दीप्ति शर्मा बनाम आरुषि गोयल: 30 लाख की धोखाधड़ी व चोरी का केस, आगरा में दर्ज

जब दीप्ति शर्मा, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश पुलिस की डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने भाई सुमित शर्मा की शिकायत के बाद आगरा के थाना सदर में एक केस दर्ज करवाया, तो खबरों ने पूरी राजधानी को हिला दिया।
विवाद का केंद्र आरुषि गोयल थी, जो न सिर्फ महिला प्रीमियर लीग (WPL) में उत्रा प्रदेश वॉरियर्स की खिलाड़ी रही है, बल्कि भारतीय रेलवे में लोअर डिवीजन क्लर्क का पद भी संभालती है। दोनों खिलाड़ियों की दोस्ती क्रिकेट मैदान से शुरू हुई, लेकिन दो साल में लगभग 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी, फ्लैट का तोड़‑फोड़, कीमती जेवर‑जबाँ और विदेशी मुद्रा की चोरी के आरोपों में बदल गई।
पृष्ठभूमि: दोस्ती से विवाद तक
दीप्ति और आरुषि की जुड़ाव तब शुरू हुआ जब वे दोनों ने 2023‑24 सीज़न की WPL में एक ही टीम में खेला। उस दौरान दीप्ति ने टीम की कप्तानी संभाली, जबकि आरुषि ने अपने बहु‑कौशल से टीम को कई मैचों में जीत दिलाई। मैदान के बाहर भी दोनों ने परिवारिक संबंधों को गहरा किया; कई प्रशंसकों ने इसे "क्रीडा‑परिवार" की तरह बताया।
परंतु, इस क़रीबी रिश्ते का फायदा उठाते हुए आरुषि के माता‑पिता, जिन्होंने दीप्ति को कई बार निजी जरूरत बताई, दो अलग‑अलग तारीखों पर कुल मिलाकर लगभग 25‑30 लाख रुपये उधार ले लिये। दीप्ति ने कई बार राब्ता करके पैसा वापस माँगा, पर हर बार टाल‑मटोल और अभद्र भाषा का सामना करना पड़ा।
केस की फ़ाइलिंग और पुलिस की कार्रवाई
सुमित शर्मा ने तुरंत डीसीपी सिटी आगरा (डिप्टी कमिश्नर) को शिकायत दर्ज करवाई। डीसीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया कि उत्तरी प्रदेश पुलिस ने अब तक 12 दाखिल साक्षी और 4 बैंक ट्रांज़ैक्शन रिकॉर्ड एकत्रित कर लिए हैं।
14 अगस्त 2024 को, आगरा थाने के सदर क्षेत्र में आरुषि गोयल और उनके पिता‑माता के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी, संपत्ति के छेड़छाड़ और चोरी के आरोपों में केस नंबर 2024‑CR‑225 दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि आगे की जांच में यह भी पाया गया कि आरुषि ने दीप्ति के फ्लैट का ताला तोड़कर कई कीमती वस्तुएँ चुराई थीं।

आरोपों का विवरण: धोखाधड़ी, चोरी और ताला टूटना
- धोखाधड़ी – दो साल में लगभग ₹2.5‑₹3 करोड़ की रकम ली गई, पर वापस न करने का बहाना दिया गया।
- संपत्ति की छेड़छाड़ – दीप्ति के आगरा स्थित मारुती फोरेक्स सोसाइटी फ्लैट का ताला तोड़ा गया।
- चोरी – सोने‑चाँदी के आभूषण, विदेशी मुद्रा और नकद राशि लगभग ₹12 लाख की बरबादी की गई।
- तीसरे पक्ष की हस्तक्षेप – एक दिल्ली निवासी महिला के बीच में आने से दोनों खिलाड़ियों के रिश्ते में खटास आई, जिससे मामला सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया।
गवाहों के मुताबिक, जब दीप्ति ने चोरी का पता लगाया, तो आरुषि ने तुरंत बहस बढ़ा दी और दीप्ति को धक्के‑धक्का करके बाहर निकालने की कोशिश की। यह घटना पुलिस को भी चौंकाने वाली थी, क्योंकि दोनों खिलाड़ियों ने पहले कभी विवाद नहीं किया था।
तीसरे पक्ष का असर और क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
क्रिकेट जगत में इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आईं। कुछ मान्यता प्राप्त कोच ने कहा कि "खेल के मैदान पर प्रतिस्पर्धा ठीक है, पर व्यक्तिगत संबंधों में पारदर्शिता और भरोसे को बनाए रखना ज़रूरी है।" जबकि कुछ सहकर्मियों ने यह बताया कि "यह एक निजी मामला है, पर सार्वजनिक प्रोफ़ाइल के कारण इसका असर महिला क्रिकेट की छवि पर पड़ेगा।"
दिल्ली की इस महिला के बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, पर मीडिया रिपोर्टों ने बताया कि वह दीप्ति और आरुषि के बीच के मतभेद को बढ़ाने में भूमिका निभा रही थी। इस बीच, भारत क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने भी मामला देखे बिना नहीं रहने का संकेत दिया, और कहा कि "यदि कोई खिलाड़ी क़ानून के विरुद्ध कार्य करता पाएगा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।"

भविष्य की संभावनाएँ और न्याय प्रक्रिया
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि सभी साक्ष्य एकत्रित कर सजायुक्त न्यायालय में पेश कर मामला तय किया जाएगा। अगले दो हफ़्तों में आरुषि गोयल एवं उनके माता‑पिता को आगरा कोर्ट में पेश किया जाना है। केस की सुनवाई के बाद संभावित जेल सजाएँ, जुर्माना और वित्तीय पुनर्भुगतान का आदेश दिया जा सकता है।
अगर कोर्ट में दोषसिद्धि मिलती है, तो दोनों खिलाड़ियों के करियर पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। विशेषकर दीप्ति शर्मा के पुलिस करियर को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि आरोपी के साथ उनके संबंधों की जांच हो रही है। दूसरी ओर, आरुषि को WPL और भारतीय रेलवे दोनों में निलंबन का जोखिम बन सकता है।
वर्तमान में दोनों पक्षों की वकीलों ने कहा है कि "अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, पर हम सबूतों के आधार पर उचित कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं।"
Frequently Asked Questions
केस में दीप्ति शर्मा के खिलाफ कौन‑सी शर्तें लगायी गईं?
पुलिस ने बताया कि दीप्ति को धोखाधड़ी के शिकार मानते हुए उनके भाई के माध्यम से हत्या‑पुशाक विरुद्ध कोई शर्त नहीं लगी, बल्कि वह शिकायतकर्ता हैं। मामले में मुख्य शर्तें आरोपियों – आरुषि गोयल और उनके माता‑पिता पर हैं।
आरुषि गोयल की नौकरी की स्थिति क्या है?
आरुषि भारतीय रेलवे में लोअर डिवीजन क्लर्क के पद पर कार्यरत है, प्रमुखता से आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर पोस्टिंग है। इसके साथ ही वह WPL में यूपी वॉरियर्स की खिलाड़ी रह चुकी हैं।
दिल्ली की महिला का इस विवाद में क्या रोल था?
रिपोर्टों के अनुसार, वह दोनों खिलाड़ियों के बीच के व्यक्तिगत मतभेद को बढ़ाने में मध्यस्थ थी। उसकी सटीक पहचान अभी तक उजागर नहीं हुई, पर मीडिया ने कहा है कि उसके कारण रिश्ते में खटास आई।
इस केस का भारतीय महिला क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा?
यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोनों खिलाड़ियों को टीम से बर्खास्त किया जा सकता है, जिससे भारत की महिला क्रिकेट में प्रतिभा की कमी हो सकती है। साथ ही, इस प्रकार के विवाद से खेल की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
अगले कदम क्या होंगे?
आगरा कोर्ट में दो‑तीन हफ्तों में सुनवाई होगी, जिसमें दोनों पक्षों के वकील सबूत पेश करेंगे। यदि न्यायालय दोषी सिद्ध करता है, तो आर्थिक पुनर्भुगतान, जुर्माना और संभवतः जेल की सजा हो सकती है।
Chinmay Bhoot
अक्तूबर 6, 2025 AT 00:3530 लाख का जुर्माना तो भगवान से भी नहीं बचा सकता।