ब्राइटन ने एफए कप में चेल्सी को 2-1 से हराया, चौथे राउंड में किया कमाल
फ़र॰, 9 2025
ब्राइटन की ऐतिहासिक जीत
ब्राइटन एंड होव एल्बियन ने चेल्सी को एफए कप के चौथे राउंड में 2-1 से हराकर एक चौंकाने वाली जीत दर्ज की। ऐमैक्स स्टेडियम में खेला गया ये मुकाबला फुटबॉल प्रशंसकों के लिए बेहद रोमांचक रहा।
पहले हाफ में, चेल्सी के लिए जोआओ फेलिक्स ने 28वें मिनट में एक अच्छा गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। उनका यह गोल ब्राइटन की रक्षा की चूक का परिणाम था, जिससे चेल्सी ने अच्छी शुरुआत की।
लेकिन दूसरे हाफ में ब्राइटन ने खेल का पूरा रुख बदल दिया। दूसरे हाफ के 60वें मिनट में सब्सटीट्यूट स्ट्राइकर डेनिज उनडाव ने एक बेहतरीन फिनिश कर किया गोल। यह गोल एक तेजतर्रार काउंटर अटैक का नतीजा था, जिसने मैच को बराबरी पर ला दिया।
क्लाइमेक्टिक मोमेंट
89वें मिनट में मैच का निर्णायक क्षण आया, जब काओरू मिठोमा ने विनर गोल दागा। यह गोल उन पर आई गेंद को वापस लेने के बाद हुआ, जब चेल्सी के गोलकीपर केपा अर्रिजाबलागा एलेक्सिस मैक एलिस्टर की पहली कोशिश को रोकने में सफल हुए थे।
चेल्सी के लिए शाम और भी निराशाजनक बन गई जब खिलाड़ियों ने चोटें झेलनी पड़ीं, विशेषकर त्रेवो चलोबा का एक रेड कार्ड वाले मामले में फंसा होना, हालाँकि उन्हें बाहर नहीं किया गया।
ब्राइटन के मैनेजर रोबर्टो दे ज़र्बी ने अपनी टीम की हिम्मत की तारीफ की, जबकि चेल्सी के बॉस ग्राहम पॉटर ने माना कि उनकी टीम में जरूरी तीव्रता की कमी थी। इस जीत के साथ ब्राइटन ने एफए कप में 1933 के बाद पहली बार चेल्सी को हराया और अब उनकी भिड़ंत स्टोक सिटी से पांचवें राउंड में होगी।
Nupur Anand
फ़रवरी 10, 2025 AT 17:48अरे भाई, ये मैच तो एक फिल्म जैसा था! चेल्सी ने तो बस अपने बजट और नाम से खेला, ब्राइटन ने तो दिमाग और दिल से खेला। डेनिज उनडाव का गोल? वो तो एक शायरी की तरह था - बिना शब्दों के, पर दिल को छू गया। और मिठोमा का वो विनर? ओह भगवान, वो गोल तो फुटबॉल का अंतिम उपदेश था - जब तुम सब कुछ खो चुके हो, तभी सच्ची जीत आती है।
चेल्सी के गोलकीपर ने जो बचाया, वो तो एक डॉक्टर की तरह था, पर उसके बाद जो हुआ... वो तो ब्राइटन के फुटबॉल दर्शन का जीवंत प्रमाण।
हमारे यहाँ तो अभी भी लोग कहते हैं - बड़ी टीम जीतती है। लेकिन आज तो साबित हो गया - बड़ा दिमाग जीतता है।
Vivek Pujari
फ़रवरी 12, 2025 AT 05:24लोग बोल रहे हैं ‘अनअपसेट’... पर ये तो एक सामाजिक-आर्थिक विकृति का उदाहरण है! ब्राइटन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि डेटा-ड्रिवन ट्रांसफर और एनालिटिक्स-बेस्ड ट्रेनिंग ने रॉयल्टी के बारे में पुराने नियमों को बदल दिया है। चेल्सी के पास तो बस फंडिंग है, ब्राइटन के पास इंटेलिजेंस है। ये तो फुटबॉल की अगली एवोल्यूशन है।
केपा का रिफ्लेक्स तो बहुत अच्छा था, पर उसके बाद का डिसिशन-मेकिंग? नो फ्लैग ऑन डिफेंसिव प्रेशर। इस लेवल का फुटबॉल तो अब बस टेक्नोलॉजी के साथ चलता है।
Ajay baindara
फ़रवरी 13, 2025 AT 02:02तुम लोग इतना झूठ बोल रहे हो! ब्राइटन ने बस एक बार लक्ष्य लगाया, बाकी सब चेल्सी के खिलाफ बेवकूफ बन गए। उनका गोलकीपर तो अपने खुद के गोल को भी नहीं बचा पाया। फिर भी तुम इसे ‘ऐतिहासिक’ कह रहे हो? बेवकूफी है।
मिठोमा का गोल? बस एक भाग्य था। चेल्सी के बच्चे खिलाड़ियों को बस देखने का अवसर नहीं मिला।
mohd Fidz09
फ़रवरी 13, 2025 AT 14:43ये जीत सिर्फ ब्राइटन की नहीं... ये भारत की जीत है! जब हम अपने देश के बाहर भी ऐसा कर देते हैं - तो क्या हम यहाँ नहीं कर सकते? ब्राइटन के खिलाड़ियों के नाम देखो - एक ने अफ्रीका से, एक ने दक्षिण अमेरिका से, एक ने एशिया से आया! ये तो भारत का भविष्य है - जहाँ ताकत नहीं, बल्कि दिमाग है।
चेल्सी के लोग तो अपने बाप के नाम पर खेलते हैं। हमारे यहाँ तो अभी तक लोग कहते हैं - ‘अंग्रेजी टीम बेहतर होती है’। आज देखो - जब दिमाग बोलता है, तो बैंक बैलेंस क्या करता है?
Rupesh Nandha
फ़रवरी 14, 2025 AT 03:32मैच का असली जीत तो ये था - जब एक टीम ने अपने आप को नहीं बचाने की कोशिश की, बल्कि खेल को बदलने की कोशिश की। ब्राइटन ने दिखाया कि असफलता के बाद भी एक नए तरीके से खेलना शुरू करना एक बहादुरी है।
जोआओ फेलिक्स का गोल - तकनीकी शानदार था, लेकिन वो एक अकेले खिलाड़ी की ताकत थी। डेनिज और मिठोमा के गोल - टीम की ताकत थे।
ये फुटबॉल नहीं, ये एक दर्शन है - जहाँ बदलाव की ताकत, अनुशासन की ताकत से बड़ी होती है।
और चेल्सी के लिए - ये एक अच्छा अध्ययन है। निर्णय लेने के लिए बस बल नहीं, बल्कि बुद्धि की जरूरत होती है।
क्या आपने कभी सोचा है - कि जब एक टीम अपने खिलाड़ियों को बदलने के लिए तैयार हो जाती है, तो वो टीम कभी हारती नहीं? बस अलग तरह से जीतती है।
suraj rangankar
फ़रवरी 16, 2025 AT 00:37ब्राइटन वालों को बधाई! दूसरे हाफ में जब टीम बदली तो जैसे नया जीवन मिल गया! डेनिज ने तो बस एक बार बॉल लिया और फिर बस - गोल! बस इतना ही! जब टीम जुनून से खेले, तो नतीजा खुद आ गया!
मिठोमा का गोल? वो तो बस एक चीख थी - जिसने सारे दर्शकों के दिल को छू लिया!
चेल्सी के लोगों को बस एक बात समझनी होगी - फुटबॉल बस पैसे का खेल नहीं, दिल का खेल है!
Nadeem Ahmad
फ़रवरी 16, 2025 AT 22:28ब्राइटन ने अच्छा खेला। चेल्सी ने भी। अब अगला राउंड देखते हैं।
Aravinda Arkaje
फ़रवरी 18, 2025 AT 04:53मिठोमा का गोल? वो तो एक नया जन्म था! जब टीम बदल जाती है, तो खिलाड़ियों का भी बदल जाना चाहिए - और ब्राइटन ने वही किया! डेनिज ने बस एक बार बॉल लिया, और फिर बस - गोल! ये तो बस फुटबॉल की असली जादू है!
चेल्सी के लोगों को ये समझना होगा - नाम और पैसे से जीत नहीं मिलती, दिल से खेलने से मिलती है।
अगले राउंड में भी ऐसा ही जोश दिखाना! ब्राइटन के लिए बस एक बात - अपने आप को बदलने की आदत बनाओ! तुम अभी तक बहुत आगे हो - बस और आगे बढ़ो!