महिला मृत्यु: क्यों बढ़ रही है और क्या कर सकते हैं?
आखिरी कुछ सालों में महिला मृत्यु की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं – चाहे वह घर में हो, कार्यस्थल पर या सार्वजनिक जगहों पर. इस समस्या के पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन समझदारी से कदम उठाने से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है. चलिए देखते हैं कि सबसे आम कारण क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं.
मुख्य कारण: स्वास्थ्य, हिंसा और सामाजिक बंधन
1. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ – मातृ मृत्यु दर, अनन्य गर्भाशय रोग, कैंसर और दिल की बीमारियाँ महिला मृत्यु में बड़ा हिस्सा रखती हैं. अक्सर लक्षण नजरअंदाज़ हो जाते हैं या समय पर इलाज नहीं मिल पाता.
2. घरेलू और सामाजिक हिंसा – घरेलू अत्याचार, दहेज से जुड़ी झगड़े, शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से मौत का कारण बनते हैं. रिपोर्ट बताती हैं कि कई मामलों में पुलिस या सामाजिक सहायता के लापरवाह जवाबदेही से मौत होती है.
3. सुरक्षा की कमी – सार्वजनिक परिवहन में harassment, असुरक्षित सड़कें, रात में अकेले घर पहुँचने की समस्या भी जोखिम बढ़ाती है.
रोकथाम के ठोस कदम
• समय पर स्वास्थ्य जांच – नियमित गर्भावस्था चेक‑अप, ब्रेस्ट कैंसर स्क्रिनिंग और हृदय स्वास्थ्य परीक्षण करवाएँ. लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें.
• कानूनी सहायता – अगर घरेलू हिंसा का सामना कर रहे हैं तो स्थानीय पुलिस, महिला हेल्पलाइन (181) या Nirbhaya केस की तरह कानूनी मदद लें. दस्तावेज़ीकरण रखें, चिट्ठी या फोटो सबूत तैयार रखें.
• सुरक्षा की योजना बनाएं – रात्रि में घर से बाहर जाने से पहले मित्र या परिवार को बताएं, भरोसेमंद राइड‑शेयर ऐप इस्तेमाल करें, अपने मोबाइल में आपातकालीन संपर्क सेट करें.
• समुदाय में जागरूकता – महिलाओं के अधिकार, हेल्थ वर्कशॉप और सामुदायिक सुरक्षा समूहों में हिस्सा लें. अक्सर एक छोटे से सत्र से लोग बड़ी जानकारी पा लेते हैं.
• प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल – सुरक्षा ऐप्स, लोकेशन शेयरिंग और महिला‑सुरक्षा वाले wearables मदद कर सकते हैं.
इन उपायों को अपनाने से महिला मृत्यु की दर घटाने में मदद मिलती है. लेकिन याद रखें, लक्ष्य सिर्फ खुद की सुरक्षा नहीं, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षित बनाना है. अगर आप या आपके जानने वाले किसी जोखिम में हैं, तो तुरंत मदद लें – एक छोटा कदम बड़ी बदलाव ला सकता है.