तमिलनाडु के ट्रेन हादसे में 12 डिब्बे पटरी से उतरे: सुरक्षा सवालों पर ध्यान केंद्रित

तमिलनाडु के ट्रेन हादसे में 12 डिब्बे पटरी से उतरे: सुरक्षा सवालों पर ध्यान केंद्रित अक्तू॰, 12 2024

तमिलनाडु में भीषण ट्रेन हादसा: सुरक्षा के लिए उठते सवाल

शुक्रवार की रात, तमिलनाडु में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ जब 12578 बगमती एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी से टकराकर तहलका मचा दिया। ट्रेन ने चेन्नई उपनगरीय क्षेत्र कावरापेट्टई में यात्रियों को हैरान कर दिया जब यह लगभग 8:30 बजे के आसपास स्टेशनरी मालगाड़ी से भिड़ गई। यह दुर्घटना तब हुई जब एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर मुख्य लाइन की बजाय एक लूप लाइन में प्रवेश करने की अनुमति दी गई और परिणामस्वरूप मालगाड़ी से टकरा गई। इस भिड़ंत के परिणामस्वरूप बगमती एक्सप्रेस के 12 से 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके अलावा, एक पार्सल वैन में आग लग गई थी, हालांकि इसे बाद में अग्निशमन और बचाव सेवाओं द्वारा बुझा दिया गया। ऐसी घटनाएं एक तात्कालिक जवाबदेही पैदा करती हैं जहां तमाम सुरक्षा उपायों के बावजूद ऐसे हादसे होते हैं।

हादसे में कोई मौत नहीं, यात्रियों को चोटें आईं

हादसे में कई यात्री घायल हुए, लेकिन अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि कोई हताहत नहीं हुआ है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 19 यात्रियों को चोटें आईं, जिनमें से 14 को गहरी चोटें थीं और उन्हें इलाज के लिए स्टेनली अस्पताल भेजा गया जबकि अन्य पाँच को हल्की चोटें आई थीं। ट्रेन के चालक दल, जिसमें लोको पायलट, ट्रेन स्टाफ और गार्ड शामिल थे, किसी भी गंभीर संकट से बचे रहे। यह सुखद खबर है कि इतने बड़े हादसे के बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई।

राहत और बचाव कार्य

दुर्घटना के तुरंत बाद, बचाव और राहत टीमों को साइट पर भेज दिया गया। इनमें एक मेडिकल रिलीफ वैन भी शामिल थी ताकि घायल यात्रियों को चिकित्सा सुविधा दी जा सके। लगभग 95% यात्रियों को सफलतापूर्वक सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया गया। रेल मंत्रालय द्वारा, हादसे के चलते प्रभावित लाइन पर दोनों ओर के आवागमन को बंद कर दिया गया और इसके अतिरिक्त, चेन्नई-गुदूर सेक्शन में तीन ट्रेनें रुकी रहीं। प्रभावित यात्रियों के लिए हलपाइन नंबर जारी किए गए ताकि वे अपने प्रियजनों से संपर्क कर सकें और मदद प्राप्त कर सकें।

जांच और सुरक्षा चिंताएं

इस दुर्घटना की जांच अभी चल रही है, जिसमें प्रश्न यह है कि ट्रेन को हरी झंडी मिलने के बावजूद क्यों लूप लाइन में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा 2023 के बालासोर दुर्घटना जैसा प्रतीत होता है, जहां एक एक्सप्रेस ट्रेन ने लूप लाइन में जाकर मालगाड़ी से टकरा गई थी। यह घटना देश के सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में से एक बन गई थी। इस प्रकार की घटनाएं रेल सुरक्षा के संदर्भ में गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं, विशेषकर तब जब घटना के कुछ ही समय पहले इसी प्रकार की एक बड़ी दुर्घटना हुई हो।

राज्य सरकार और रेलवे की प्रतिक्रिया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्री एस एम नासर और अन्य सरकारी अधिकारियों को दुर्घटनास्थल पर जाने का आदेश दिया है। राज्य सरकार बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल है, और रेलवे अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यात्रियों के भोजन और यात्रा सुविधाओं का प्रबंध कर रही है। इस अप्रत्याशित घटना के मद्देनजर सुरक्षा उपायों और व्यवस्थाओं की पुनः समीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

इस हादसे ने सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ। यात्री सुरक्षा एक उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और सरकारों और रेलवे अधिकारियों को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा। अब देखना होगा कि इस हादसे के बाद रेल मंत्रालय और राज्य सरकार क्या कदम उठाते हैं ताकि भविष्य में यात्री सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।