दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देंगे इस्तीफा, जल्द चुनावों की मांग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देंगे इस्तीफा, जल्द चुनावों की मांग सित॰, 15 2024

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और चुनावी मांग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक अचानक घोषणा की कि वह दो दिनों में अपने पद से इस्तीफा देंगे। यह निर्णय उन्होंने तब लिया जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहाई मिली थी। उनके इस्तीफे की यह घोषणा जनता और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा रही है।

केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठेंगे जब तक कि दिल्ली की जनता उन्हें फिर से चुनकर उनकी ईमानदारी पर अपनी मुहर नहीं लगाती। उन्होंने इसे रामायण में सीता की अग्निपरीक्षा से तुलना करते हुए कहा कि वह इसी तरह की अग्निपरीक्षा से गुजर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी ईमानदारी की परीक्षा है और वे इसे पार करके ही खुद को साबित करना चाहते हैं।

चुनावी प्रक्रिया और मांग

केजरीवाल ने मांग की कि दिल्ली विधानसभा चुनाव, जो आमतौर पर फरवरी में होते हैं, उन्हें महाराष्ट्र के चुनावों के साथ नवंबर में कराये जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि तब तक कोई और 'आम आदमी पार्टी' से मुख्यमंत्री का पद संभालेगा। इससे स्पष्ट है कि पार्टी जल्द ही अपने भीतर एक अस्थायी नेता का चयन करेगी जो चुनावों तक सरकार की जिम्मेदारियों को निभाएगा।

अपनी घोषणा में केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जानबूझकर मामले दर्ज कर रही है। उन्होंने कर्नाटक के सिद्धारमैया और केरल के पिनराई विजयन जैसे नेताओं के खिलाफ मामलों का हवाला देते हुए कहा कि यह एक नई रणनीति है जिसमें भाजपा चुनाव हारने के बाद राज्यों की सरकारों को गिराने का प्रयास कर रही है।

लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपील

केजरीवाल ने सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों से अपील की कि अगर उनके खिलाफ ऐसे ही मामले दर्ज होते हैं तो वे पद नहीं छोड़ें। यह लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब जनता का निर्णय सर्वोपरि हो और किसी भी प्रकार के दबाव में न आए।

पहला इस्तीफा और ताजा परिस्थितियाँ

पहला इस्तीफा और ताजा परिस्थितियाँ

यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया हो। 2014 में भी उन्होंने कांग्रेस के साथ मतभेदों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त कांग्रेस ने बाहर से 'आम आदमी पार्टी' की सरकार को समर्थन दिया था।

इस बार उनका इस्तीफा और चुनावों की मांग आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। केजरीवाल का मानना है कि जनता की अदालत में उनकी ईमानदारी की कसौटी ही सबसे बड़ा पैमाना है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह अपनी पार्टी और अपने नेतृत्व की अखंडता को लेकर पूरी तरह सजग हैं।

रविवार की इस घोषणा से राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। पार्टी के सभी प्रमुख नेता इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इस मामले पर और अधिक स्पष्टता आ सकती है।

20 टिप्पणि

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    Yogita Bhat

    सितंबर 16, 2024 AT 09:00

    अरविंद केजरीवाल ने जो किया है, वो कोई नाटक नहीं, ये तो लोकतंत्र की असली जीत है। जब तक जनता उन्हें फिर से चुने, वो बैठेंगे नहीं। ये तो सीता की अग्निपरीक्षा से भी ज्यादा कठिन है।

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    kunal Dutta

    सितंबर 17, 2024 AT 17:32

    अरे भाई, ये सब एक नया रणनीतिक लीव ऑफ एक्शन है। जेल से बाहर आते ही इस्तीफा देना? ये तो PR का बेस्ट गेम है। जनता को बहकाने के लिए रामायण का उपयोग? ब्रिलियंट।

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    Tanya Srivastava

    सितंबर 17, 2024 AT 20:24

    अरे यार ये सब फेक न्यूज है ना? वो तो बस बचने के लिए इस्तीफा दे रहा है! अगर वो बर्बर नहीं है तो फिर जेल में क्यों गया? अब फिर से चुनाव लाने की बात कर रहा है? ये तो बस टाइम बर्बाद कर रहा है 😂

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    Ankur Mittal

    सितंबर 19, 2024 AT 07:17

    इस्तीफा देना अच्छा है। अगर विश्वास टूटा है, तो वापस लाना ही जरूरी है।

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    Diksha Sharma

    सितंबर 19, 2024 AT 14:25

    भाजपा ने उसे जेल में डाला था ना? अब वो इस्तीफा दे रहा है? ये तो सब बनाया हुआ है! जेल में भी उसके लिए वाई-फाई था ना? 😏

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    Akshat goyal

    सितंबर 21, 2024 AT 06:28

    ये निर्णय सही है।

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    anand verma

    सितंबर 23, 2024 AT 03:23

    यह निर्णय एक राजनीतिक नेता के लिए आत्मसमर्पण का एक अद्वितीय उदाहरण है। जनता के विश्वास को निर्णायक मानने की यह दृढ़ता, लोकतांत्रिक मूल्यों की अत्यंत उच्च अभिव्यक्ति है।

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    Amrit Moghariya

    सितंबर 23, 2024 AT 14:40

    अरे भाई, ये तो बस नए सिरे से शुरुआत करने का तरीका है। जेल से निकलकर इस्तीफा देना? ये तो बहुत स्मार्ट है। अब लोग सोचेंगे, 'ये आदमी तो सच में लग रहा है'।

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    shubham gupta

    सितंबर 23, 2024 AT 14:50

    इस्तीफे का यह निर्णय जनता के सामने जवाबदेही का एक मजबूत संकेत है। यह किसी भी राजनीतिक नेता के लिए एक नमूना हो सकता है।

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    Gajanan Prabhutendolkar

    सितंबर 23, 2024 AT 15:54

    इस तरह की राजनीति तो बस एक अंग्रेजी शिक्षित एलिट का नाटक है। जेल से बाहर आया, फिर इस्तीफा दिया? अगर वाकई ईमानदार होता तो तुरंत जाता। ये सब बस इमेजिंग का खेल है।

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    Yash Tiwari

    सितंबर 25, 2024 AT 06:35

    इस घोषणा में एक गहरी दार्शनिक गहराई छिपी है। केजरीवाल ने न केवल एक राजनीतिक निर्णय लिया है, बल्कि एक नए नैतिक ढांचे की नींव रखी है - जहां शक्ति का अधिकार जनता के विश्वास पर निर्भर करता है, न कि राज्य के अधिकारों पर। यह अग्निपरीक्षा एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को जलाकर शुद्ध निर्णय के लिए तैयार होता है। यह भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय है।

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    Mansi Arora

    सितंबर 26, 2024 AT 00:58

    ये सब बहुत बढ़िया नाटक है... पर जब तक उसकी पत्नी नहीं बोलती, तब तक मैं इसे विश्वास नहीं करूंगी। ये तो सब बनाया हुआ है।

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    Amit Mitra

    सितंबर 26, 2024 AT 17:51

    केजरीवाल का यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इसका तुलना रामायण के साथ करना अत्यंत सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक है। जनता के विश्वास को एक धार्मिक अनुभव के रूप में प्रस्तुत करना, भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय विकास है।

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    sneha arora

    सितंबर 27, 2024 AT 06:31

    वाह बहुत अच्छा हुआ ❤️ जनता को फिर से चुनने का मौका देना बहुत बड़ी बात है 🙏

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    Sagar Solanki

    सितंबर 28, 2024 AT 23:42

    ये सब एक बहुत ही विकृत राजनीतिक रणनीति है। जेल से बाहर आकर इस्तीफा देना? ये तो अंग्रेजों के शासन का तरीका है - बाहर निकलो, फिर वापस आओ। ये भाजपा के खिलाफ एक बड़ा बुद्धिमानी वाला गेम है।

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    Siddharth Madan

    सितंबर 29, 2024 AT 21:45

    अच्छा फैसला है।

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    Nathan Roberson

    अक्तूबर 1, 2024 AT 01:50

    ये तो बस एक अच्छा ट्रिक है। जेल में जाओ, फिर इस्तीफा दे दो, और फिर जनता के दिल जीत लो। बहुत अच्छा बनाया है।

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    Thomas Mathew

    अक्तूबर 2, 2024 AT 04:48

    अगर ये सच है तो ये तो दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक नाटक है। जेल से बाहर आकर इस्तीफा देना? ये तो बस एक नए फिल्म की शुरुआत है। अगला एपिसोड: केजरीवाल की वापसी।

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    Dr.Arunagiri Ganesan

    अक्तूबर 3, 2024 AT 00:37

    यह निर्णय भारतीय संस्कृति में आत्म-शुद्धि की अवधारणा का एक अद्वितीय उदाहरण है। जब व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को जनता के समक्ष लाता है, तो यह लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखता है।

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    simran grewal

    अक्तूबर 3, 2024 AT 03:40

    अरे भाई, ये तो बस एक बड़ा धोखा है। जेल से बाहर आया और इस्तीफा दे दिया? अगर वो बर्बर नहीं है तो फिर जेल में क्यों गया? ये सब बस लोगों को भ्रमित करने के लिए है।

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