डोनाल्ड ट्रम्प ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में साबित किया रिकॉर्ड‑भरा जीत

5 नवम्बर 2024 को अमेरिकी जनता ने इतिहास लिखते हुए डोनाल्ड ट्रम्प को दोबारा राष्ट्रपति के पद पर स्थापित किया। इस बार उनका प्रतिद्वंद्वी कामला हैरिस थी, जो असाधारण परिस्थितियों में डेमोक्रेटिक टिकट संभाल रही थी। ट्रम्प की जीत न केवल व्यक्तिगत विजय थी, बल्कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक व्यापक राजनीतिक सफलता भी साबित हुई।
परिणाम और कांग्रेस की नई स्थिति
ट्रम्प ने मतगणना में लगभग 52% वोट हासिल करके हैरिस को पीछे छोड़ दिया। इस जीत के साथ रिपब्लिकन ने राष्ट्रपति पद के साथ-साथ सीनेट पर भी नियंत्रण जमा लिया, जबकि प्रतिनिधि सभा में उनका छोटा बहुमत बरकरार रहा। इस प्रकार 2024 का चुनाव अमेरिका को फिर से एक डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में लाया, जहाँ पार्टी ने 2016 के बाद पहली बार सभी तीन प्रमुख संस्थानों को एक साथ चलाया। यह स्थिति 1980 के बाद पहली बार देखी गई, जब किसी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का आधा घटक बदल गया था।

अभियान की प्रमुख घटनाएँ और मुद्दे
इस चुनावी दौर में कई अनपेक्षित घटनाएँ सामने आईं। सबसे बड़ी थी दो बार ट्रम्प पर लक्षित गोलीबारी—पहली पेनसिलवेनिया में, जहाँ वह घायल हुए, और दूसरी फ्लोरिडा में। यह 1981 के बाद पहली बार किसी वर्तमान या पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर गोलीबारी की कोशिश थी और 1972 के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति उम्मीदवार को चोट पहुँची।
डेमोक्रेटिक पक्ष में भी बड़े परिवर्तन हुए। शुरुआती चरण में जो बाइडेन स्पष्ट रूप से डेमोक्रेटिक उम्मीदवार थे, लेकिन जून 2024 में उनके प्रदर्शन पर सवाल उठने के बाद, जुलाई में उन्होंने चुनाव त्याग कर दिया। यह 1968 में लिंडन बी. जॉनसन के बाद पहली बार एक कार्यरत राष्ट्रपति ने ऐसा किया। बाइडेन की जगह कामला हैरिस ने ली, जिन्होंने अगस्त में पार्टी का आधिकारिक नामांकन प्राप्त किया, जबकि उनके प्रमुख प्रतिस्पर्धी डीन फिलिप्स ने बस एक जीत दर्ज की। हैरिस ने मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज को अपने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना। ट्रम्प की टीम ने ओहायो के सीनेटर जे.डी. वैंस को अपने साथ जोड़ा।
वोटर की चिंताओं को दर्शाने वाले मुख्य मुद्दे थे:
- आर्थिक स्थिरता और महंगाई के नियंत्रण की माँग
- गर्भपात अधिकारों पर गहरी विभाजन
- आप्रवासन नीति और सीमा सुरक्षा
- लोकतंत्र की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता
- विदेशी नीतियों में अमेरिकी भूमिका, विशेषकर चीन और वहान संबंधों में बदलाव
इन मुद्दों पर उम्मीदवारों के बयान, टाउन हॉल मीटिंग और टेलीविज़न डिबेट ने मतदाताओं को काफी प्रभावित किया।
ट्रम्प के पक्ष में कई राज्यों ने प्री-इलेक्शन प्रक्रिया शुरू की। उत्तरी कैरोलिना ने 6 सितंबर से मेल‑इन वोटिंग का विकल्प दिया, जबकि अन्य राज्य भी उसी महीने में इस सुविधा को लागू करने लगे। यह कदम मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उठाया गया था। इस विस्तारित प्रारम्भिक मतदान ने कई नागरिकों को अपने मतदान का समय स्वयं चुनने की स्वतंत्रता दी।