करेंगे जैसा उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में किया था।
गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था और भारतीय एथलेटिक्स को एक नया मुकाम दिया था। इसके बाद से ही वे नई पीढ़ी के एथलीटों के लिए आदर्श बन गए हैं।
अब उनकी चोट से उभरकर मजबूत वापसी की उम्मीद है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने हमेशा उन्हें मुश्किल हालातों से बाहर निकाला है।
भविष्य की योजनाएं और उम्मीदें
नीरज चोपड़ा की भविष्य की योजनाएं और उनकी वापसी का इंतजार खेल प्रेमियों को हमेशा रहेगा। चोटिल होने के बावजूद उनका आत्मविश्वास और धैर्य उनकी सबसे बड़ी ताकत रहे हैं।
नीरज चोपड़ा का यह निर्णय, चोटिल होने के बावजूद प्रतियोगिता से नाम वापस लेने का, निश्चित रूप से एक प्रेरणा स्रोत होगा। यह दर्शाता है कि खेल में सुरक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता होनी चाहिए। पेरिस ओलंपिक में नीरज से एक और स्वर्ण पदक की उम्मीद हर भारतीय खेल प्रेमी की है, और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना सभी कर रहे हैं।