तेलंगाना के मुलुगु में 5.3 तीव्रता का भूकंप: आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में भी महसूस हुए झटके

तेलंगाना के मुलुगु में 5.3 तीव्रता का भूकंप: आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में भी महसूस हुए झटके दिस॰, 4 2024

तेलंगाना में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप

बुधवार सुबह तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया जिसने समूचे क्षेत्र में हलचल मचा दी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र गोदावरी नदी के तल के पास था, और इसका प्रभाव हैदराबाद समेत अन्य जिलों में भी महसूस किया गया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जाने के बावजूद, किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

प्रभावित क्षेत्रों की व्यापकता

मुलुगु के अलावा, वारंगल, हनामकोंडा, महबूबाबाद जैसे क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। आंध्र प्रदेश के खम्मम और एलुरु जिलों तथा महाराष्ट्र के नागपुर, गढ़चिरौली और चंद्रपुर क्षेत्रों में भी इसी तरह की स्थिति देखी गई। विशेषज्ञों के मुताबिक 5.3 की तीव्रता का भूकंप हल्के झटकों के साथ ही 200 से 300 किमी दूर तक महसूस किया जा सकता है।

प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारियां

मुलुगु जिले के कलेक्टर द्विवारका टी एस ने जानकारी दी कि इस समय किसी जानी-हानि या संपत्ति के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने जिला प्रशासन को संभावित खतरों का सर्वेक्षण करने और जर्जर मकानों की स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया है।

पुनरावृत्ति का खतरा

विशेष सचिव आपदा प्रबंधन, अरविंद कुमार ने स्थानीय प्रशासन को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर आने वाले भूकंप के झटकों को लेकर। वहीं, पूर्व राष्ट्रीय भूभौतिक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक पूरणचंद्र राव ने कहा कि हालांकि तीव्रता पांच से अधिक भूकंप बहुत कम आते हैं, परंतु सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।

भविष्य की तैयारियों पर जोर

पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डी श्रीनागेश ने नागरिकों को भूकंप से सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूक रहने की सलाह दी है और इमारतों के डिज़ाइन को अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि भविष्य में किसी अन्य हादसे से बचा जा सके। यह तथ्य भी महत्वपूर्ण है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश अपेक्षाकृत सुरक्षित जोन में स्थित हैं, और इसलिए अक्सर तीव्र भूकंपों की संभावना कम होती है।

आंकड़े और भूगोलिक तथ्य

आंकड़े और भूगोलिक तथ्य

इन क्षेत्रों में विशेषकर गोदावरी नदी के आसपास के बेल्ट को 'सक्रिय' माना जाता है, जहां समय-समय पर कम तीव्रता के भूकंप दर्ज किए जाते रहे हैं। इसके बावजूद, विशेषज्ञों ने लोगों से घबराने की बजाय सतर्क एवं जागरूक रहने की अपील की है।