अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिली जमानत, दिल्ली एक्साइज नीति मामले में राहत
सित॰, 13 2024अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली एक्साइज नीति मामले में आखिरकार राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान की है, जिससे उनकी 177 दिनों की गिरफ्तारी का अंत हो गया। यह महत्वपूर्ण निर्णय 13 सितंबर 2024 को आया जब न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भूयान की खंडपीठ ने इसे मंजूर किया।
केजरीवाल की गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया
केजरीवाल को 26 जून 2024 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दिल्ली एक्साइज नीति में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, उन्हें 21 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई 2024 को इस मामले में अंतरिम जमानत दी थी।
सीबीआई की गिरफ्तारी और अदालती बहस
केजरीवाल की सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी पर उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में जोरदार वकालत की। उन्होंने इसे अनुचित और 'बीमा गिरफ्तारी' करार दिया, जिससे केजरीवाल को नियमित जमानत मिलने में रोड़ा लगाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यह स्पष्ट किया कि ऐसी कोई वजह नहीं है जिससे यह माना जाए कि केजरीवाल साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं या फरार हो सकते हैं। अदालत ने यह भी नोट किया कि सीबीआई ने उनके खिलाफ पहले ही पर्याप्त सबूत एकत्र कर लिए थे।
आगे के कदम और चुनावी प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, विशेष रूप से हरियाणा चुनाव के मद्देनजर। इस जमानत से अब केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) अधिक प्रभावी ढंग से चुनाव प्रचार कर सकेंगे। यह फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को भी पलटता है, जिसने पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया था।
न्यायिक व्यवस्था और जमानत की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट की जमानत आदेश में कुछ शर्तें भी शामिल हैं, हालांकि उन शर्तों का विवरण स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद, इस फैसले से केजरीवाल को तिहाड़ जेल से 13 सितंबर 2024 की शाम तक रिहा करना संभव हो जाएगा।
भविष्य की स्थितियां और केजरीवाल की योजनाएं
इस मामले में जमानत मिलने से केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य के लिए एक नया अध्याय खुल सकता है। एएपी पार्टी और इसके समर्थक अब इस जीत को लेकर उत्साहित हैं और आगामी चुनावों में अपनी रणनीतियों को और भी धार दे सकते हैं। यह फैसला न केवल केजरीवाल के लिए बल्कि उनके दल के कार्यकर्ताओं और समर्पकों के लिए भी एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक जीवन में एक नया मोड़ साबित हो सकता है।