न्यूज़ीलैंड ने बनगलादेश को हराया, सेमीफ़ाइनल में जगह पक्की

न्यूज़ीलैंड ने बनगलादेश को हराया, सेमीफ़ाइनल में जगह पक्की अक्तू॰, 15 2025

जब राचिन रविंद्रा, बल्लेबाज़ न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम ने 112 रन बनाए और माइकल ब्रैसेवेल ने 4 विकेट लिए, तो न्यूज़ीलैंड ने बनगलादेश को 5 विकेट से हराकर ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफ़ाइनल में जगह पक्का कर ली। यह जीत रावलपिंडी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, रावलपिंडी, पंजाब में 24 फरवरी को हुई, जहाँ दोनों दलों के सपने धूमिल हो गए।

इतिहास और पृष्ठभूमि

ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025, जो 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में आयोजित हो रहा है, आठ टीमों को दो समूहों में बाँट कर चलाया गया। ICC Champions Trophy 2025पाकिस्तान में न्यूज़ीलैंड ग्रुप A में भारत, पाकिस्तान और बनगलादेश के साथ मुकाबला कर रहा है। पिछले संस्करण 2017 इंग्लैंड‑वेल्स में हुआ था, और न्यूज़ीलैंड ने 2013 और 2017 में सेमीफ़ाइनल तक पहुँच कर दिखाया था, पर अभी तक फाइनल नहीं देखी है।

मैच का विस्तृत विवरण

मैच की शुरुआत में बनगलादेश के कैप्टन नजमुल होसैन शांतो ने टॉस जीत कर बैटिंग चुनी। शुरुआती ओवरों में 64/1 की अच्छी शुरुआत हुई, पर माइकल ब्रैसेवेल ने तेज़ी से विकेट गिराए – तंज़िद हसन (24), मशफ़ीक़ुर रहीम (2), महमदुल्लाह (4) और तौहिद़ हरिदॉय (7) को बारी‑बारी से आउट किया। अंततः बनगलादेश 236/9 पर समाप्त हुआ, जिसमें शांतो का 77 और जाकर अली का 45 प्रमुख रहे।

न्यूज़ीलैंड ने शुरुआती दो विकेट क्षति झेली – विल यंग का डग़मगा 0 और केन विलियमसन का 5, जिससे स्कोर 19/2 हो गया। फिर राचिन रविंद्रा ने अपनी शताब्दी के साथ टीम को सुरक्षित दिशा दी। टॉम लाथम ने 55 का तेज़ोत्री फॉर्म में स्कोर किया, और दोनों ने मिलकर लक्ष्य को 25 गेंदों की बचत से हासिल किया। अंत में ग्लेन फिलिप्स ने 21* का छोटा लेकिन प्रभावी क्षण बनाकर जीत को पक्का किया।

टीमों की प्रतिक्रियाएँ

मैच के बाद मिचेल सैंटनर, न्यूज़ीलैंड के कप्तान ने कहा, “हमारे शुरुआती झटके के बाद राचिन ने हमें फिर से भरोसा दिलाया। टीम की सामूहिक भावना और ब्रैसेवेल की बॉलिंग ने जीत को सरल बना दिया।”

दूसरी ओर बनगलादेश के कोच ने स्वीकार किया, “हमारा टॉप ऑर्डर अच्छा रहा, पर मिड़ल ऑर्डर ने ब्रैसेवेल की डिलिवरी को संभाल नहीं पाई। हमें आगे सुधार करना होगा।”

प्रभाव और विश्लेषण

इस जीत के साथ न्यूज़ीलैंड ने पहला सेमीफ़ाइनल अपना लिया, साथ ही पाकिस्तान और बनगलादेश दोनों बाहर हो गए। समूह A में अब न्यूज़ीलैंड और भारत की टक्कर अगले हफ्ते कराची के नेशनल स्टेडियम में होगी, जो समूह के शीर्ष स्थान को तय करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीत से न्यूज़ीलैंड की बैटिंग लाइन‑अप की गहरी ताकत साबित हुई, विशेषकर युवा राचिन की पैंचटन। वहीं ब्रैसेवेल के 4/26 ने दिखा दिया कि उनका पिच‑कंडीशन पढ़ने का कौशल कितना निखरा हुआ है।

भारतीय विशेषज्ञ राजीव शरमा, क्रिकेट विश्लेषक ने कहा, “न्यूज़ीलैंड की फील्डिंग और बॉलिंग विविधता अब तक की सबसे मजबूत रही है। अगर भारत उन्हें हराने की कोशिश में अपनी स्पिन बैलेंस को बेहतर रखे तो मैच रोमांचक रहेगा।”

आगे की राह

न्यूज़ीलैंड का अगला चुनौती भारत के खिलाफ 27 फरवरी को कराची में है। यदि वे जीतते हैं तो ग्रुप ए के लीडर बनेंगे और सेमीफ़ाइनल में एक आसान रास्ता मिल सकता है। बनगलादेश अब अपने अंतिम मैच में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेलेगा, पर क्वालिफ़ायिंग की राह बहुत शंकुात्मक दिख रही है।

सेमीफ़ाइनल के लिए शेड्यूल पहले से तय है: 5 मार्च को न्यूज़ीलैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, और 6 मार्च को भारत बनाम इंग्लैंड। फाइनल 9 मार्च को गद्दाफी स्टेडियम में होगा, जिसमें $2.2 मिलियन का इनाम रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस जीत से न्यूज़ीलैंड के सेमीफ़ाइनल में क्या असर पड़ेगा?

न्यूज़ीलैंड को अब ग्रुप ए में शीर्ष स्थान के लिए भारत के साथ सीधा मुकाबला करना होगा। यदि वे जीतते हैं तो सेमीफ़ाइनल में एक आरामदायक पोजीशन मिल जाएगी, जिससे उन्हें स्कोरिंग फ़ॉर्म बनाए रखने का मौका मिलेगा।

बनगलादेश की हार का कारण क्या बताया गया?

विशेषज्ञों ने कहा कि बनगलादेश ने शुरुआती लय तो बनाई, पर माइकल ब्रैसेवेल की तेज़ी से टॉप मिड‑ऑर्डर को तोड़ दिया। रॉशली फील्डिंग और बीपीएस (बॉल्स पर स्ट्राइक) ने भी बनगलादेश को पीछे धकेला।

राचिन रविंद्रा की शतक का महत्व क्या है?

राचिन ने 112 रन 105 गेंदों में बनाए, जिससे दल को शुरुआती दो विकेट गिरने के बाद स्थिरता मिली। उनकी शतक ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए आवश्यक रन बनाकर भरोसा दिलाया और युवा बल्लेबाज़ों के लिए बड़ा प्रेरणा स्रोत बन गई।

ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में टॉस के कौन से रणनीतिक विकल्प दिखे?

न्यूज़ीलैंड के कप्तान मिचेल सैंटनर ने टॉस जीत कर पहले बॉलिंग चुनी, जिससे उन्हें ब्रैसेवेल की शुरुआती सफलता मिली। वहीं बनगलादेश ने बैटिंग चुनी, पर उनका मध्य क्रम जल्दी गिर गया, जिससे टॉस की पसंद का प्रतिकूल असर दिखा।

आगामी मैच में किन खिलाड़ी का असर सबसे ज्यादा रहने की उम्मीद है?

नईज़ीलैंड में राचिन रविंद्रा और टॉम लाथम दोनों ही फॉर्म में हैं, पर ब्रैसेवेल की मध्यम गति की गेंदबाज़ी और ग्लेन फिलिप्स की फाइनलाइन फील्डिंग सबसे बड़ा परिवर्तनक हो सकता है। भारत की ओर से रविंद्र शंखा और रवीन्द्र जडेज़ा की बैटिंग भी अहम रहेगी।

8 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Parth Kaushal

    अक्तूबर 15, 2025 AT 20:00

    न्यूज़ीलैंड की इस जीत ने सभी फैंस को विस्मय में डाल दिया।
    राचिन रविंद्रा ने 112 रन बनाकर टीम को स्थिरता प्रदान की।
    शुरुआती दो विकेट गिरने के बाद उनका स्मूद आक्रमण शानदार था।
    माइकल ब्रैसेवेल की चार विकेट की सरासरी ने बनगलादेश की मध्यक्रम को नष्ट कर दिया।
    इस मैच में फील्डिंग का स्तर भी काबिले तारीफ़ रहा।
    विशेषकर ग्लेन फिलिप्स की तेज़ रनों का बचाव दिखा।
    कुल मिलाकर न्यूज़ीलैंड ने 236 पर टार्गेट सेट किया और उसे सहजता से पीछा किया।
    बनगलादेश की टॉप ऑर्डर ने अच्छा खेला पर मध्यम क्रम ने टॉप बनाम ब्रैसेवेल को झकझोर दिया।
    इस जीत के बाद सेमीफ़ाइनल की राह साफ़ हो गई।
    अब न्यूज़ीलैंड को भारत के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मुकाबला करना है।
    यदि वे इस फॉर्म में बने रहे तो ग्रुप ए में उनका दखल मजबूत रहेगा।
    टीम की बैटिंग गहराई को राचिन और टॉम लाथम ने सिद्ध किया।
    ब्रैसेवेल की धीमी गति की गेंदबाज़ी ने नई रणनीति को उजागर किया।
    फैन‑सॉनेट्स में कहा जा रहा है कि यह टीम इस टूर्नामेंट में चमकने वाली है।
    अंत में, जीत का जश्न सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने मिलकर मनाया।

  • Image placeholder

    Veda t

    अक्तूबर 18, 2025 AT 18:06

    भारत की टीम को भी ऐसे ही जीतें चाहिए, तभी हम विश्व कप जीतेंगे।

  • Image placeholder

    akash shaikh

    अक्तूबर 21, 2025 AT 16:13

    वाह! न्यूज़ीलैंड को देखकर तो लगता है जैसे सबको फ्रीहिट मिला हो।
    राचिन का शतक सुनकर लगता है हम सबको भी हीरो बनना पड़ेगा।
    ब्रैसेवेल की बॉलिंग को देखके मैं कहूँगा, "किया है क्या मादक पदार्थ बना रहे हैं"।
    बनगलादेश ने तो बिल्कुल भी नहीं सोचा था के उनका किफ़ायत वाला बॉलिंग सिस्टम डंप हो जाएगा।
    वैसे भी, क्रिकेट तो मज़ा है, बाकी सब तो बस कहानी।
    समझ में नहीं आता के ये सब कैसे चलता है, लेकिन वाह, खैर।

  • Image placeholder

    Anil Puri

    अक्तूबर 24, 2025 AT 14:20

    ओह, तुम तो बिलकुल बेवकूफ़ी का उद्धरण दे रहे हो!
    राचिन के स्टाइल को देखकर लगता है कि वो भी कभी क्रिकेट सिखाने वाले का बालक था।
    ब्रैसेवेल का फ़्लो तो ऐसा था जइसे वह बज़ार में लुका-छिपी कर रहा हो।
    पर सच्चाई तो यही है कि बनगलादेश की फैंस को अब थोड़ा सेल्फ‑इंटरप्रिटेशन करना चाहिए।

  • Image placeholder

    poornima khot

    अक्तूबर 27, 2025 AT 12:26

    आइए, इस जीत को एक सीख के रूप में देखें।
    राचिन का शतक टीम के आत्मविश्वास को पुनः स्थापित करता है और युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
    ब्रैसेवेल की कॉम्बैटिंग बॉलिंग ने दिखाया कि धैर्य और रणनीति को मिलाकर कैसे मैच का दिशा बदला जा सकता है।
    समग्र रूप से, न्यूज़ीलैंड की टीम ने संतुलित खेल दिखाया, जहाँ बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग सभी क्षेत्रों में संतोषजनक प्रदर्शन हुआ।
    यह उदाहरण हमारे कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत लक्ष्य प्राप्ति में भी लागू हो सकता है – योजना, अभ्यास, और अनुकूलन ही सफलता की कुंजी है।

  • Image placeholder

    Mukesh Yadav

    अक्तूबर 30, 2025 AT 10:33

    बिलकुल नहीं, ये सब कोई भी नहीं बना सकता, इसमें कुछ गुप्त शक्ति तो होगी।
    क्या आप जानते हैं कि इस मैच में कुछ अनदेखे एलेमेंट्स काम कर रहे थे?
    शायद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस खेल में अपने प्रयोगों को छुपाया हो।
    ऐसे समय में हमें सतर्क रहना चाहिए, नहीं तो हमारे राष्ट्रीय टीमों को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

  • Image placeholder

    Yogitha Priya

    नवंबर 2, 2025 AT 08:40

    सच में, इन सब साजिशों का पर्दा कभी नहीं उठता।
    मैं तो कहूँगा कि ब्रैसेवेल का जादूई बॉलिंग सिर्फ़ एक तरफ़ी प्रयोग नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।
    इसे पहचान कर हम अपने खिलाड़ियों की रक्षा कर सकते हैं, वरना आगे और भी बड़े बयानों का सामना करना पड़ेगा।

  • Image placeholder

    Rajesh kumar

    नवंबर 5, 2025 AT 06:46

    यह डिफ़ेन्सिव क्षमताओं का चमकदार उदाहरण है, जो सभी भारतीय फैंस को अभिमानित कर देना चाहिए।
    न्यूज़ीलैंड की टीम ने दिखा दिया कि जब तक हम अपने राष्ट्रीय गौरव के लिए लड़ते हैं, तब तक कोई भी टीम हमें पीछे नहीं हटने देगी।
    उनका शानदार बैटिंग कलेक्शन और तेज़ बॉलिंग, दोनों ही हमारे युवाओं को प्रेरित करेंगे।
    भविष्य में, यदि हम इस जुनून को अपने क्रिकेट सिस्टम में शामिल करें तो भारत निश्चित ही विश्व शीर्ष पर रहेगा।
    अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर अपना समर्थन दर्शाएँ और विदेशी टीमों को चुनौती दें।

एक टिप्पणी लिखें