केरल के ऑटो चालक अनूप ने जीते 25 करोड़, फिर सघन परेशानियों का सामना

केरल के ऑटो चालक अनूप ने जीते 25 करोड़, फिर सघन परेशानियों का सामना अक्तू॰, 5 2025

जब अनूप, थिरुवनंतपुरम का ऑटो चालक ने 18 सितंबर 2022 को Onam Bumper 2022केरल के परिणाम देखे, तो उसकी ज़िंदगी मूल‑भूत रूप से बदल गई। वह सिर्फ 25 करोड़ (कर घटाकर लगभग ₹15 करोड़) का बड़ा इनाम जीत चुका था, जो एक साधारण रेंटर के लिए सपना जैसा था।

ऑटो चालक अनूप की झलक: लॉटरी जीत का आरम्भ

अनूप स्रीकान्तेश्वरम्, थिरुवनंतपुरम में जन्मा और बड़ा हुआ। 22 सालों से वह केरल स्टेट लॉटरी (केरल स्टेट लॉटरी) के टिकट खरीदता रहा, लेकिन जीत‑जितनी‑छोटी राशि ही मिलती थी – कुछ सौ रुपए से लेकर अधिकतम ₹5 हज़ार तक। इस बार वह एक अलग टिकट चुन लेता, क्योंकि पहला टिकट उसे पसंद नहीं आया। उसने मोबाइल पर जीत की सूचना देखी, पत्नी माया को दिखाया, और फिर एक परिचित लॉटरी एजेंट को फोटो भेज कर पुष्टि करवाई। तब वह विश्वास नहीं कर पा रहा था कि यह सच है।

विजय के बाद का अराजक दौर

जैसे ही खबर फैलने लगी, पड़ोसी, रिश्तेदार और अजनबी सब अनूप के घर पर दरवाज़ा खटखटाने लगे। कुछ लोग तुरंत ₹1 लाख मांग रहे थे, तो कुछ बड़े व्यवसायी अपने प्रोजेक्ट्स के लिए सहायता चाहते थे। असली बात तो यह थी कि अनूप ने कई हफ्तों तक घर नहीं छोड़ा, आखिरकार उसे कोरि कुंज में एक नया अपार्टमेंट ढूँढना पड़ा। "मैं जीत से खुश नहीं हूँ," उसने सितम्बर 2022 में एक स्थानीय चैनल को कहा। यह बात सुनकर कई लोग आश्चर्यचकित हुए – कैसे कोई जीत के बाद तनाव में आ सकता है?

उसे रोज़‑रोज़ कई फोन कॉल और संदेश मिलते रहे, जिसमें लोग उसकी मदद माँगते। यहाँ तक कि distant relatives भी अचानक संपर्क में आये, जो पहले कभी नहीं मिले थे। अनूप ने कहा, "मैं बस अपनी और परिवार की ज़रूरतों को पूरा कर रहा हूँ, लेकिन लोगों की मांगें कभी‑कभी असहनीय हो गईं।"

व्यवसाय में परिवर्तन: रेस्तरां और लॉटरी स्टॉल

जितने पैसों की बात है, अनूप ने बताया कि वह मुख्य रकम को नहीं छूता। वह केवल जीत के ब्याज से जीवन यापन करता है। यही ब्याज उसे अपने सपनों को साकार करने में मदद करता है। दो साल बाद, 2024 में, उसने हैप्पी नाम का रेस्तरां कैथामुक्कु में खोल दिया। इस रेस्तरां में वह अपने पास के फूड स्टॉल से सीखें हुए व्यंजनों को पेश करता है और अब वह अपना छोटा‑बड़ा लॉटरी एजेंट के रूप में भी काम करता है।

रेस्तरां के अलावा, अनूप ने MA Lucky Center नाम का लॉटरी रिटेल स्टोर भी खोल दिया, जो थोडुपुजा के मानाक्कड़ चौराहे पर स्थित है। "MA" का मतलब है माया (उसकी पत्नी) और अनूप के शुरुआती अक्षर, इसलिए यह नाम उनका व्यक्तिगत बंधन दर्शाता है। इस स्टोर में वह रोज़‑रोज़ केरल लॉटरी के सीरियल नंबर को अपडेट करता, ग्राहकों को टिकट बेचता और कभी‑कभी खुद भी छोट‑छोटे इनाम जीतता रहता है।

आर्थिक प्रबंधन और भविष्य की योजना

वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, 15 करोड़ का बैलेंस भी अगर ठीक से निवेश नहीं किया गया तो जल्दी खत्म हो सकता है। अनूप ने बताया कि वह इस रकम को कई म्यूचुअल फंड में बाँटता है, जहाँ से सालाना लगभग 8‑9 % का रिटर्न मिलता है। यही रिटर्न वह अपने घर के किराए, रेस्तरां के खर्च और कभी‑कभी परिवार के लिए मदद के रूप में उपयोग करता है।

अभी उसका बड़ा सपना एक बीएमडब्ल्यू कार खरीदना है, लेकिन वह इस बात को लेकर भी उलझा है कि मुख्य रकम को छेड़ना ठीक रहेगा या नहीं। "मैं अभी भी मूल राशि को नहीं छू रहा हूँ, क्योंकि यही मेरी सुरक्षा है," वह कहता है। वित्तीय विशेषज्ञ कहते हैं, अगर वह इस संचित ब्याज को सही निवेश में डालता रहे तो वह आराम से अपनी इच्छाएँ पूरी कर सकता है।

समाज में प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय

केरल में लॉटरी जीतने वाले कई लोग इस तरह की परेशानी का सामना करते हैं। सामाजिक शास्त्र में इसका कारण अक्सर "विद्युत्‑संकट" माना जाता है – अचानक धन मिलना सामाजिक संबंधों को बदल देता है। एक समाजशास्त्री, प्रो. अनीता शिवानी, ने कहा, "ऐसे मामलों में लोग अपने आसपास के लोगों से बहुत अधिक आशाएँ बनाते हैं, जिससे विजेता पर दबाव बन जाता है।"

दूसरी ओर, कुछ लोग अनूप की कहानी को प्रेरणा के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि उसने अपने पैसे को केवल व्यय के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए भी इस्तेमाल किया है – छोटे‑छोटे मदद के जरिए। यही कारण है कि कई स्थानीय लोग अभी भी उसके पास आते हैं, चाहे वह मदद के लिए हो या सिर्फ एक दिलासा देने के लिये।

Frequently Asked Questions

अनूप की जीत से स्थानीय समुदाय पर क्या असर पड़ा?

जैसे-जैसे खबर फैली, पड़ोसी और रिश्तेदार अनूप से आर्थिक मदद की मांग करने लगे। इससे कई परिवारों की ज़रूरतें पूरी हुईं, पर साथ ही अनूप को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ा। सामाजिक तनाव बढ़ा, और कई लोग लॉटरी जीत को ‘धन‑दुर्घटनाचक्र’ समझने लगे।

अनूप ने जीत की पूरी राशि कैसे संभाली?

अनूप ने मुख्य रकम को नहीं छुआ। वह केवल ब्याज से अपने खर्चे चलाता है, जिससे लगभग ₹1.2 करोड़ सालाना आता है। यह ब्याज उसने म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और उसी से रेस्तरां व लॉटरी स्टोर चलाता है।

क्या अनूप ने फिर से लॉटरी टिकट खरीदा?

हां, जीत के बाद भी वह लॉटरी टिकट खरीदता रहता है। हालाँकि अब वह छोटे‑छोटे इनाम (अधिकतम ₹5 हज़ार) ही जीतता है, लेकिन यह उसे बाजार की प्रवृत्तियों से जोड़ता है और दुबारा बड़ा जीतने का आशा रखता है।

अनूप की नई रेस्तरां ‘हैप्पी’ की क्या विशेषता है?

‘हैप्पी’ में अनूप अपने घर के व्यंजन और केरल के पारम्परिक स्नैक्स को मिलाकर एक अनोखा मेन्यू पेश करता है। वह ग्राहकों को रिफंड‑डिस्काउंट के साथ आकर्षित करता है, जिससे रेस्तरां जल्दी ही स्थानीय पसंदीदा बन गया।

भविष्य में अनूप किस दिशा में आगे बढ़ना चाहता है?

वह अपनी ‘MA Lucky Center’ को केरल के विभिन्न शहरों में विस्तार करना चाहता है, साथ ही ‘हैप्पी’ को एक छोटा‑बड़ा फ्रैंचाइज़ श्रृंखला में बदलना चाहता है। लेकिन प्राथमिकता अभी मुख्य रकम की सुरक्षा और नियमित आय सुनिश्चित करना है।

1 Comment

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    saurav kumar

    अक्तूबर 5, 2025 AT 03:12

    कम्युनिटी में बड़ी विडंबना है, अचानक पैसा मिलने से लोगों का व्यवहार बदल जाता है।

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