हैरी ब्रूक ने 50 पारियों में 10 टेस्ट शतक लगाकर बनाया रिकॉर्ड, इंग्लैंड के 34 साल बाद पहला ट्रिपल सेंचुरी
दिस॰, 19 2025
मुल्तान के मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम में एक ऐसा पारी जिसने क्रिकेट इतिहास को फिर से लिख दिया। हैरी ब्रूक, 25 साल के इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज, ने 11 अक्टूबर, 2024 को पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में 322 गेंदों में 317 रन बनाकर इंग्लैंड का 34 साल बाद पहला टेस्ट ट्रिपल सेंचुरी दर्ज किया। ये पारी सिर्फ एक शतक नहीं थी — ये एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने इंग्लैंड के बल्लेबाजी इतिहास को नए आयाम दिए।
34 साल के इंतजार के बाद ट्रिपल सेंचुरी
पिछली बार इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज ने टेस्ट में 300+ रन बनाए थे, तो वो थे लेन हटन — 1990 के दशक से पहले। उसके बाद वॉली हैमोंड, ग्राहम गूच, एंड्रयू सैंडम जैसे दिग्गजों ने ये उपलब्धि हासिल की, लेकिन अब तक कोई नहीं। ब्रूक ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा, और इस तरह वो इंग्लैंड के छठे ट्रिपल सेंचुरी स्कोरर बन गए। उनकी ये पारी सिर्फ बड़ी नहीं थी — वो बेहद तेज थी। 322 गेंदों में 317 रन का औसत स्ट्राइक रेट लगभग 98.4 है, जो ट्रिपल सेंचुरी के लिए असाधारण है।
रूट के साथ 454 रनों का रिकॉर्ड
ब्रूक की पारी का सच्चा असर तब दिखा जब उन्होंने जो रूट के साथ 454 रन का भागीदारी बनाई। ये न सिर्फ इंग्लैंड का सबसे बड़ा टेस्ट भागीदारी रिकॉर्ड बना, बल्कि विश्व क्रिकेट में भी टॉप-5 में शामिल हो गया। पिछला रिकॉर्ड 1957 में पीटर मेय और कोलिन काउड्री ने बनाया था — 411 रन। ब्रूक और रूट ने उसे 43 रनों से तोड़ दिया। रूट ने 262 रन बनाए, लेकिन ब्रूक की शानदार पारी ने टीम को 823-7 तक पहुंचाया, जो टेस्ट इतिहास में केवल चौथी बार 800+ रन का स्कोर था। पिछली बार ये 1997 में श्रीलंका ने भारत के खिलाफ किया था।
50 पारियों में 10 शतक: सबसे तेज
लेकिन ये सब अभी तक की बात है। असली चमत्कार तब हुआ जब ब्रूक ने द ओवल टेस्ट में भारत के खिलाफ अपना 10वां टेस्ट शतक लगाया — और ये सिर्फ 50वें टेस्ट पारी में। ऑस्ट्रेलियाई मार्नस लैबुशैग्ने ने ये मील का पत्थर 51वें पारी में पार किया था। ब्रूक ने उसे एक पारी से आगे निकाल दिया। इतिहास में सिर्फ सात खिलाड़ियों ने 10 शतक इतनी जल्दी लगाए, लेकिन उनमें से कोई भी 1960 के बाद नहीं खेला। ये बात सोचने वाली है।
क्या बदल गया है इंग्लैंड का बल्लेबाजी चेहरा?
ब्रूक की शुरुआत ही अद्भुत रही। अपनी पहली छह पारियों में उन्होंने 809 रन बनाए, और औसत 80.90 था — जिसमें स्ट्राइक रेट भी 100 के करीब था। ये एक ऐसा बल्लेबाज है जो बल्ले से निर्णय लेता है। जब इंग्लैंड 106/3 पर था और 374 रनों का पीछा कर रहा था, तो ब्रूक ने 98 गेंदों में 111 रन बनाकर टीम को बचाया। उनके निकलने के बाद भी इंग्लैंड ने जीत दर्ज की। ये बस एक बल्लेबाज नहीं, ये एक बचावकर्ता है।
क्या हुआ मुल्तान में दूसरी पारी में?
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जो किया, उसके बाद गेंदबाजों ने भी अपना काम पूरा किया। पाकिस्तान की दूसरी पारी में वो 152/6 पर रुक गए, जिससे इंग्लैंड को 115 रनों का लीड मिल गया। ये एक ऐसा टेस्ट था जहां हर चरण ने इतिहास बनाया। दूसरा टेस्ट 15 अक्टूबर को फिर मुल्तान में शुरू हुआ, और तीसरा रावलपिंडी में। लेकिन पहला टेस्ट ही ऐसा था जिसे याद रखा जाएगा।
क्या ब्रूक अब इंग्लैंड का कप्तान बनेगा?
सितंबर 2025 में एक अफवाह फैली कि ब्रूक को इंग्लैंड का टेस्ट कप्तान बनाया जाएगा। अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन अगर उनका ये प्रदर्शन जारी रहा, तो ये सिर्फ अफवाह नहीं, बल्कि एक तार्किक निर्णय होगा। उनकी आत्मविश्वास से भरी बल्लेबाजी, तनावपूर्ण परिस्थितियों में शांति, और टीम के लिए बड़े रन बनाने की क्षमता — ये सब कप्तानी के लिए आदर्श गुण हैं।
क्या ये बदलाव का शुरुआत है?
इंग्लैंड क्रिकेट टीम कई सालों से एक नए युग की तलाश में थी। ब्रूक और रूट के साथ, उन्हें एक ऐसा बल्लेबाजी क्रम मिल गया है जो दबाव में भी जीत ला सकता है। ये सिर्फ दो खिलाड़ी नहीं — ये एक नई पीढ़ी का प्रतीक हैं। जब आप देखते हैं कि एक 25 साल का लड़का दुनिया के सबसे कठिन टेस्ट मैदानों में ट्रिपल सेंचुरी बना रहा है, तो आप जानते हैं — ये सिर्फ एक खेल नहीं, ये एक विरासत बन रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हैरी ब्रूक कैसे बने सबसे तेज 10 टेस्ट शतक पूरे करने वाले बल्लेबाज?
हैरी ब्रूक ने अपनी 50वीं टेस्ट पारी में 10वां शतक लगाया, जो इस सदी के लिए सबसे तेज है। ऑस्ट्रेलियाई मार्नस लैबुशैग्ने ने इसे 51वीं पारी में पूरा किया था। इतिहास में सिर्फ सात खिलाड़ी इससे तेज रहे, लेकिन वे सभी 1960 से पहले खेल चुके थे। ब्रूक ने इस रिकॉर्ड को अब तक के सभी नवीनतम बल्लेबाजों से आगे निकाल दिया है।
इंग्लैंड के लिए ये ट्रिपल सेंचुरी क्यों इतनी खास है?
इंग्लैंड के आखिरी ट्रिपल सेंचुरी 1990 में लेन हटन के बाद नहीं आया था। ब्रूक की 317 रन की पारी ने 34 साल के इंतजार को खत्म किया। ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे सिर्फ छह इंग्लैंड के बल्लेबाज ही हासिल कर पाए हैं — ये बहुत कम है। और उनका ये स्कोर बहुत तेज भी था, जो इसे और भी अनोखा बनाता है।
ब्रूक और रूट की 454 रनों की भागीदारी का क्या महत्व है?
ये इंग्लैंड की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी भागीदारी है। पिछला रिकॉर्ड 1957 में पीटर मेय और कोलिन काउड्री का 411 रन था। ब्रूक-रूट की ये जोड़ी ने उसे 43 रनों से तोड़ा। इसके साथ ही ये न्यूजीलैंड में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ी भागीदारी भी बनी। ये दोनों यॉर्कशायर के हैं — ये एक अद्भुत क्षेत्रीय सफलता है।
ब्रूक का औसत और स्ट्राइक रेट क्यों इतना अद्भुत है?
ब्रूक ने अपनी पहली छह पारियों में 809 रन बनाए, जिसका औसत 80.90 और स्ट्राइक रेट लगभग 100 था। ये अद्भुत है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में अच्छा औसत और तेज स्ट्राइक रेट एक साथ मिलना बहुत कम होता है। उन्होंने बल्लेबाजी को बरकरार रखते हुए भी रन बनाने की गति बनाए रखी।
क्या ब्रूक को इंग्लैंड का कप्तान बनाया जाएगा?
2025 के सितंबर में एक अफवाह फैली कि ब्रूक को टेस्ट कप्तान बनाया जाएगा, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता, दबाव में शांति और बड़े मैचों में अपनी पारी बनाने की क्षमता इस बात को समर्थित करती है। अगर वे अपना प्रदर्शन जारी रखते हैं, तो ये एक तार्किक चयन होगा।
मुल्तान में ये मैच इंग्लैंड के लिए क्यों महत्वपूर्ण था?
मुल्तान में इंग्लैंड का पहला टेस्ट दो बड़े विश्वासों को बढ़ावा देता है: पहला, इंग्लैंड अब पाकिस्तान के घर पर भी जीत सकता है; दूसरा, उनके नवीनतम बल्लेबाज दुनिया के सबसे कठिन टेस्ट मैदानों पर भी बड़े स्कोर बना सकते हैं। ये एक नए युग की शुरुआत का संकेत है — जहां टेस्ट क्रिकेट फिर से जीवित हो रहा है।