India vs Sri Lanka की रोमांचक सुपर ओवर जीत से इंडिया ने एशिया कप 2025 में अपराजित अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा

India vs Sri Lanka की रोमांचक सुपर ओवर जीत से इंडिया ने एशिया कप 2025 में अपराजित अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा सित॰, 27 2025

मैच की कहानी

एशिया कप 2025 के सुपर फोर चरण में India vs Sri Lanka का मुकाबला पूरे तनाव के साथ शुरू हुआ। भारत ने पहले ही पांच जीतों से फाइनल की जगह पक्की कर ली थी, पर श्रीलंका को जीत के लिए कुछ भी नहीं छोड़ना था – वह महज शान के लिए खेल रहे थे। इस वजह से दोनों टीमों की मानसिकता पूरी तरह अलग थी, जिससे मैदान पर नई ऊर्जा देखी गई।

शुरुआत से ही श्रीलंका ने बलवंत आक्रमण दिखाया। पाथुम निस्संकारा ने एक शानदार पारी खेली, जिससे वह विराट कोहली के टि‑20 एशिया कप के रिकॉर्ड को तोड़कर पाँच 50‑plus स्कोऱ के साथ सबसे आगे निकल आया। निस्संकारा के साथ कुशल पेरा ने 100‑रन का साझेदारी बनाई, जो टूर्नामेंट में अब तक दो बार ही हुई थी। दस ऑवर तक उन्होंने 114 रन बनाकर इस टूर्नामेंट की सबसे तेज़ स्कोरिंग पारी का रिकॉर्ड भी बना दिया।

भारत की गेंदबाज़ी इस धधकते अंश को रोक नहीं पाई। शुरुआती ओवर में कुछ विकेट गिराए, पर निस्संकारा‑पेरा की जोड़ी ने लगातार शॉट मारे और स्कोर बार-बार बढ़ाते गए। भारत के प्रमुख गेंदबाज – कुंदीसर राय और वरुण चक्रवर्ती – कई बार चापलूसी वाले डॉट गेंदें बुलंद कर रहे थे, पर अन्त में उन्हें रफ्तार नहीं दे पाए।

जब शाम 20 रन के अंतर से समाप्त हुई, तो दोनों टीमों को सुपर ओवर में ले जाया गया। सुपर ओवर में भारत ने अभिषेक शर्मा को जल्दी से स्ट्राइक दिया। उन्होंने पहले डिलिवरी में दो रन लिए, फिर दो बॉल पर छक्के मारे, जिससे टीम को एक मजबूत शुरुआती मंच मिला। दूसरी ओर, श्रीलंका की गेंदबाज़ी कोरीली क्रीज़ पर धड़कते हुए दिखी, लेकिन उन्होंने भी सही लंबाई की गेंदें चलीं।

इंडिया ने सुपर ओवर को 12‑7 से जीत लिया। इस जीत ने उनके अपराजित रिकॉर्ड को जारी रखा और फाइनल में उन्हें असीम आत्मविश्वास दिलाया।

इंडिया की जीत के पीछे के मुख्य कलाकार

इंडिया की जीत के पीछे के मुख्य कलाकार

टूर्नामेंट के दौरान भारत के दो खिलाड़ी – अभिषेक शर्मा और कुलदीप यादव – लगातार चर्चा का केंद्र रहे। अभिषेक ने पावरप्ले में तेज़ शुरुआत करके कई विरोधियों को झटका दिया, जबकि कुलदीप ने अपनी बाय‑स्पिन से लगातार विकेट ले कर विरोधी बल्लेबाज़ों को घुटन में रखा। दोनों ही खिलाड़ियों को ‘प्लेयर ऑफ टूर’ के लिये नामांकित किया गया है।

शुभमन गिल की स्थिरता, हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे की ऑल‑राउंड क्षमताएँ भी टीम की गहराई को दर्शाती हैं। जब शतक के बाद टीम को पारी बनाए रखने की जरूरत पड़ी, तो गिल ने सहजता से रन चुरा कर सहारा दिया। पांड्या और दुबे ने बीच के ओवर में वर्सेटाइल रोल निभाया – पांड्या ने कुछ अंतरिक्षी शॉट्स मारकर और दुबे ने तेज़ रन लेकर खेल को संतुलित किया।

बॉलिंग यूनिट में जलवायु विविधता स्पष्ट थी। कुलदीप की गुप्त स्पिन, वरुण की रहस्यमयी बॉल, और जसप्रीत बुमराह की सटीक डेडलाइन ने विरोधी टीम को बार‑बार उलझन में पड़ाया। अर्शदीप सिंह ने आखिरी ओवर में दबाव को संभालते हुए मैच को सुरक्षित बनाया।

दूसरी ओर, श्रीलंका की टीम में कुछ उज्जवल बिंदु भी दिखे। वानिंदु हसरंगा ने गेंदबाज़ी में संभावनाएँ दिखाई, लेकिन टीम के समग्र बॉलिंग में निरंतरता नहीं बनी। निस्संकारा और पेरा की साझेदारी ने दर्शाया कि अगर उन्हें सही समर्थन मिले तो श्रीलंका फिर से शीर्ष पर लौट सकता है।

इस जीत के बाद भारत का फाइनल में बांग्लादेश या पाकिस्तान से टकराव तय है। दोनों संभावित विरोधियों के पास भी बेहतरीन बैटिंग और बॉलिंग अर्म्स हैं, लेकिन भारत की अब तक की अपराजित प्रवृत्ति, गहरी बैटिंग लाइन‑अप और विविध बॉलिंग विकल्प उन्हें सबसे बड़ा दावेदार बनाते हैं।