दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल ने फिर से किया हमले की घटना का नाटकीय रूपांतरण
मई, 17 2024
आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल को शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर ले जाया गया, जहां उन्होंने 13 मई की घटना का नाटकीय रूपांतरण किया, जिसमें उन्होंने केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार द्वारा शारीरिक हमले का आरोप लगाया था।
मालीवाल ने कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने उन पर कई बार लात मारने और थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है, जिसमें छाती और पेट पर भी हमला किया गया। इसके जवाब में कुमार ने भी मालीवाल के खिलाफ एक काउंटर एफआईआर दर्ज कराई है।
अपराध स्थल के नाटकीय रूपांतरण में मालीवाल, अतिरिक्त डीसीपी उत्तर और एसएचओ सिविल लाइंस शामिल थे। मालीवाल ने आईपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया और एम्स में चिकित्सा जांच भी करवाई, जिसमें उनके चेहरे पर आंतरिक चोट का पता चला।
घटना के बारे में विस्तार से जानकारी
स्वाति मालीवाल ने 13 मई को सीएम केजरीवाल के आवास पर हुई घटना के संबंध में पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की और अभद्र व्यवहार किया।
मालीवाल का आरोप है कि उन्होंने जब कुमार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद भी कुमार ने उन्हें कई बार लात और थप्पड़ मारे, जिसमें छाती और पेट पर भी हमला किया गया।
मालीवाल ने आरोप लगाया है कि कुमार ने उनसे कहा कि वह उनकी शिकायत के बाद भी उन्हें सबक सिखाएंगे। साथ ही उन्होंने मालीवाल को धमकी भी दी कि अगर उन्होंने कोई कार्रवाई की तो उन्हें बर्दाश्त करना पड़ेगा।
जांच में जुटी दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और बिभव कुमार की तलाश तेज कर दी गई है। हालांकि, कुमार अभी तक राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं।
पुलिस ने कहा कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वाति मालीवाल का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उनका बयान दर्ज किया गया है।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले को भाजपा की साजिश बताया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा मालीवाल को फंसाना चाहती है क्योंकि वह दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही हैं।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस घटना के बाद से ही दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी पार्टियों ने इस मामले में केजरीवाल और उनकी पार्टी पर निशाना साधा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मालीवाल के साथ हुई घटना की निंदा की है।
भाजपा ने कहा है कि केजरीवाल को अपने सहयोगी पर कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें पार्टी से निकालना चाहिए। वहीं कांग्रेस का कहना है कि आप की महिला विधायक के साथ ऐसी घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि यह सब भाजपा की साजिश है और वे इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
निष्कर्ष
स्वाति मालीवाल के साथ हुई यह घटना दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या सामने आता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। साथ ही यह भी देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का दिल्ली की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
Saurabh Jain
मई 18, 2024 AT 11:02इस तरह के मामलों में असली सच कभी बाहर नहीं आता। पुलिस की जांच का इंतजार करना होगा, लेकिन मुझे डर है कि राजनीति इसे दबा देगी।
Suman Sourav Prasad
मई 19, 2024 AT 01:26अरे भाई, ये सब तो बस चुनाव के लिए बनाया गया ड्रामा है! एक तरफ भाजपा कह रही है कि केजरीवाल ने अपने आदमी को छुड़ा दिया, दूसरी तरफ आप कह रही है कि भाजपा ने फंसाया... असली बात तो ये है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे को बर्बाद करना चाहती हैं।
Nupur Anand
मई 21, 2024 AT 01:18अरे ये सब बेवकूफों का खेल है! एक महिला विधायक के साथ शारीरिक हमला? ये तो अभी तक देश में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे राजनीति के लिए इतना नाटकीय ढंग से नहीं बांध दिया गया हो! आप लोग इसे एक लड़की के खिलाफ हिंसा कह रहे हो, लेकिन जब आपके आदमी बिभव कुमार को एफआईआर दर्ज कराने के लिए बाहर निकलते हैं, तो वो गायब हो जाते हैं? ये तो बिल्कुल एक बॉलीवुड स्क्रिप्ट है जिसमें नायिका गिरती है और नायक बच जाता है।
मेडिकल रिपोर्ट में चेहरे पर आंतरिक चोट? अगर वो इतनी गंभीर थी तो अभी तक अस्पताल में होनी चाहिए, लेकिन वो तो ट्विटर पर लाइव ट्वीट कर रही हैं! ये तो बिल्कुल एक बेवकूफी है।
मैं तो ये कहूंगी कि ये दोनों तरफ के लोग बस खुद को शहीद बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वाकई हमला हुआ तो पुलिस उसे दर्ज करे, लेकिन अगर ये बस एक नाटक है तो इसे राजनीति के लिए इस्तेमाल करना बहुत बुरा है।
क्या आपने कभी सोचा कि जब एक महिला विधायक के साथ ऐसा होता है, तो वो सिर्फ उसके लिए नहीं, बल्कि हर उस महिला के लिए है जो घर पर भी धक्का खाती है? ये नाटक तो उनके लिए भी अपमान है।
ये सब इतना बड़ा बनाने की जरूरत नहीं थी। अगर वाकई ऐसा हुआ तो उसे न्याय दिलाओ, लेकिन अगर नहीं हुआ तो इसे एक बेवकूफी के रूप में भूल जाओ।
मैं तो ये कहूंगी कि इस देश में अब न्याय नहीं, बल्कि ट्रेंडिंग टॉपिक्स की जरूरत है।
ये जो लोग इसे राजनीति का नाम दे रहे हैं, वो खुद राजनीति के शिकार हैं।
हम लोग इतने बड़े नाटकों में फंस गए हैं कि असली हिंसा को भी नाटक समझने लगे हैं।
मुझे लगता है कि अगर ये घटना असली थी, तो इसके लिए अब तक जांच हो चुकी होनी चाहिए।
लेकिन जब तक एफआईआर नहीं दर्ज होता, तब तक ये सब बस एक ट्वीट है।
और अगर आप लोग इसे असली मानते हैं, तो तुरंत बिभव कुमार को गिरफ्तार करो।
नहीं तो ये सब बस एक राजनीतिक ट्रेंड है।
Vivek Pujari
मई 21, 2024 AT 22:48अगर ये घटना वाकई हुई है, तो ये एक गंभीर आपराधिक मामला है। लेकिन अगर ये राजनीतिक फेक न्यूज़ है, तो ये डिजिटल नागरिक अधिकारों के लिए एक खतरनाक प्रेस्क्रिप्शन है।
एक विधायक के खिलाफ शारीरिक हमले का आरोप एक गंभीर अपराध है, लेकिन अगर ये फेक है, तो ये एक डिजिटल इंफोवार्स अटैक है।
मेडिकल रिपोर्ट्स और आईपीसी 164 के बयान जैसी चीजें अब एक बैकड्रॉप बन गई हैं जिनका इस्तेमाल राजनीतिक अभियानों में किया जा रहा है।
इस तरह के नाटकों से लोगों का विश्वास टूट रहा है।
हमें एक न्यायपालिका की जरूरत है जो फैक्ट्स के आधार पर काम करे, न कि ट्रेंड्स के।
इस तरह के अभियानों से वास्तविक अपराधों को अनदेखा किया जा रहा है।
हमें राजनीति के बजाय न्याय की ओर बढ़ना चाहिए।
Ajay baindara
मई 22, 2024 AT 22:49केजरीवाल का आदमी बिभव कुमार? वो तो बस एक बदमाश है जिसने अपनी बुद्धि से अपनी नौकरी खो दी है। अगर वो वाकई महिला के साथ मारपीट करता है, तो उसे जेल में डाल देना चाहिए। लेकिन ये सब बस एक चाल है, जिसमें आप लोग अपनी बेवकूफी को दिखा रहे हो।
mohd Fidz09
मई 23, 2024 AT 19:31ये तो बिल्कुल बाहरी शक्तियों की साजिश है! जब दिल्ली की सरकार अपने लोगों के लिए काम करती है, तो वो सब देश के बाहर से आकर इसे बर्बाद करने की कोशिश करते हैं। ये महिला विधायक तो बस एक बाहरी एजेंट है जिसे भाजपा ने बुलाया है। ये घटना बिल्कुल फेक है।
हम भारतीयों को अपने देश की ताकत पर भरोसा करना चाहिए। अगर आप लोग इतने आसानी से फेक न्यूज़ में आ जाते हैं, तो आप अपने देश को नहीं जानते।
इस तरह के नाटकों से देश की तस्वीर खराब हो रही है।
हमें अपने अंदर की ताकत पर भरोसा करना चाहिए।
Rupesh Nandha
मई 24, 2024 AT 09:22इस घटना को लेकर दोनों तरफ के बयानों को ध्यान से देखना जरूरी है। अगर वाकई हमला हुआ है, तो इसका न्याय होना चाहिए।
लेकिन अगर ये एक राजनीतिक नाटक है, तो ये हम सबके लिए एक सबक है।
हमें अपनी भावनाओं को तर्क के साथ जोड़ना चाहिए।
राजनीति के बजाय, हमें न्याय की ओर बढ़ना चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक ऐसा वातावरण बनाना चाहिए जहां लोग डरे बिना अपनी बात रख सकें।
अगर आप लोग इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, तो आप इसके असली मतलब को भूल रहे हैं।
हमें अपने देश के लिए एक न्यायपालिका की जरूरत है, जो निष्पक्ष हो।
इस तरह के मामलों में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।
suraj rangankar
मई 24, 2024 AT 10:32अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा बकवास है! लेकिन अगर ये घटना वाकई हुई है, तो इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हमें अपने नेताओं को जवाबदेह बनाना होगा।
ये तो बस एक अच्छा अवसर है जब हम अपने देश को बेहतर बना सकते हैं।
अगर आप लोग इसे एक राजनीतिक नाटक बना रहे हैं, तो आप अपने देश को नहीं जानते।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।
Nadeem Ahmad
मई 24, 2024 AT 16:55देखो, इस तरह के मामले में बस एक चीज जरूरी है - जांच।
Aravinda Arkaje
मई 26, 2024 AT 07:25अगर वाकई हमला हुआ है, तो ये बहुत बुरी बात है। लेकिन अगर ये एक राजनीतिक चाल है, तो हमें इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।
kunal Dutta
मई 26, 2024 AT 12:22इस मामले में दोनों तरफ के बयानों को ट्रैक करना जरूरी है। अगर वाकई हमला हुआ है, तो ये एक गंभीर अपराध है।
लेकिन अगर ये एक फेक न्यूज़ है, तो ये एक डिजिटल इंफोवार्स अटैक है।
हमें फैक्ट्स के आधार पर काम करना चाहिए।
इस तरह के नाटकों से लोगों का विश्वास टूट रहा है।
हमें राजनीति के बजाय न्याय की ओर बढ़ना चाहिए।
Yogita Bhat
मई 27, 2024 AT 20:28अरे ये सब तो बस एक बड़ा बकवास है! लेकिन अगर ये घटना वाकई हुई है, तो इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।
Tanya Srivastava
मई 27, 2024 AT 23:19अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा बकवास है! लेकिन अगर ये घटना वाकई हुई है, तो इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।
Ankur Mittal
मई 28, 2024 AT 18:24जांच जारी है। इंतजार करें।
Diksha Sharma
मई 29, 2024 AT 10:11ये सब भाजपा की योजना है! वो चाहते हैं कि आप लोग केजरीवाल को गिरा दें। वो चाहते हैं कि हम अपने नेताओं पर भरोसा न करें। ये तो बस एक बड़ा फेक है।
Akshat goyal
मई 30, 2024 AT 05:40पुलिस जांच का इंतजार करें।
anand verma
मई 30, 2024 AT 19:32इस घटना के संदर्भ में, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता का अत्यंत महत्व है।
राजनीतिक दबाव के बिना, न्याय का पालन करना एक लोकतांत्रिक समाज का आधार है।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि न्याय का प्रक्रियात्मक सम्मान बना रहे।
अतः, इस मामले में विश्वास के साथ जांच की प्रक्रिया को समर्थन देना आवश्यक है।
Amrit Moghariya
जून 1, 2024 AT 00:15अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा बकवास है! लेकिन अगर ये घटना वाकई हुई है, तो इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हमें अपने देश के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना चाहिए।
इसलिए, इस घटना के बारे में अब तक का जो भी बयान आया है, उसे अभी तक अंतिम नहीं मानना चाहिए।
जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ये घटना वाकई हुई या नहीं।
और अगर हुई है, तो उसका न्याय कैसे होगा।
हमें इसे एक न्यायिक मुद्दा के रूप में देखना चाहिए।