भारत महिला क्रिकेट ने बनाई ऐतिहासिक जीत: इंग्लैंड के खिलाफ पहली T20I श्रृंखला

भारत महिला क्रिकेट ने बनाई ऐतिहासिक जीत: इंग्लैंड के खिलाफ पहली T20I श्रृंखला सित॰, 26 2025

जून‑जुलाई 2025 में इंग्लैंड का भारत दौरा भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया। पाँच T20I मुकाबलों में भारत ने 3‑2 से पहली बार इंग्लैंड को हराया, और इसके बाद 3‑2 की शानदार ODI जीत ने टीम की क्षमताओं को दोबारा साबित किया। इस टूर की सबसे बड़ी कहानी है भारत महिला क्रिकेट की निरंतर प्रगति और युवा प्रतिभाओं का उदय।

सीरीज़ का महत्त्वपूर्ण मोड़

पहला T20I मैच में स्मृति मधुना ने अपने पहले शतक का जलसा किया, जिससे टीम ने 97 रन का जबरदस्त अंतर लेकर जीत हासिल की। इस जीत ने शुरुआती दबाव को हटाया और टीम के आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया। दूसरे मैच में अमंजोत कौर और जेमीमा रोड्रिगेज ने समान रूप से 63‑63 रन बनाकर भारत को 24 रन से आगे बढ़ा दिया, जिससे सीरीज़ का स्कोर 2‑0 हो गया।

तीसरा मुकाबला इंग्लैंड के लिए मोड़ साबित हुआ; उन्होंने पाँच रन से जीत कर सीरीज़ को 2‑1 तक लाया। यह जीत इंग्लैंड को आत्मविश्वास के साथ चौथे मैच में लड़ी। ऑल्ड ट्रैफ़ोर्ड, मैंचेस्टर में खेले गए चौथे T20I में भारतीय गेंदबाज़ों ने छोटा स्कोर चेक किया, जबकि बैट्समैन ने आक्रमण किया। भारत ने छह विकेट से जीत दर्ज की, और इस जीत ने सीरीज़ को तय कर दिया। इस जीत में कप्तान हार्मनप्रीत कौर की सूझबूझ और शेरदिलिकरण का बड़ा असर था।

पाँचवां मैच इंग्लैंड ने अंतिम गेंद के रोमांचक अंत में जीत लिया, पर इससे पहले ही भारत ने श्रृंखला पर अपनी पैठ बना ली थी। इस जीत ने न केवल टीम की आत्मविश्वास को बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति को भी बढ़ाया।

ODI जीत और भविष्य की राह

ODI जीत और भविष्य की राह

टूर के बाद हुई ODI श्रृंखला में भी भारत ने चमक दिखायी। पहले मैच में दीप्ति शर्मा ने 62* रन बनाकर टीम को चार विकेट से जीत दिलाई। दूसरे मैच को बारिश के कारण कम स्कोरिंग मैदान माना गया, लेकिन इंग्लैंड ने आठ विकेट से जीत दर्ज की। तिसरे और निर्णायक ODI में हार्मनप्रीत कौर ने अपना सातवाँ ODI शतक (102 रन) बनाया, जबकि वनडे में अपनी पहली पांच विकेट की गेंदबाज़ी (6/52) के साथ कृति गौड़ ने भी अहम भूमिका निभाई। इस 2‑1 जीत ने भारतीय महिलाओं को एक बार फिर चुनौतीपूर्ण दायरे में स्थापित किया।

इस टूर ने कई नई प्रतिभाओं को मंच पर लाया। शैफ़ाली वर्मा जैसी युवा खिलाड़ी ने अपनी बल्लेबाज़ी से टीम को अतिरिक्त गहराई दी। जेमीमा रोद्रिगेज, अमंजोत कौर और दीपती शर्मा जैसे खिलाड़ियों ने लगातार प्रदर्शन करके टीम की बुनियाद को और मजबूत किया। इनके योगदान से अब महिलाएँ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम दिख रही हैं।

टूर के बाद के विश्लेषकों का मानना है कि इस जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। अधिक सघन प्रशिक्षण, बेहतर सुविधाएँ और अंतरराष्ट्रीय अनुभव ने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास प्रदान किया है। अब सवाल यह है कि क्या यह सफलता लगातार बनी रहेगी और टीम भविष्य में विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में भी जीत हासिल कर पाएगी। इस क्रम में आगे के शेड्यूल, घरेलू लीग की गुणवत्ता और फ़ॉर्मेट बदलते समय खिलाड़ियों की अनुकूलन क्षमता प्रमुख भूमिका निभाएगी।