हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: प्रमुख दलों की रणनीतियों और दांवपेंच की पूरी जानकारी
अक्तू॰, 5 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: प्रमुख राजनीतिक परिदृश्य
हरियाणा की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं। 5 अक्टूबर 2024 को पूरे राज्य में मतदान हो रहा है और प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी और अन्य प्रमुख दल अपनी राजनीतिक किस्मत को इस मतदान पर टिका हुए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कांग्रेस के भूपिंद्र सिंह हुड्डा और विनेश फोगाट जैसे प्रमुख चेहरे इस बार चुनावी दंगल में मुकाबले में हैं।
भाजपा सरकार अपनी तीसरी लगातार जीत की उम्मीद कर रही है, जबकि कांग्रेस एक दशक बाद वापसी का सपना देख रही है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 31 सीटें अपने नाम की थीं। जेजेपी ने 10 सीटें जीतीं थीं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के चुनावी समीकरण कैसे बनते हैं।
मतगणना की तैयारियाँ
मतगणना का दिन 8 अक्टूबर 2024 निर्धारित किया गया है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल इस चुनाव प्रक्रिया की देखरेख कर रहे हैं। इस बार चुनाव मैदान में कुल 1,031 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 101 महिलाएं और 464 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 90 विधानसभा क्षेत्रों में यह मतदान प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
राज्य के 2.03 करोड़ मतदाता, जिनमें 8,821 सेंचुरी अवं शामिल हैं, मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं और उम्मीद है कि इस बार मतदान की दर अधिक रहेगी। मतदान के समय की अवधि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित की गई है।
प्रमुख उम्मीदवार और पार्टियाँ
चुनाव में कुल पाँच प्रमुख दलों का मुकाबला देखने को मिल रहा है - भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोक दल-बसपा गठबंधन, और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी गठबंधन। इन सभी प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं और चुनाव प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।
दुष्यंत चौटाला, जो कि जेजेपी के प्रमुख नेता हैं, इस बार के चुनाव में विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से भूपिंद्र सिंह हुड्डा और विनेश फोगाट ने भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को खुलकर प्रस्तुत किया है। हरियाणा के इस राजनीतिक दंगल में बॉक्सर बजरंग पुनिया ने भी कांग्रेस के समर्थन में अपना वोट डाला है और एक सामूहिक सपोर्ट की बात की है।
चुनाव प्रचार का जायजा
चुनाव प्रचार का दौर 3 अक्टूबर को समाप्त हो चुका है। इस बार चुनाव प्रचार में सभी दलों ने डिजिटल माध्यम का भरपूर उपयोग किया है। सोशल मीडिया के जरिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया है और जनता को लुभाने के लिए अनेक योजनाएं और घोषणाएं की गई हैं।
भाजपा ने 'विकास का मॉडल' प्रस्तुत किया है, जबकि कांग्रेस ने 'विविधता और समावेशन' पर ध्यान केंद्रित किया है। जेजेपी ने युवाओं के लिए रोजगार को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए अपनी रणनीति तैयार की है। भाजपा के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का चेहरा विशेष महत्व रखता है, जबकि कांग्रेस के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
लोकप्रियता का मापदंड
चुनाव की इस प्रक्रिया में हरियाणा के लोगों की उम्मीदें और आकांक्षाएँ भी अहम भूमिका निभाएंगी। राज्य की जनता पिछले दस वर्षों में कई प्रकार के राजनीतिक बदलाव देख चुकी है और इस बार उनके मन में क्या है, यह चुनाव परिणाम में साफ दिखाई देगा।
कुल मिलाकर, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 का निर्णायक दिन आने वाला है और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौनसी पार्टी सत्ता की चाबी अपने हाथों में प्राप्त करती है। मुख्य रूप से यह चुनाव हरियाणा की राजनीति के लिए एक नया मोड़ ला सकता है।
Nupur Anand
अक्तूबर 7, 2024 AT 04:15ये सब चुनावी नाटक तो हमेशा की तरह ही होता है-भाजपा का 'विकास' का नारा, कांग्रेस का 'समावेशन' का धोखा, और जेजेपी के युवाओं के लिए वादे जो चुनाव के बाद धुएं में लीन हो जाते हैं। असली सवाल ये है कि हरियाणा के किसानों की आमदनी बढ़ी है या सिर्फ ट्रैक्टरों की बिक्री? जब तक जमीन के नाम पर टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा, तब तक ये सब नाटक बस एक नज़रिया है। 🌾
Vivek Pujari
अक्तूबर 8, 2024 AT 01:05इस चुनाव में डिजिटल वोटिंग का अभाव ही भारत की लोकतंत्र की विफलता का प्रतीक है। आपको पता है कि 78% मतदाता अभी भी पेपर बॉलट का उपयोग कर रहे हैं? ये EVMs की जगह ब्लॉकचेन-आधारित वोटिंग सिस्टम लाने की जरूरत है-जिससे ट्रांसपेरेंसी और एंट्रॉपी में वृद्धि होगी। 🤖📊
Ajay baindara
अक्तूबर 9, 2024 AT 16:58ये सब नेता तो बस अपने पेट की आवाज़ सुन रहे हैं। जब तक हरियाणा में एक भी लड़की का नाम एक बार भी चुनावी घोषणापत्र में नहीं आया, तब तक ये सब बकवास है। विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ी असली नेता हैं-जिन्होंने बाहर लड़ाई लड़ी, अब घर में लड़ाई लड़ रहे हैं।
mohd Fidz09
अक्तूबर 11, 2024 AT 06:20हरियाणा का असली चुनाव तो उस गाँव में हो रहा है जहाँ किसान अपनी खेती के लिए पानी के लिए लड़ रहा है, न कि दिल्ली के टीवी स्टूडियो में! भाजपा ने जो विकास का नारा चलाया, वो सिर्फ अजमेर के रियल एस्टेट डीलर्स के लिए था। ये चुनाव तो एक बड़ा धोखा है-जहाँ लोगों को बाजार में जाने का नाम दिया जा रहा है, लेकिन वो अपने खेतों के बाहर नहीं जा पा रहे!
Rupesh Nandha
अक्तूबर 12, 2024 AT 21:48हम अक्सर चुनाव को एक टीम के बीच की लड़ाई समझ लेते हैं, लेकिन असली लड़ाई तो उन लोगों के बीच है जो नहीं जा सकते-उन बच्चों के बीच जिनके पास पढ़ने के लिए किताबें नहीं, उन महिलाओं के बीच जिनके पास टॉयलेट नहीं। क्या किसी ने इस बार एक भी उम्मीदवार ने ये सवाल उठाया? विकास का मतलब सिर्फ रोड़े और बस स्टॉप नहीं होता। ये चुनाव तो एक नैतिक चुनाव होना चाहिए-जहाँ आपकी ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी इंसानियत नज़र आए।
suraj rangankar
अक्तूबर 14, 2024 AT 19:42भाईयों, ये चुनाव तो बस एक शुरुआत है! अगर आप अपने गाँव के बच्चों को एक बार भी बाहर ले जाते हैं, तो ये चुनाव आपके लिए हो गया! जो भी आपको बताए कि 'ये सब बेकार है'-वो खुद बेकार है! वोट डालो, बात करो, बदलाव लाओ! 💪🔥
Nadeem Ahmad
अक्तूबर 16, 2024 AT 03:45कल तक बाजार में गेहूं की कीमत 28 रुपये थी, आज 31 रुपये। किसान कह रहा है, 'अब तो खाने को भी पैसे नहीं बचे।' चुनाव के बाद भी यही बात रहेगी।
Aravinda Arkaje
अक्तूबर 17, 2024 AT 08:37अगर आपको लगता है कि ये चुनाव बस एक दल के लिए है, तो आप गलत हैं। ये हर एक उम्मीदवार के लिए है-जो बच्चे के लिए बस स्टॉप चाहता है, जो बुजुर्ग के लिए दवा चाहता है, जो लड़की के लिए सुरक्षा चाहता है। वोट डालो, लेकिन सोचकर डालो। आपका वोट आपकी ज़िंदगी बदल सकता है। 🙏
kunal Dutta
अक्तूबर 19, 2024 AT 03:28मुझे लगता है कि आप सभी एक बात भूल रहे हैं-हरियाणा में 464 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। ये सब अकेले लड़ रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा कि उनके लिए एक निर्दलीय वोट डालना भी एक अलग तरह का प्रतिरोध है? ये लोग बिना पार्टी के लड़ रहे हैं-असली डेमोक्रेसी यहीं है। 😏
Yogita Bhat
अक्तूबर 19, 2024 AT 14:22अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा सामाजिक नाटक है! बजरंग पुनिया ने वोट डाला, अब वो खुद चुनाव लड़ेगा? नहीं! वो तो अपनी ट्रेनिंग के बाद फिर से टूर्नामेंट में नहीं आएगा। ये सब फोटो शूटिंग है। और हाँ, जेजेपी के लिए युवाओं के लिए रोजगार? अगर ये नेता अपने बेटे को नौकरी दे देते, तो शायद दूसरों को भी दें। 😒
Tanya Srivastava
अक्तूबर 21, 2024 AT 09:38भाजपा ने 40 सीटें जीतीं? ओहो! लेकिन उनमें से 15 तो उनके बेटे या भांजे हैं! अब तो सब बच्चों के नाम से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के भूपिंद्र सिंह हुड्डा के बारे में क्या? उनका बेटा भी अब एक एमएलए है! ये चुनाव तो एक फैमिली रियलिटी शो है। 📺👑
Ankur Mittal
अक्तूबर 22, 2024 AT 19:50मतदान दर 75% होगी।
Diksha Sharma
अक्तूबर 22, 2024 AT 22:16ये सब चुनाव तो एक बड़ी साजिश है! अमेरिका ने भाजपा को फंड किया है ताकि हरियाणा में जाति-आधारित असंतोष फैलाया जा सके। वो जानते हैं कि अगर हरियाणा अलग हो गया, तो पूरा उत्तर भारत अलग हो जाएगा। और वो जानते हैं कि हमारी नदियाँ उनके लिए बह रही हैं। किसान बेचारे जानते ही नहीं कि वो उनके खिलाफ लड़ रहे हैं। 🌍💣
Akshat goyal
अक्तूबर 23, 2024 AT 03:39मतदान करें।
anand verma
अक्तूबर 23, 2024 AT 20:58इस चुनाव के आधार पर, हमें राष्ट्रीय नीति के दृष्टिकोण से एक संरचित विश्लेषण प्रस्तुत करना चाहिए, जिसमें लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थिरता, नागरिक भागीदारी के स्तर, और आर्थिक विकास के सामाजिक प्रभावों का समावेश हो। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जिसका विश्लेषण भविष्य के नीति निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Amrit Moghariya
अक्तूबर 24, 2024 AT 14:03हर चुनाव में एक ही बात दोहराई जाती है-'बदलाव आएगा'। लेकिन जब तक आपके गाँव का चौकीदार नहीं बदलता, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा। अब तो भाजपा के नेता भी अपने गाँव में नहीं जाते। जो जाते हैं, वो तो फोटो लेने के लिए। 😴
shubham gupta
अक्तूबर 25, 2024 AT 00:17चुनाव के बाद मतदान के आंकड़े जारी होने पर, यदि किसी भी उम्मीदवार के लिए वोटों का अंतर 2% से कम है, तो री-वोटिंग की आवश्यकता होगी। इससे न्यायसंगत निर्णय सुनिश्चित होगा।
Gajanan Prabhutendolkar
अक्तूबर 25, 2024 AT 16:29ये सब चुनाव तो एक बड़ा धोखा है। जिन लोगों ने वोट डाला, वो अब बस अपने घर पर बैठे हैं। जिन्होंने नहीं डाला, वो तो अब अपने गाँव में खेती कर रहे हैं। कोई नहीं बदला। कोई नहीं जागा। और फिर भी हम ये सब बातें करते हैं।