नैस्डैक के 3% गिरने से वॉल स्ट्रीट को 2022 के बाद सबसे बड़ा झटका

नैस्डैक के 3% गिरने से वॉल स्ट्रीट को 2022 के बाद सबसे बड़ा झटका अग॰, 3 2024

वॉल स्ट्रीट पर आई भारी गिरावट

अमेरिकी स्टॉक मार्केट में पिछले शुक्रवार को जबरदस्त उथल-पुथल देखने को मिली। एसएंडपी 500 ने 2022 के बाद अपना सबसे बुरा दिन देखा जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस तीव्र गिरावट का मुख्य कारण कमजोर अमेरिकी नौकरियों के आंकड़े रहे, जिसने निवेशकों की चिंताएं और बढ़ा दीं।

डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने भी एक बुरी स्थिति का सामना किया, जिससे स्पष्ट है कि इंवेस्टर्स के बीच आर्थिक मंदी को लेकर चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। फेडरल रिजर्व के मुख्य रेट को बढ़ाने के बाद से ही इसमें खराबी आने लगी थी, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ गई।

इंटेल को भारी गिरावट

इंटेल को भारी गिरावट

यदि हम इंटेल की बात करें, तो इसके शेयरों में 26.1% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले 50 सालों में सबसे बड़ी गिरावट है। यह गिरावट वजह बनी कमजोरता को दर्शाने वाले नौकरियों के आंकड़ों की। इससे यह साफ हो गया कि टेक्नोलॉजी सेक्टर और उसका भविष्य किस हद तक प्रभावित हो सकता है।

गत दिनों की परिशब्दों के विपरीत, एनर्जी सेक्टर ने कुछ राहत दी। इस सेगमेंट ने अपने आप को बाकी मार्केट से बेहतर साबित किया जहाँ एनर्जी सिलेक्ट सेक्टर SPDR फंड ने 0.4% का लाभ कमाया।

तकनीकी और यूटिलिटी स्टॉक्स की सुस्ती

तकनीकी और यूटिलिटी स्टॉक्स की सुस्ती

तकनीकी और यूटिलिटी स्टॉक्स ने मजबूत प्रदर्शन नहीं दिया। जबकि प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आगामी समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, यूटिलिटी के शेयर भी उन्नति करने में नाकामयाब रहे।

फंडस्ट्रैट के टॉम ली ने समय के बावजूद 2023 के लिए पॉजिटिव दृष्टिकोण अपनाया है। उनके अनुसार, निवेशकों द्वारा कई सकारात्मक संकेतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह सिद्धांत स्थिति को कुछ आसान बना सकता है, लेकिन अभी भी मार्केट के परिप्रेक्ष्य में यह चिंता बनी हुई है कि आने वाला साल भी पिछले सालों की तुलना में कठिन हो सकता है।

वर्ष 2008 के बाद सबसे बड़ी चुनौती

वर्ष 2008 के बाद सबसे बड़ी चुनौती

इस गिरावट ने पूरे वर्ष के प्रदर्शन को निराशाजनक बना दिया है, जिससे सभी प्रमुख संकेतो का ये सबसे बुरा साल बन गया है। 2008 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी प्रमुख संकेतो में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है। तीन साल की जीत परंपरा इस साल टूटते देखी जा रही है।

इंवेस्टर्स और विशेषज्ञों के बीच इस बात को लेकर बहस चल रही है कि क्या यह गिरावट स्थायी होगी या फिर बाजार के पास अगली छलांग के लिए ताकत बचेगी।