उत्तराखंड उपचुनाव: कांग्रेस की बड़ी जीत, मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर विजय
जुल॰, 13 2024उत्तराखंड उपचुनाव: कांग्रेस की बड़ी जीत
उत्तराखंड में हुए उपचुनाव के परिणामों ने कांग्रेस के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। राज्य की मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जोरदार जीत दर्ज की है। ये जीत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक बड़ा जश्न है, क्योंकि हाल के चुनावों में कांग्रेस को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
मंगलौर सीट से कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना को मात दी है। काजी निजामुद्दीन ने कुल 31,710 वोट हासिल किए, जबकि करतार सिंह भड़ाना को 31,261 वोट मिले। बसपा के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे, उन्होंने 19,552 वोट हासिल किए।
बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार लकपत सिंह भोटाला ने भी शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह भंडारी को 5,224 वोटों के अंतर से हराया है। यह जीत कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बद्रीनाथ सीट पर भाजपा का प्रभाव था।
कांग्रेस के कार्यकर्ता इन जीतों का जश्न मना रहे हैं। राज्य में कांग्रेस की वापसी के संकेत मिल रहे हैं, जहां हाल के चुनावों में उसे कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। इन जीतों ने पार्टी को एक नई उम्मीद दी है और उसके नेताओं में नए जोश का संचार हुआ है।
मंगलौर और बद्रीनाथ सीटों के उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए अहम साबित हो रहे हैं। ये जीत आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की मजबूती का संकेत मानी जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जनता ने बीजेपी की नीतियों से नाराज होकर कांग्रेस को वोट दिया है।
वोटों के हर दौर की गिनती ने कांग्रेस समर्थकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया था। जैसे ही अंतिम परिणाम आया, पार्टी कार्यालय में जश्न का माहौल बन गया। कार्यकर्ताओं ने मिठाइयाँ बाँटी और पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इज़हार किया।
मंगलौर सीट पर काजी निजामुद्दीन की जीत
मंगलौर सीट पर काजी निजामुद्दीन की जीत ने सबकी नजरें खींच लीं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने इस सीट पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। निजामुद्दीन की जीत को कांग्रेस के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया, जिससे उन्हें यह सफलता मिली।
काजी निजामुद्दीन का कहना है कि यह जीत जिले के लोगों की जीत है। उन्होंने कहा कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उनके समर्थकों का कहना है कि निजामुद्दीन की जीत से कांग्रेस को इस क्षेत्र में नई उर्जा मिलेगी।
बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणामों के बाद भड़ाना ने कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करते हैं, और आगे भी उन्हें सेवा करने का मौका मिलेगा।
बसपा के उम्मीदवार, जो तीसरे स्थान पर रहे, उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली। उनके प्रवक्ता ने कहा कि वे परिणामों का सम्मान करते हैं और आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए काम करेंगे।
बद्रीनाथ सीट पर लकपत सिंह भोटाला की विजय
बद्रीनाथ सीट पर लकपत सिंह भोटाला की जीत ने कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। भोटाला ने राजेंद्र सिंह भंडारी को 5,224 वोटों के अंतर से हराया, जो अपने आप में महत्वपूर्ण है। उनकी जीत से कांग्रेस को भरोसा मिला है कि राज्य में उनकी नियुक्ति फिर से हो रही है।
लकपत सिंह भोटाला ने कहा कि यह जीत राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि वह बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भंडारी ने हार के बाद कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीतेंगे, लेकिन परिणाम ने उन्हें निराश किया। उन्होंने कहा कि वह आगे और भी मेहनत करेंगे और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड के इन उपचुनावों का परिणाम कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत है। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नया जोश आया है। आने वाले समय में कांग्रेस की रणनीतियों में इस जीत का बड़ा योगदान हो सकता है। राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में ये उपचुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, जो भविष्य की राजनीति को भी प्रभावित कर सकते हैं।