सुचिर बालाजी केस: एथिकल सवालों और AI प्रौद्योगिकी के नकारात्मक पहलुओं पर गहराई से नज़र
दिस॰, 15 2024
सुचिर बालाजी का जीवन और OpenAI में योगदान
सुचिर बालाजी, भारतीय मूल के 26 वर्षीय युवा और प्रतिभाशाली कंप्यूटर वैज्ञानिक थे, जिनकी जीवन यात्रा में कई विशेष पड़ाव थे। उनका संबंध OpenAI से था, जहाँ उन्होंने अद्भुत कार्य करते हुए चैटजीपीटी प्रोजेक्ट पर अपने लगभग दो वर्षों का समय दिया।
बालाजी ने इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए बड़े पैमाने पर डाटासेट आधारित जनरेटिव AI की जटिलताओं को समझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालांकि, साथ ही उन्होंने AI टेक्नोलॉजी के नैतिक और कानूनी मुद्दों पर गहरी चिंता जताते हुए फरवरी 2024 में OpenAI छोड़ दिया।
AI के कानूनी पहलुओं से जूझते सुचिर
बालाजी का योगदान केवल तकनीकी नहीं था; उन्होंने AI कानून के कानूनी पहलुओं पर भी प्रश्न उठाए, खासकर 'फेयर यूज' के कॉपीराइट से जुड़े मुद्दों पर। उनका मानना था कि जनरेटिव AI प्रोडक्ट्स जैसे कि चैटजीपीटी, जो बड़े पैमाने पर डाटासेट का प्रयोग करते हैं, वे मूल डेटा के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जो अमेरिकी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन हो सकता है।
इस परिदृश्य में, बालाजी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बात की, जिसमें उन्होंने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। खासकर एथिकल मुद्दों पर, उनके कथन ने AI तकनीक की ओर लोगों के ध्यान को खींचा। उनके तर्क ने AI प्रौद्योगिकी के प्रयोग में 'फेयर यूज' के प्रति उनकी शंका को स्पष्ट किया, जिससे AI कंपनियों की कानूनी चुनौतियों का सामना हुआ।
सुचिर बालाजी की मृत्यु और टैक्नोलॉजी समुदाय पर असर
26 नवंबर 2024 को, सुचिर बालाजी सैन फ्रांसिस्को में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। सैन फ्रांसिस्को मेडिकल एग्जामिनेर ने इसे आत्महत्या घोषित किया, जबकि कोई भी अनियमितता का प्रमाण नहीं देखा गया। उनकी मृत्यु ने तकनीकी समुदाय को चौंका दिया है।
OpenAI ने सुचिर की मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा, "हम इस अत्यंत दुखद समाचार से हतप्रभ हैं। हमारे दिल सुचिर के प्रियजनों और दोस्तों के साथ मिलकर जातें हैं।"
उनके विचार और विरासत
गहरा प्रभाव छोड़ने वाले बालाजी की विचारधारा ने AI के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े किए। AI तकनीक के विकास में शामिल जोखिमों और चुनौतियों की पहचान करते हुए, उन्होंने अपनी अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट में 'फेयर यूज' की वर्तमान पद्धति की आलोचना की।
सुचिर बालाजी का मामला तकनीकी उद्योग में व्हिसलब्लोवर्स के सामने आने वाली चुनौतियों और दबावों को रेखांकित करता है। AI विकास के दौरान नैतिकता और कानूनीता के मुद्दों पर उनकी स्पष्टता और निडरता ने प्रौद्योगिकी की संभावनाओं पर पुनर्विचार के लिए मंच तैयार किया।
Ajay baindara
दिसंबर 16, 2024 AT 14:33mohd Fidz09
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