ChatGPT की 10 घंटे लंबी आउटेज से हड़कंप, OpenAI ने बड़ी मुश्किल से सेवाएं शुरू कीं

ChatGPT की 10 घंटे की रुकावट: यूज़र व डेवलपर हुए परेशान
सोचिए सुबह उठते ही आपकी सबसे जरूरी ऐप एकदम से काम करना बंद कर दे! ठीक यही हुआ 10 जून 2025 को, जब ChatGPT और OpenAI की दूसरी सेवाएं अचानक ठप हो गईं। आमतौर पर, ChatGPT पर सवाल करना, Sora से वीडियो बनाना, या API का इस्तेमाल करने वाले डेवलपर—सभी अचानक आउटेज से जूझने लगे। Downdetector जैसी वेबसाइटों पर सुबह 8 बजे तक 1300 से ज्यादा लोगों ने शिकायत दर्ज कराई, जिनमें से 92% से ज्यादा ChatGPT से जुड़ी हुई थीं।
ये आउटेज 2:45 बजे ईस्टर्न टाइम (यानि करीब 9:45 बजे भारत में) शुरू हुई और 10 घंटे से भी लंबी चली। इस दौरान यूज़र्स को GPT-4o इस्तेमाल करते वक्त ‘Too many concurrent requests’ जैसे एरर मैसेज सामने आते रहे। कई लोगों को अपने जरूरी काम, प्रोजेक्ट, और चैट में रुकावट झेलनी पड़ी। सबसे ध्यान देने वाली बात ये रही कि वॉयस मोड में तो दिक्कतें पर्सिस्ट करती रहीं, जबकि बाकी फीचर धीरे-धीरे रात होते-होते नॉर्मल हो गए।
OpenAI की कोशिशें और यूज़र्स के लिए दूसरे रास्ते
OpenAI ने अपने स्टेटस पेज के ज़रिए हर अपडेट ताज़ा-तरीन दी। जैसे ही तकनीकी टीम ने समस्या की जड़ पकड़ ली, सबसे पहले Sora को दोबारा कामयाब रूप से चालू किया गया। इसके बाद डेवलपर APIs भी दोपहर तक ठीक हो गईं। लेकिन कई यूज़र्स को देर रात तक आवाज से जुड़े जवाब लेने में परेशानी आती रही।
इस बीच, जब चैटबॉट प्रेमियों और प्रोफेशनल्स की मुश्किलें अपने चरम पर थीं, तमाम टेक सलाहकारों ने इसी मौके पर दूसरे ऑप्शन आज़माने की सलाह दी। CNET जैसी वेबसाइट ने Claude चैटबॉट, Leonardo.Ai (इमेज क्रिएशन के लिए), Canva (डिजाइन के शुरुआती यूज़र्स के लिए) और Bing Video Creator (Sora का विकल्प) के रूप में कुछ नाम सुझाए।
- ChatGPT आउटेज के दौरान, कई छोटे बिजनेस और कंटेंट क्रिएटर परेशान नजर आए।
- डेवलपर्स, जो अपनी वेबसाइट्स या प्रोडक्ट में OpenAI के API का इस्तेमाल कर रहे थे, उन्हें ऑटोमेशन और फंक्शनल काम ठहराना पड़ा।
- ग्लोबल यूज़र बेस के चलते असर सिर्फ अमेरिका या भारत तक सीमित नहीं रहा, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, हर जगह लोग परेशान थे।
OpenAI ने साफ-साफ कहा कि इस बार की आउटेज को सम्हालने और पूरी तरह ठीक करने में अपेक्षा से ज्यादा वक्त लग गया। कंपनी ने यूज़र्स को स्टेटस पेज पर लगातार नजर रखने को कहा, ताकि अगर दोबारा कोई गड़बड़ी हो तो वे तुरंत अपडेट पा सकें।
इंटरनेट और टेक जगत में जहां AI चैटबॉट्स, मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन रोजमर्रा का हिस्सा बनते जा रहे हैं, वहीं ChatGPT जैसी सर्विस की इतनी लंबी डाउनटाइम लोगों के सब्र का असली इम्तिहान था। शायद ऐसी घटनाएं ये याद दिलाने के लिए काफी हैं कि दुनिया चाहे जितनी डिजिटल हो जाए, कुछ भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं।