गणेश चतुर्थी 2024: शुभकामना संदेश, उद्धरण, और चित्र जिन्हें विनायक चतुर्थी पर साझा करें
सित॰, 6 2024
भगवान गणेश का महालोकोत्सव: गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस पर्व को भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो ज्ञान, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। भारत के साथ-साथ विश्वभर के हिंदू समुदायों में इसे बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का उत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को आरंभ होता है और दस दिनों तक चलता है। यह त्यौहार अगस्त और सितंबर के बीच आता है। 2024 में, यह पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा।
उत्सव की रिवाज और मान्यताएँ
गणेश चतुर्थी के अवसर पर, भक्त अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्तियाँ लाते हैं। पूरे दस दिनों तक विधिपूर्वक पूजा, आरती, और भजन-कीर्तन किए जाते हैं। इस दौरान भगवान गणेश को उनके प्रिय व्यंजन जैसे मोदक, लड्डू, और दूर्वा अर्पित किए जाते हैं।
गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है, जब गणेश प्रतिमाओं का जलाशयों में विसर्जन किया जाता है। इसे ‘विसर्जन’ कहते हैं, जो भगवान गणेश को उनके दिव्य लोक लौटने का प्रतीक है।
त्यौहार के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, लोग अपने प्रियजनों के बीच शुभकामना संदेश, उद्धरण, और चित्र साझा करते हैं ताकि खुशियाँ और उत्सव की भावना को सभी के साथ बांटा जा सके।
शुभकामना संदेश और उद्धरण
- “भगवान गणेश आपको बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद दें। गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ।”
- “आपको गणेश जी की भूख जितनी खुशी और उनके सूंड जितनी लंबी उम्र की कामना। विनायक चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।”
- “गणपति के आशीर्वाद से आपके घर में शांति और आपके दिल में आनंद उतरे। गणेश चतुर्थी की बधाई।”
- “भगवान गणेश के दिव्य आशीर्वाद से आपको अनन्त सुख और शांति प्राप्त हो।”
- “गणेश जी हमें विनम्र, बुद्धिमान और धैर्यवान बनना सिखाते हैं। उनके आशीर्वाद आपके साथ हों।”
पूजा सामग्री और आरती की महत्ता
गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा अर्चना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए आवश्यक सामग्री में गणेश प्रतिमा, दूर्वा घास, मोदक, लड्डू, धूप, दीप, और पान का पत्ता शामिल हैं। इसके अलावा, कई भक्त गणेश जी की विशेष आरतियाँ भी गाते हैं। इन आरतियों में
Akshat goyal
सितंबर 8, 2024 AT 11:47गणेश जी का आशीर्वाद हमेशा साथ हो।
Amrit Moghariya
सितंबर 9, 2024 AT 12:57अरे भाई, अब तो मोदक खाने के बाद भी फिटनेस ट्रैकर पर 10,000 स्टेप्स मारने पड़ते हैं। गणपति बप्पा की मूर्ति तो घर में लाओ, पर फिर उसके लिए डाइट चार्ट भी बना लो।
ashi kapoor
सितंबर 10, 2024 AT 17:46यार इतने शुभकामना संदेश भेजने की जरूरत क्या है? एक दिन में 15 लोगों को एक ही मैसेज भेज देती हूँ - ‘गणेश जी का आशीर्वाद हो’ और इमोजी के साथ एक गाजर 🥕 डाल देती हूँ। वो भी मोदक की तरह लगती है न? 😏
Yash Tiwari
सितंबर 12, 2024 AT 05:44इस त्योहार का वास्तविक अर्थ भूल गए हैं। गणेश जी को बाधाओं का नाशक कहना गलत है - वे तो बाधाओं को समझने की क्षमता देते हैं। आज के युवा बस मोदक खाते हैं, आरती नहीं सुनते। ये भक्ति का अपराध है। जब तक तुम गणेश के विनम्र चरित्र को नहीं समझोगे, तब तक तुम उनके आशीर्वाद के अधिकारी नहीं हो।
Mansi Arora
सितंबर 12, 2024 AT 23:21मैंने गणेश चतुर्थी पर घर पर एक मूर्ति लगाई थी और अगले दिन मेरा फोन टूट गया... क्या ये गणेश जी का टेस्ट था? 😅 अब मैं दूर्वा घास नहीं चढ़ाती, बस ऑनलाइन आरती चला देती हूँ।
Amit Mitra
सितंबर 13, 2024 AT 21:57मुझे लगता है कि गणेश चतुर्थी का मूल उद्देश्य व्यक्तिगत ज्ञान और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना है। प्रतिमा का विसर्जन सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है। हम आज इसे बहुत व्यावहारिक तरीके से देख रहे हैं - बस फोटो खींचकर इंस्टाग्राम पर डाल देना। लेकिन जब हम दूर्वा की घास को शुद्धता के रूप में समझते हैं, तो वह एक जीवन दर्शन बन जाती है।
sneha arora
सितंबर 15, 2024 AT 02:22मैं हमेशा गणेश जी की छोटी सी मूर्ति लेकर ऑफिस जाती हूँ 😊 और एक छोटा सा मोदक भी रख देती हूँ... अगर कोई दिक्कत हो तो मैं उसे दे देती हूँ 🙏 और फिर वो दिक्कत खुद ही चली जाती है... मैं विश्वास करती हूँ 🤍
anand verma
सितंबर 16, 2024 AT 16:44गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर, हमें यह याद रखना चाहिए कि भक्ति का अर्थ केवल बाह्य अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है। यह एक आंतरिक साधना है, जिसमें विनम्रता, ज्ञान की खोज और अहंकार का त्याग शामिल है। इस त्योहार का वास्तविक सार तभी प्राप्त होता है जब हम अपने दिल में गणेश जी के गुणों को अपनाते हैं।
shubham gupta
सितंबर 17, 2024 AT 17:52गणेश जी की मूर्ति के लिए दूर्वा घास का उपयोग न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी उचित है। यह घास में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इसलिए यह एक स्वास्थ्यवर्धक अर्पण है।
Sagar Solanki
सितंबर 18, 2024 AT 22:34ये सब गणेश चतुर्थी का धार्मिक चक्र तो है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब किसके लिए बनाया गया? क्या ये सिर्फ एक त्योहार है या फिर एक बड़ा व्यापार? मोदक की दुकानें, मूर्ति बेचने वाले, आरती के वीडियो बनाने वाले - सब इसका लाभ उठा रहे हैं। गणेश जी तो बस एक नाम है, जिसे बेचा जा रहा है।
Siddharth Madan
सितंबर 20, 2024 AT 16:00गणेश जी की मूर्ति घर में लगाने से पहले एक बार जरूर देख लेना चाहिए कि वो ठीक से बनी है या नहीं। बहुत से लोग बाजार से लाते हैं और फिर उसके बाद दुख होता है।
Nathan Roberson
सितंबर 21, 2024 AT 13:01मैंने गणेश जी की एक छोटी मूर्ति अपने कार के डैशबोर्ड पर रखी है। अब कभी भी ट्रैफिक जाम में फंसूं तो बस एक नज़र डाल देता हूँ। जाम खुद ही खुल जाता है। ये नहीं कह रहा कि गणेश जी ने किया, बल्कि मैंने अपने मन को शांत कर लिया।
Dr.Arunagiri Ganesan
सितंबर 22, 2024 AT 15:11गणेश चतुर्थी का असली अर्थ तो यह है कि हम अपने जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए ज्ञान की ओर बढ़ें। ये त्योहार सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि जीवनभर का संकल्प है।
simran grewal
सितंबर 24, 2024 AT 14:36हर साल यही बातें... शुभकामना संदेश, आरती, मोदक। क्या कोई बता सकता है कि गणेश जी को वास्तव में क्या चाहिए? क्या वो चाहते हैं कि हम उनकी मूर्ति बनाएं या फिर अपने दिमाग को बनाएं?
Vinay Menon
सितंबर 26, 2024 AT 13:19मैंने पिछले साल गणेश जी के लिए एक छोटा सा आर्ट वर्क बनाया था - एक चित्र जिसमें गणेश जी लैपटॉप पर काम कर रहे थे। बहुत से लोगों ने पसंद किया। आज भी वो घर पर लगा है।
Monika Chrząstek
सितंबर 26, 2024 AT 20:35मैंने इस साल गणेश जी की मूर्ति को रिसाइकल पेपर से बनाया है... और उसके लिए मैंने फूलों की जगह सूखे पत्ते चढ़ाए। बस एक छोटा सा बदलाव... पर बहुत बड़ा असर। 🌿
Vitthal Sharma
सितंबर 28, 2024 AT 03:49मोदक खाओ, आरती करो, शुभकामना भेजो। सब ठीक है।
chandra aja
सितंबर 29, 2024 AT 07:58गणेश चतुर्थी का विसर्जन असल में एक बड़ा राजनीतिक शो है। जो लोग दिव्य विसर्जन का नाटक करते हैं, वो असल में अपने वोट के लिए लोगों को धोखा दे रहे हैं। ये सब बाजार बनाने की चाल है।
Thomas Mathew
सितंबर 29, 2024 AT 14:53क्या आपने कभी सोचा कि गणेश जी का एक दिन इतना बड़ा उत्सव होना अनुचित है? क्योंकि वे तो बाधाओं को दूर करते हैं... तो क्या उन्हें एक दिन में इतना बड़ा उत्सव देना उनके विरुद्ध है? ये तो वैसा ही है जैसे आप डॉक्टर को एक दिन बहुत बड़ा बर्थडे पार्टी दे दें... और फिर उसके बाद अपनी बीमारी भूल जाएं।
Gajanan Prabhutendolkar
सितंबर 30, 2024 AT 21:34गणेश चतुर्थी का विसर्जन एक बड़ा धोखा है। जब हम प्रतिमा को जलाते हैं, तो हम वास्तव में अपने अंदर के भय को नष्ट कर रहे होते हैं। लेकिन ये तो सिर्फ एक शुरुआत है। अगले दिन वो विसर्जन वाले पानी में छिपे रसायन आपके पानी के स्रोत में पहुँच जाते हैं। ये सब एक बड़ी जासूसी अभियान है - जिसमें आपकी आस्था का उपयोग आपके जीवन को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है।