पिंक बॉल टेस्ट में केएल राहुल की नो-बॉल से मिली जीवनदान
दिस॰, 7 2024
एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट का ड्रामा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे एडिलेड टेस्ट मैच में एक अनुसरणीय घटना ने क्रिकेट प्रेमियों को हतप्रभ कर दिया। केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल के साथ बल्लेबाजी करने के समय, राहुल गर्भवती नजर आ रहे थे, जब स्कॉट बोलैंड की गेंद पर उन्होंने शून्य पर विकेटकीपर को कैच थमाने का अंदेशा जताया था। योगदान देने का यही मौका था जब बोलैंड ने लाइन को ओवर स्टेप कर दिया और नो-बॉल कर दी। इसकी जांच होने पर इस बात की पुष्टि हुई कि बोलैंड ने पिच के नियम तोड़े थे। इस तरह राहुल को अपना स्कोर जारी रखने का मौका मिला।
जबकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जश्न मना रहे थे, राहुल मैदान छोड़कर जाने लगे और इस दौरान विराट कोहली बल्लेबाजी के लिए पूरी तैयारी में थे। हालांकि, रिव्यू ने पुष्टि कर दी कि गेंदबाजी लाइन ओवर स्टेप कर ली गई थी, और राहुल को फिर से खेलने के लिए बुलाया गया। स्निकमीटर की पड़ताल ने भी दिखाया कि बल्ले से कोई किनारा नहीं था, जिससे नो-बॉल का निर्धारण सही ठहरा।
विराट कोहली का संघर्ष
विराट कोहली के लिए, यह केवल एक साथ किए गए संघर्ष का हिस्सा था। अपने वनडे और टेस्ट करियर में कई शानदार पारियों के लिए पहचाने जाने वाले विराट को कोहली ने इस बार की बल्लेबाजी में खास काम नहीं किया। उन्हें प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने सिर्फ 7 रन पर आउट कर दिया। कोहली अक्सर गेंद को छोड़ने के दौरान पुरानी गलतियों को दोहराते देखे गए, जो इस बार भी उनके पतन का कारण बन गई।
कोहली की कोशिश लाइन से दूर खेलने के पक्ष में रही, लेकिन समय पर वह अपने बल्ले को वापस नहीं खींच पाए। इससे गेंद ने मोटे बाहरी किनारे का प्रस्ताव किया, जिसे स्टीव स्मिथ ने स्लिप में कैच कर लिया। यह एक और उदाहरण है कि कैसे स्टार्क कोहली के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुए हैं।
केएल राहुल के लिए जीवनदान
इस नाटकीय घटनाक्रम के चलते केएल राहुल को नई जीवनदानी मिली। जब उनका स्कोर 37 रन पर टिका हुआ था, तब मिचेल स्टार्क ने एक बार फिर से उनका विकेट चटकाया। यह प्रक्रिया काफी हद तक ऑस्ट्रेलिया की प्रतियोगिता में सफलता पाती रही है क्योंकि इसी सीरीज में स्टार्क ने तीव्र गति से गेंदबाजी करके राहुल को तीन बार पवेलियन भेजा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस अप्रत्याशित घटना का दोनों टीमों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। क्रिकेट के मैदान पर ऐसा अक्सर नहीं होता है कि नो-बॉल खेल की दिशा को इस कदर बदल दे।
क्रिकेट में नो-बॉल की अहमियत
नो-बॉल का निर्णय केवल एक तकनीकी गलती होती है, लेकिन इसका प्रभाव कई मौकों पर पूरे मैच को प्रभावित कर सकता है। खासकर जब बड़े मैचों की बात होती है, तो छोटी से छोटी गलतियां भी खेल के परिणाम को बदल सकती हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि खिलाड़ी चाहे जितने भी अनुभवी क्यों न हों, उनकी एक छोटी गलती किसी दूसरे खिलाड़ी को नया मौका दे सकती है।
एडिलेड टेस्ट की घटना ने एक बार फिर साबित किया कि खेल में मौके कैसे बदल सकते हैं और गिने-चुने सेकंड में किस प्रकार खेल के प्रतीक बदल सकते हैं। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां हर गेंद एक नई कहानी कह सकती है और इस बार यह कहानी काफी रोमांचक और सीख देने वाली थी।
vikram yadav
दिसंबर 8, 2024 AT 12:05Tamanna Tanni
दिसंबर 10, 2024 AT 09:01Rosy Forte
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