यूरोपीय संघ में निराशा के बाद मैक्रों ने त्वरित चुनाव बुलाए: फ्रांस के लिए क्या दांव पर है
जून, 11 2024
यूरोपीय संसद में हार के बाद चुनावों का ऐलान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में यूरोपीय संसद चुनावों में अपनी पार्टी 'रेनेसां' की बड़ी हार के बाद देश की संसद को भंग कर दिया और त्वरित चुनावों की घोषणा की है। इस चुनाव में मैरीन ले पेन की फऱ-राइट 'नेशनल रैली' पार्टी ने 30% से अधिक वोट हासिल कर बड़े अंतर से जीत हासिल की, जबकि मैक्रों की पार्टी केवल 14.5% वोट हासिल कर सकी। इस हार ने फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव ला दिया है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
फ्रांस की राजनीतिक भावनाओं में परिवर्तन
फ्रांस में यह हार राजनीतिक भावनाओं में बड़े परिवर्तन का संकेत है। देश में इमिग्रेशन, अपराध और जीवन यापन की लागत जैसे मुद्दों पर मतदाताओं की राय में बदलाव ने मैक्रों की पार्टी को प्रभावित किया है। मतदाता अब राष्ट्रवादी भावना और प्रगतिशील नीति के बीच बंटे हुए हैं। मैक्रों की पार्टी की इस हार ने उनके नेतृत्व और नीति-निर्धारण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मैक्रों के फैसले का महत्व
मैक्रों का यह निर्णय फ्रांसीसी नागरिकों को एक स्पष्ट संदेश देता है। यह निर्णय उन्हें प्रोग्रेसिव यूरोपीयन नीतियों और राष्ट्रवादी भावनाओं के बीच चयन करने के लिए कहता है। यह चुनाव अब केवल एक राजनीतिक अवसर नहीं है, बल्कि यह फ्रांस के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा।
संभावित परिदृश्य
अगर मैक्रों की पार्टी आगामी चुनाव हार जाती है, तो वे विपक्ष से एक नए प्रधानमंत्री को नियुक्त करने के लिए मजबूर हो सकते हैं, जिसमें नेशनल रैली भी शामिल हो सकती है। इससे एक 'कोहैबिटेशन' स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जहां मैक्रों विदेशी नीति और रक्षा पर प्रभावी रहेंगे, लेकिन घरेलू नीति का नियंत्रण विपक्ष के हाथों में चला जाएगा।
विश्लेषकों की राय
कई विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रों का यह निर्णय एक जुआ हो सकता है। संभवतः वे ले पेन की पार्टी को शासन करने का मौका देकर उन्हें अक्षम साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि 2027 के राष्ट्रपति चुनावों तक उनकी लोकप्रियता कम हो जाए।
अगले कदम और चुनाव की तैयारियां
इन आगामी चुनावों की तारीखें 30 जून और 7 जुलाई को निर्धारित की गई है। ले पेन ने अपनी जीत का जश्न मनाया और कहा कि यदि फ्रांसीसी जनता उन पर विश्वास जताती है तो उनकी पार्टी सत्तारूढ़ होने के लिए तैयार है। दूसरी ओर, ये राजनीतिक उथल-पुथल फ्रांस में जुलाई के अंत में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारियों को प्रभावित नहीं करेगी।
राष्ट्रपति का जुआ?
यह चुनाव न केवल फ्रांस की राजनीतिक स्थिरता के लिए अहम है बल्कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के राजनीतिक करियर के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मैक्रों की पार्टी एक बार फिर से जनता का विश्वास जीत सकेगी या फिर ले पेन की नेशनल रैली पार्टी को एक मौका मिलेगा।
नया भविष्य और संभावनाएं
फ्रांस के राजनीतिक भविष्य की दिशा क्या होगी, यह आगामी समय ही बताएगा। यह सुनिश्चित है कि इन चुनावों के परिणाम फ्रांस के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नीति-निर्धारण पर गहरा प्रभाव डालेंगे।
चुनाव की तैयारियों का माहौल
जुलाई में होने वाले इस चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। अब सवाल यह है कि क्या मैक्रों अपने फैसले से जनता का समर्थन हासिल कर पाएंगे या फिर फ्रांस नए राजनीतिक परिदृश्य के लिए तैयार हो रहा है।
Karan Kundra
जून 12, 2024 AT 15:49Vinay Vadgama
जून 13, 2024 AT 04:06Pushkar Goswamy
जून 14, 2024 AT 00:02Abhinav Dang
जून 15, 2024 AT 14:53krishna poudel
जून 15, 2024 AT 23:08Anila Kathi
जून 16, 2024 AT 11:40vasanth kumar
जून 17, 2024 AT 15:10Andalib Ansari
जून 18, 2024 AT 03:04Pooja Shree.k
जून 18, 2024 AT 23:10Vasudev Singh
जून 19, 2024 AT 15:27