केरल लॉटरी रिजल्ट 05-11-2025: धनलक्ष्मी DL-25 में 1 करोड़ रुपये का प्राइज जीता DE 606067 टिकट

केरल लॉटरी रिजल्ट 05-11-2025: धनलक्ष्मी DL-25 में 1 करोड़ रुपये का प्राइज जीता DE 606067 टिकट नव॰, 6 2025

केरल के थिरुवनंतपुरम के गॉर्की भवन में आज दोपहर 3 बजे धनलक्ष्मी DL-25 लॉटरी की खुली निकाली गई, और एक करोड़ रुपये का प्राइज जीतने वाला टिकट निकला — DE 606067, जो कि कण्णूर जिले से है। ये लॉटरी सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि कई परिवारों के जीवन बदलने का मौका थी। जब नतीजे घोषित हुए, तो गॉर्की भवन के बाहर भीड़ जमा हो गई — कुछ लोग खुशी से नाच रहे थे, कुछ अपने टिकट देखकर चौंक रहे थे। ये लॉटरी सिर्फ एक सरकारी आय का साधन नहीं, बल्कि केरल के लाखों लोगों के लिए एक उम्मीद का प्रतीक है।

लॉटरी का विस्तृत प्राइज स्ट्रक्चर

धनलक्ष्मी DL-25 के प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन का विवरण सामने आया है: पहला पुरस्कार ₹1 करोड़, दूसरा ₹30 लाख, तीसरा ₹5 लाख (सभी सीरीज के लिए समान), और कंसोलेशन प्राइज ₹5,000। तीसरा प्राइज DF 539824 टिकट ने जीता, जिसका जिला अभी तक घोषित नहीं हुआ। ये नंबर निकाले जाने के बाद, सभी परिणाम शाम 4:30 बजे statelottery.kerala.gov.in पर पीडीएफ के रूप में अपलोड किए गए। यही वेबसाइट केरल सरकार का आधिकारिक स्रोत है। कोई भी अन्य वेबसाइट, भले ही उसका नाम केरल लॉटरी रिजल्ट्स.इन हो, बस रिप्रिंट है — असली डॉक्यूमेंट गवर्नमेंट गेजेट में ही दर्ज होता है।

प्राइज क्लेम कैसे करें? जानिए स्पष्ट नियम

यहाँ एक बड़ी बात है: ₹5,000 से कम के प्राइज वाले टिकट आप किसी भी अधिकृत लॉटरी शॉप पर जाकर निकाल सकते हैं — बिना किसी दस्तावेज के। लेकिन जो लोग ₹5,000 से ज्यादा का प्राइज जीतते हैं, उन्हें एक अलग प्रक्रिया फॉलो करनी होती है। उन्हें अपना टिकट केरल लॉटरी विभाग के अधिकृत बैंक या सरकारी कार्यालय में जमा करना होगा, साथ में आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक पासपोर्ट साइज फोटो। ये स्टेप्स सिर्फ फॉर्मलिटी नहीं, बल्कि धोखाधड़ी रोकने के लिए हैं।

और यहाँ एक बात जो कई लोग भूल जाते हैं — प्राइज क्लेम का अंतिम तिथि 30 दिन है। अगर आप इस अवधि के भीतर टिकट जमा नहीं करते, तो आपका पैसा सरकार के लिए रिटर्न हो जाता है। इसका मतलब है कि आज जिसने जीता, वह अगले 30 दिनों में अपना दस्तावेज तैयार करे, नहीं तो ये सब बस एक याद बन जाएगा।

लॉटरी का इतिहास और सरकारी भूमिका

केरल लॉटरी व्यवस्था 1967 में शुरू हुई — भारत की पहली राज्य स्तरीय लॉटरी। आज ये एक अरबों रुपये का बिजनेस है। हर साल केरल सरकार लॉटरी से लगभग ₹1,500 करोड़ की आय करती है, जिसका उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए किया जाता है। ये लॉटरी जनता के लिए एक स्वास्थ्य बीमा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक निर्णय है। लोग इसमें भाग लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये एक अनुमति है — एक छोटे से टिकट से जीवन बदलने की।

गॉर्की भवन, जहाँ आज निकाली गई, वहीं लगभग 60 सालों से हर हफ्ते लॉटरी ड्रॉ होती है। ये जगह अब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक संस्कृति का प्रतीक बन चुकी है। यहाँ निकाले गए नंबरों ने कई गरीब परिवारों को बचाया है, कई बार एक बीमार बच्चे का इलाज भी किया है।

अगला ड्रॉ: करुण्या प्लस KN-596

धनलक्ष्मी DL-25 के बाद अगला ड्रॉ गुरुवार, 6 नवंबर 2025 को हुआ — करुण्या प्लस KN-596। इसका प्रथम पुरस्कार भी ₹1 करोड़ था, और इसका टिकट नंबर PT 799772 निकला। ये दोनों लॉटरी एक ही श्रृंखला का हिस्सा हैं, जो अक्टूबर से शुरू हुई और दिसंबर तक चलेगी। केरल सरकार ने इस श्रृंखला को बढ़ावा देने के लिए एक नया एप्प भी लॉन्च किया है — जिसमें टिकट खरीदने के बाद नतीजे ऑटोमैटिक नोटिफिकेशन के रूप में आते हैं।

क्या ये लॉटरी न्यायसंगत है?

कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि ये लॉटरी गरीबों को धोखा देती है — एक छोटे से टिकट पर ₹10 खर्च करके लोग एक करोड़ की उम्मीद करते हैं। लेकिन एक अध्ययन दिखाता है कि केरल में लॉटरी खरीदने वालों का 72% वर्गीय श्रमिक या छोटे व्यवसायी हैं, जो इसे एक सस्ती बचत के रूप में देखते हैं। जब आपके पास ₹10 बचत है, तो आप उसे चाय पर खर्च कर सकते हैं, या एक टिकट खरीद सकते हैं। और अगर जीत जाते हैं? तो ये बदलाव का अवसर बन जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनलक्ष्मी DL-25 का प्रथम पुरस्कार किसने जीता और कैसे पुष्टि करें?

धनलक्ष्मी DL-25 का प्रथम पुरस्कार ₹1 करोड़ DE 606067 टिकट ने जीता, जो कि कण्णूर जिले से है। पुष्टि के लिए आपको statelottery.kerala.gov.in पर जाकर ऑफिशियल पीडीएफ डाउनलोड करना होगा, और उसे केरल सरकार का गेजेट के साथ मिलाना होगा। कोई भी तीसरी वेबसाइट या एप्प असली नहीं है।

₹5,000 से अधिक का पुरस्कार कैसे निकालें?

₹5,000 से अधिक के पुरस्कार के लिए आपको अपना जीता हुआ टिकट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक पासपोर्ट साइज फोटो लेकर केरल लॉटरी विभाग के अधिकृत बैंक या लॉटरी कार्यालय में जाना होगा। यहाँ आपकी पहचान की जांच की जाएगी, और आपको एक रसीद दी जाएगी। पैसा 7-10 दिनों में बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है।

प्राइज क्लेम करने का अंतिम समय क्या है?

केरल लॉटरी विभाग ने स्पष्ट किया है कि जीते हुए टिकट को ड्रॉ की तारीख से 30 दिनों के भीतर जमा करना अनिवार्य है। अगर आप इस समय सीमा को लांघ जाते हैं, तो आपका प्राइज रद्द हो जाता है और यह राशि सरकारी निधि में जमा हो जाती है। कोई भी छूट नहीं दी जाती।

क्या लॉटरी के नतीजे बदले जा सकते हैं?

नहीं। केरल लॉटरी ड्रॉ एक बंद और निगरानी वाली प्रक्रिया है, जिसमें एक निष्पक्ष नियंत्रक और एक स्वतंत्र गवाह उपस्थित रहता है। ड्रॉ के बाद नतीजे एक बार घोषित हो जाते हैं और गवर्नमेंट गेजेट में दर्ज हो जाते हैं। इसके बाद कोई बदलाव संभव नहीं।

क्या मैं ऑनलाइन लॉटरी टिकट खरीद सकता हूँ?

अभी तक, केरल सरकार ने ऑनलाइन टिकट बिक्री शुरू नहीं की है। आपको अधिकृत लॉटरी शॉप पर जाकर कैश में टिकट खरीदना होगा। ऑनलाइन एप्स या वेबसाइट्स बस नतीजे दिखाती हैं — टिकट खरीदने का ऑप्शन नहीं। धोखेबाजी से बचने के लिए किसी भी ऐप को विश्वास न करें।

अगली लॉटरी कब होगी और उसका नाम क्या है?

धनलक्ष्मी DL-25 के बाद अगली लॉटरी करुण्या प्लस KN-596 थी, जिसका ड्रॉ 6 नवंबर 2025 को हुआ। अगली लॉटरी शुक्रवार, 7 नवंबर को स्वर्णलक्ष्मी SL-112 के नाम से होगी, जिसका प्रथम पुरस्कार ₹50 लाख होगा। नतीजे फिर से शाम 4:30 बजे statelottery.kerala.gov.in पर आएंगे।

12 टिप्पणि

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    Khagesh Kumar

    नवंबर 8, 2025 AT 00:15

    एक करोड़ जीतने वाला टिकट कण्णूर से निकला है यार, ये लॉटरी तो असली उम्मीद का नाम है। जिसने भी जीता, उसकी जिंदगी बदल गई।

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    Sakshi Mishra

    नवंबर 8, 2025 AT 19:34

    क्या आपने कभी सोचा है, कि ये टिकट जिस घर में बेचा गया, वहाँ कितनी आँखें उम्मीद से भरी हुई थीं? एक रुपये का टिकट, एक बच्चे का इलाज, एक माँ का सपना... ये सिर्फ एक नंबर नहीं, ये तो जीवन का एक नया अध्याय है।

    हर ड्रॉ में, लाखों लोग अपनी छोटी-छोटी बचत को एक आशा में बदल देते हैं। और जब नंबर आता है, तो वो आशा असली हो जाती है।

    लेकिन क्या होता है जब नंबर नहीं आता? क्या वो टिकट बस एक खोया हुआ रुपया है? या फिर वो एक छोटा सा आत्मविश्वास है, जो कहता है-'शायद कल मेरी बारी होगी'?

    केरल की ये लॉटरी सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, ये तो एक सामाजिक रिश्ता है-जहाँ गरीब, अमीर, शिक्षित, अशिक्षित सब एक ही नंबर के लिए उम्मीद करते हैं।

    मैं जानती हूँ, कुछ लोग इसे धोखा कहेंगे। लेकिन जब आपके पास कोई और विकल्प नहीं होता, तो एक टिकट भी एक दरवाजा हो जाता है।

    क्या आपको लगता है कि एक माँ, जो अपने बच्चे के लिए ₹10 बचाती है, वो बेवकूफ है? या वो सबसे बड़ी बुद्धिमान है? क्योंकि वो जानती है-जिंदगी में कभी-कभी, बहुत कम लगने वाली चीज़ें, बहुत बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

    हम जो भी लेकर चलते हैं, वो हमारी आत्मा की बात करता है। और ये टिकट? ये उस आत्मा का एक छोटा सा उत्साह है।

    मैं इस लॉटरी को नहीं खरीदती... लेकिन मैं इसकी भावना को समझती हूँ।

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    Ritu Patel

    नवंबर 9, 2025 AT 07:25

    अरे भाई, ये सब झूठ है! ये लॉटरी तो सरकार का धोखा है! जिसने भी जीता, वो सरकारी आदमी है! ये नंबर पहले से तय होते हैं! आधार कार्ड और पैन कार्ड लगाकर तुम्हें भी बता देंगे कि तुम जीत गए! ये सब नाटक है!

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    Deepak Singh

    नवंबर 11, 2025 AT 04:42

    मैंने अपने बारे में बहुत सोचा है-क्या मैं इस लॉटरी में शामिल होऊँ? नहीं। क्योंकि मैं जानता हूँ कि ये एक असंभव संभावना है। लेकिन फिर भी, जब मैं रास्ते में टिकट देखता हूँ, तो मुझे लगता है-क्या अगर ये टिकट मेरे लिए था? क्या अगर मैंने खरीद लिया होता? ये सवाल मुझे रात भर नहीं सोने देता।

    लेकिन जब मैं इसके बारे में अधिक जानता हूँ, तो मुझे लगता है कि ये एक ऐसी चीज़ है जिसे तुम नहीं खरीद सकते, बल्कि तुम उसके लिए तैयार हो जाते हो।

    केरल सरकार ने ये लॉटरी शुरू की तो इसलिए कि लोगों को एक अवसर मिले। लेकिन असली अवसर तो ये है कि तुम अपने जीवन में कुछ बदलने की हिम्मत करो।

    क्या तुम टिकट खरीद रहे हो? नहीं। तो तुम अपने भाग्य को नहीं चुन रहे हो। तुम बस इंतज़ार कर रहे हो।

    ये लॉटरी तुम्हें धोखा नहीं दे रही, तुम खुद अपने आप को धोखा दे रहे हो।

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    Rajesh Sahu

    नवंबर 12, 2025 AT 18:32

    ये लॉटरी भारत की गरिमा है! दुनिया के किसी भी देश में ऐसी लॉटरी नहीं है! सरकार लोगों के लिए बनाती है, और लोग उसका सम्मान करते हैं! ये तो देशभक्ति का नमूना है! जो इसकी आलोचना करता है, वो देश का दुश्मन है!

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    Chandu p

    नवंबर 12, 2025 AT 21:21

    मैंने अपने गाँव में एक दोस्त को देखा है-उसने ₹10 का टिकट खरीदा, और उसका बेटा अब डॉक्टर है। ये लॉटरी कोई जुआ नहीं, ये तो एक निवेश है। एक छोटा सा निवेश, जिसका रिटर्न जीवन होता है।

    जिन्होंने जीता, उन्हें बधाई। जिन्होंने नहीं जीता, उन्हें भी बधाई-क्योंकि उन्होंने उम्मीद बनाए रखी।

    और हाँ, अगर तुम्हारे पास ₹10 बचे हैं, तो उसे चाय पर न खर्च करो, एक टिकट खरीद लो। क्योंकि तुम्हारा भाग्य तुम्हारे बिल्कुल पास है।

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    Gopal Mishra

    नवंबर 13, 2025 AT 14:09

    केरल लॉटरी का इतिहास 1967 से शुरू होता है, और आज यह एक सामाजिक संस्था बन चुकी है। यह एक राज्य द्वारा चलाई जाने वाली एकमात्र ऐसी योजना है, जिसका उद्देश्य न केवल आय उत्पन्न करना है, बल्कि लोगों के बीच एक आस्था का निर्माण करना है।

    हर टिकट एक छोटी सी आशा का प्रतीक है, और जब यह आशा असली हो जाती है, तो वह एक बदलाव का कारण बन जाती है।

    क्या यह एक न्यायसंगत व्यवस्था है? यह एक असंभव संभावना पर आधारित है, लेकिन यह एक ऐसी संभावना है जिसे कोई भी व्यक्ति अपने लिए बना सकता है।

    यह लॉटरी किसी भी व्यक्ति के लिए खुली है-चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित, अमीर हो या गरीब। यह एक ऐसा समानता का अवसर है, जिसे भारत के किसी भी अन्य योजना में नहीं मिलता।

    हम इसे एक जुआ कह सकते हैं, लेकिन जब एक गरीब माँ अपने बच्चे के लिए एक टिकट खरीदती है, तो वह जुआ नहीं, बल्कि एक निवेश कर रही होती है।

    और इसीलिए, यह लॉटरी भारत के सामाजिक ऊर्जा का एक अद्वितीय उदाहरण है।

    यह न केवल धन का वितरण है, बल्कि आशा का वितरण है।

    और आशा का मूल्य कभी भी रुपयों में नहीं बताया जा सकता।

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    Swami Saishiva

    नवंबर 14, 2025 AT 17:30

    तुम सब ये बातें क्यों कर रहे हो? ये लॉटरी बस एक धोखा है। जिसने जीता, वो राज्य का भाई है। टिकट तो बेचे जाते हैं, लेकिन जीतने वाला तो पहले से तय होता है। ये सब नाटक है।

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    Swati Puri

    नवंबर 14, 2025 AT 22:11

    ये लॉटरी केरल के सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क का एक अंग है। इसका आर्थिक आधार निवेश है, लेकिन इसका सामाजिक आधार विश्वास है। जब लोग टिकट खरीदते हैं, तो वे एक अनुमानित लाभ के लिए नहीं, बल्कि एक सामूहिक अनुभव के लिए खरीदते हैं।

    यह एक लोकप्रिय सांस्कृतिक घटना है, जिसका अर्थ अधिक वित्तीय नहीं, बल्कि सामाजिक अनुभव के रूप में है।

    इसकी व्यवस्था में एक नियमितता है-हर हफ्ते एक ड्रॉ, हर ड्रॉ में एक आशा। यह एक रूटीन बन जाता है।

    और रूटीन ही लोगों को शांति देता है।

    इसलिए, यह लॉटरी बस एक जुआ नहीं, बल्कि एक सामाजिक विश्राम है।

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    megha u

    नवंबर 16, 2025 AT 11:58

    बस अब तो ये भी बता दो कि नंबर कैसे निकला? बीच में स्कैनर लगा हुआ है ना? सरकार ने अपने लिए बना लिया है। ये एप्प भी फर्जी है। तुम्हारा आधार कार्ड तो ट्रैक हो रहा है।

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    pranya arora

    नवंबर 17, 2025 AT 16:41

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक टिकट बेचा जाता है, तो उसके पीछे एक आदमी खड़ा होता है-जिसके पास दो रुपये भी नहीं हैं, लेकिन वो एक टिकट बेच रहा है? वो भी उम्मीद कर रहा है।

    ये लॉटरी सिर्फ एक नंबर नहीं, ये तो एक चक्र है-जहाँ आशा बेची जाती है, और आशा ही बचाती है।

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    Arya k rajan

    नवंबर 18, 2025 AT 12:07

    मैंने अपने दादाजी को देखा है-हर हफ्ते वो एक टिकट खरीदते थे। कभी जीते, तो दुकान पर चाय देते। कभी नहीं जीते, तो बस मुस्कुराते।

    उनका कहना था-'बेटा, जीवन तो इसी तरह चलता है-कभी तुम्हारी बारी आती है, कभी नहीं। लेकिन जो आशा बनाए रखता है, वो ही जीत जाता है।'

    ये लॉटरी नहीं, ये तो जीवन का सबक है।

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