बोझपुर पुलिस ने तन्मिश्स शोरूम लूट में चोरी को 10 करोड़ तय किया, चंदन कुमार व शेरु सिंह को जेल से योजना बनाने का आरोप

जब बोझपुर पुलिस ने 10 मार्च 2025 को आरा, बिहार के गोपालि चौक में तन्मिश्स शोरूम पर हुई लूट को सुलझा लिया, तो एस. पी. राज ने 11 मार्च को बताया कि चोरी की राशि 25 करोड़ नहीं, बल्कि सटीक 10 करोड़ रूपए थी। यह खबर तुरंत प्रदेश‑व्यापी चर्चा का कारण बनी क्योंकि पहले बताया गया आंकड़ा अंबानी समूह की सबसे बड़ी ज्वेलरी शाखा में चोरी का रिकॉर्ड बन जाता।
लूट की घटना के तथ्य
सुबह 10:30 बजे तन्मिश्स शोरूम अपने नियमित समय पर खुला था। छह सशस्त्र लोग ग्राहक बनके अंदर आए और सुरक्षा गार्ड मनोज कुमार को गोली की नकल करके डराते हुए उनका आगमन रोका। उन्होंने गार्ड की बंदूक छीन ली और 20 मिनट तक प्रदर्शन केस और अलमारी से हीरे‑कांस्य ज्वेलरी निकालते रहे। इस दौरान शोरूम के अंदर स्थित 112 आपातकालीन क्रमांक पर कई बार कॉल किया गया, पर पुलिस 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं पहुँची। कर्मचारियों ने बाद में कहा, "पुलिस कहते रहे कि आ रहे हैं, पर लूट टीम का काम समाप्त होते‑ही वे आ गए"।
जांच में सामने आए मुख्य आरोपी
जांच के बाद दो स्थानीय लोगों – विशाल गुप्ता (दिघवाड़ा, छपरा) और कुन्नाल कुमार (सेमरा, सोनपुर) – को पुलिस ने मुठभेड़ में घायल कर गिरा दिया। उनके साथ चारा‑साक्ष्य के तौर पर सुरक्षा गार्ड की लाइसेंस‑डेड बंदूक और एक ग्राहक का मोबाइल मिला। विशाल व कुन्नाल की बताया गया कि ओमकारनाथ सिंह (शेरु सिंह) और चंदन कुमार (उपनाम प्रिंस) ने इस योजना को जेल की दीवारों के पीछे तैयार किया था। दोनों ही अपराधी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद थे, लेकिन पकड़े गए डिजिटल उपकरणों से साबित हुआ कि उन्होंने मोबाइल व एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग से संचार कर लूट की तैयारी की थी।
पुलिस की कार्रवाई और बरबादी की स्थिति
बोझपुर पुलिस ने त्वरित रूप से कई बाड़े लगाकर जिला भर में वाहन जाँच शुरू की। एस. पी. राज ने बारहड़ा थाना के अधिकारी को बताया कि "बाबूरा छोटी पुल" पर सभी वाहनों की बारीकी से जांच की जानी चाहिए। 11 मार्च को शेरु सिंह और चंदन कुमार को पश्चिम बंगाल से लाया गया और आरा के मुख्य न्यायाधीश (CJM) कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तब उन्हें पूछ‑ताछ के लिये हिरासत में रखने की याचिका स्वीकृत कर ली। उसी दिन पुलिस ने कयामनगंज पुल के पास एक झाड़ी में छिपी हुई बंदूक और दो पिस्तौलें तथा पाँच जीवित कारतूस भी बरामद किए।

पहले की तन्मिश्स लूटों से जुड़ा इतिहास
यह मामला 2024 के जुलाई में पुरनिया में तन्मिश्स शोरूम पर हुई 3.70 करोड़ की चोरी से जुड़ा है। उस घटना में 6 अपराधियों का एक गिरोह शामिल था, जिनमें चनमुन झा का नाम प्रमुख था। चनमुन झा को 3 लाख का इनाम था, पर बिहार के एसटीएफ ने उसे मारा। वह अभियान में 5 पुलिस अधिकारी और 2 आम लोग घायल हुए। 2025 के मार्च में गई टिप्पणी में बिहार पुलिस ने कहा, "जो भी पुलिस को चुनौती देगा उसे गोली तैयार रखनी होगी"। पिछले साल ही बरामद लगभग 70% चोराए गए गहनों को एक चेक‑पॉइंट पर ध्वस्त किया गया था, जहां एक गोलीबारी में दो अपराधियों को चोट लगी और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
आगे क्या हो सकता है?
शेरु सिंह और चंदन कुमार को आगे रोकने के लिये बिहार सरकार ने विशेष जेल‑सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की चेतावनी दी है। साथ ही तन्मिश्स ने अपने सभी शोरूम में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे, बायो‑मैट्रिक एंट्री सिस्टम और तेज़ अलार्म प्रणाली लगाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आम तौर पर जटिल संगठित लूट को रोकने में मदद करेगा, पर डिजिटल संचार के माध्यम से जेल के अंदर से योजना बनाना अब एक बड़ा खतरा बन चुका है। पुलिस का कहना है कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिये ज़िला‑स्तर पर एक सेंट्रल कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां सभी आपातकालीन कॉल एक ही सिस्टम में एकत्रित होंगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या इस लूट से बिहार के ज्वेलरी खरीदारों को कोई जोखिम है?
अभी तक कोई सीधा ख़तरा नहीं है, लेकिन तन्मिश्स ने सभी स्टोर्स में सुरक्षा उपाय तेज़ कर दिए हैं। ग्राहकों को अब बायो‑मैट्रिक पहचान और रीयल‑टाइम निगरानी से सुरक्षा का भरोसा दिया गया है।
क्या चंदन कुमार और शेरु सिंह वास्तव में जेल से योजना बनाते थे?
जांच के दौरान मिली डिजिटल डिवाइस और मोबाइल रिकॉर्ड्स ने पुष्टि की कि दोनों ने पुरुलिया जेल में रहते हुए सन्देश‑एन्क्रिप्शन के ज़रिये लूट की रूप‑रेखा बनाई थी। यह पहली बार है जब ऐसा प्रमाण मिलता है।
लूट की वास्तविक कीमत कितनी थी?
प्रारम्भिक रिपोर्ट ने 25 करोड़ बताया था, पर आगे की जांच और बरामद वस्तुओं के मूल्यांकन से निश्चित हुआ कि कुल चुराए गए ज्वेलरी का मूल्य ठीक 10 करोड़ रूपए है।
पुलिस ने चोरी हुई बंदूक कैसे बरामद की?
गुज़रते हुए दो अपराधियों से मिली सूचना पर पुलिस ने कोयामनगर पुल के पास एक झाड़ी में छिपी हुई 9.2mm लाइसेंस‑डेड बंदूक और दो पिस्तौलें बरामद कीं, साथ ही पाँच जीवित कारतूस भी मिले।
भविष्य में ऐसी लूटों को रोकने के लिये क्या कदम उठाए जाएंगे?
बिहार पुलिस ने जिला‑स्तर पर आपातकालीन कॉल सेंटर, तेज़ प्रतिक्रिया इकाइयाँ और जेल‑सुरक्षा को कड़ा करने की योजना बनाई है। साथ ही ज्वेलरी कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक वस्तु‑ट्रेसिंग और एआई‑आधारित खतरा‑प्रीडिक्शन सिस्टम स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
tirumala raja sekhar adari
अक्तूबर 22, 2025 AT 22:03बोझपुर में ऐसी लूट में अँधेरे की गन्ध है, ऐसा लगता है जैसे उनेक अंधेरे के दीपक जल रहे हों, रिपोर्ट से पता चलता है कि पांच सशस्त्र लोग गीयर में घुसे, सुरक्षा गार्ड को डराया और चोरों ने 10 करोड़ की ज्वेलरी यहीं से ले ली।
किसी को समझ नहीं आ रहा कि पुलिसी प्रतिक्रिया इतनी धीमी किस कारण हुई, शोरूम के अंदर से पुकारें आती रहीं, पर सहायता नहीं मिली।
जेल के अंदर से योजना बनाते लोग इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते प्रतीत होते हैं।