स्तन कैंसर: चरण, उपचार और जीवित रहने की दर के बारे में जानें
जुल॰, 5 2024
स्तन कैंसर के चरणों को जानें
स्तन कैंसर सबसे सामान्य प्रकार के कैंसरों में से एक है, जिसका सामना कई महिलाओं को करना पड़ता है। इसे चार चरणों में बांटा जाता है, जिनके लक्षण और गंभीरता अलग-अलग होती है। चरण 1 में छोटी गांठ होती है जो केवल स्तन के ऊतकों में होती है, और इस समय पर इलाज करने से 80% से 90% तक जीवित रहने की दर होती है।
चरण 2 में कैंसर आस-पास की लसीका ग्रंथियों तक फैल जाता है, और इस समय जीवित रहने की दर 60% से 70% तक होती है। चरण 3 में बीमारी और फैलकर स्तन की त्वचा और छाती की दीवार तक पहुँची होती है, और इस समय जीवित रहने की दर 50% से 60% तक होती है। चरण 4 सबसे उन्नत चरण होता है, जिसमें कैंसर की कोशिकाएं अन्य अंगों में भी फैल जाती हैं, और इस समय जीवित रहने की दर लगभग 20% होती है।
उपचार के विकल्प
स्तन कैंसर के उपचार में मुख्यत: सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी शामिल होती हैं। डॉक्टर व्यक्तिगत अवस्था और कैंसर के प्रकार के आधार पर उपचार की योजना बनाते हैं। प्रारंभिक चरणों में मास्टेक्टॉमी या लैम्पेक्तॉमी जैसी सर्जरी आमतौर पर की जाती है, जबकि उन्नत चरणों में कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का प्रचलन अधिक होता है।
सर्जरी
सर्जरी के दो मुख्य प्रकार हैं: मास्टेक्टॉमी और लैम्पेक्तॉमी। मास्टेक्टॉमी में पूर्ण स्तन को हटाया जाता है, जबकि लैम्पेक्तॉमी में कैंसर ग्रस्त हिस्सा हटाया जाता है।
कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी में ताकतवार दवाओं का इस्तेमाल होता है, जो तेज़ी से बढ़ने वाली कैंसर कोशिकाओं को मारती हैं। हालांकि, इसके साइड इफेक्ट्स भी कई होते हैं, जैसे कि बाल झड़ना, थकान और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाना।
रेडियोथेरेपी
रेडियोथेरेपी में उच्च ऊर्जा वाली तरंगों का उपयोग होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करती हैं। यह इलाज मुख्यत: सर्जरी के बाद किया जाता है, ताकि बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके।
जीवित रहने की दर और सावधानियाँ
स्तन कैंसर जीवित रहने की दर स्टेज पर निर्भर करती है। प्रारंभिक चरणों में जीवित रहने की संभावना काफी अधिक होती है, जबकि उन्नत चरणों में यह दर कम हो जाती है। इसलिए प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
प्रसिद्ध ओंकोलॉजिस्ट, डॉ. जी. के. रथ के अनुसार, प्रारंभिक पहचान और आत्म-परीक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने महिलाओं को मासिक आधार पर आत्म-परीक्षण करने की सलाह दी है ताकि किसी भी अबठनायी स्तन में जल्दी से जल्दी पहचान की जा सके।
हाल ही में, अभिनेत्री हिना खान का उदाहरण सामने आया है, जिन्हें चरण 3 स्तन कैंसर का निदान हुआ है और वे इस समय कीमोथेरेपी से गुजर रही हैं। उनके मामले ने लोगों को इस बीमारी के प्रति और भी सतर्क कर दिया है।
स्तन कैंसर की रोकथाम और सबसे महत्वपूर्ण कदम
स्तन कैंसर का कोई निश्चित रोकथाम या वैक्सीन नहीं है, लेकिन प्रारंभिक पहचान के साथ प्रभावी इलाज संभव है। इसके लिए नियमित चिकित्सा जांच और आत्म-परीक्षण महत्वपूर्ण हैं।
कैंसर के इस भयावह बीमारी के बीच, यह समझना आवश्यक है कि आत्म-जागरूकता और चिकित्सा सहायता को नज़रअंदाज न करें। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और कभी भी किसी असमान्यता को अज्ञात न रखें। सही समय पर जांच और इलाज ही आपका जीवन बचा सकता है।
Ajay baindara
जुलाई 6, 2024 AT 08:38ये सब बकवास पढ़कर क्या होगा? जब तक तुम अपने बॉडी को नहीं चेक करोगे, डॉक्टर के पास जाओगे तो चरण 4 हो चुका होगा। लोग बस फोन चला रहे होते हैं, खुद को नहीं देखते।
mohd Fidz09
जुलाई 6, 2024 AT 21:16अरे भाई! ये स्तन कैंसर का मुद्दा तो बस एक बड़ा साजिश है! फार्मा कंपनियाँ और डॉक्टर्स मिलकर इसे बढ़ा रहे हैं ताकि तुम लोग लाखों रुपये खर्च करो! असली इलाज तो है आयुर्वेद, जड़ी बूटियाँ, और शहद! रेडियोथेरेपी? ये तो रेडिएशन से तुम्हारा बॉडी धुंधला हो जाएगा! 🤯
Rupesh Nandha
जुलाई 7, 2024 AT 17:21यहाँ बताई गई जीवित रहने की दरें, बहुत अच्छी तरह से संरचित हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये आँकड़े किस आधार पर बनाए गए हैं? क्या ये सभी समाज-आर्थिक स्तरों के लोगों को शामिल करते हैं? या फिर ये केवल शहरी, अच्छी चिकित्सा तक पहुँच रखने वाले लोगों के लिए हैं? एक गाँव की महिला, जिसके पास मासिक जाँच का समय नहीं है, उसके लिए ये आँकड़े कितने प्रासंगिक हैं? यही तो सच्ची चुनौती है।
suraj rangankar
जुलाई 7, 2024 AT 19:36ये जानकारी बहुत अच्छी है! लेकिन अब तुम बस बैठे रहो मत! आज से ही शुरू करो - अपने स्तनों को हर महीने चेक करो! अगर कुछ भी अजीब लगे, तो डॉक्टर के पास जाओ! तुम्हारा जीवन तुम्हारा है - इसे बर्बाद मत करो! 💪❤️
Nadeem Ahmad
जुलाई 9, 2024 AT 12:41हिना खान का मामला देखकर लगा, बहुत सारे लोग इस बारे में बात कर रहे हैं। अच्छा है।
kunal Dutta
जुलाई 9, 2024 AT 23:54अच्छी रिव्यू, लेकिन थोड़ा कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स पर फोकस करो। जब तक तुम नोट्रिशनल सप्लीमेंट्स, फाइबर, और ग्लूटाथायोन के बारे में नहीं बताते, ये पोस्ट एक सरफेस-लेवल गाइड ही रह जाएगी। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मैनेजमेंट नहीं तो इलाज अधूरा है।
Yogita Bhat
जुलाई 11, 2024 AT 07:38हिना खान का मामला तो बस एक बड़ा ब्रांडिंग ट्रिक है! अगर ये एक आम औरत होती तो क्या ये सब चर्चा होती? नहीं! लेकिन अब तो बात बदल गई - अब सब बोल रहे हैं! लेकिन असली सवाल ये है: क्या हमारे गाँवों में भी इतनी एवेलेबिलिटी है? 🤔
Tanya Srivastava
जुलाई 11, 2024 AT 19:02रेडियोथेरेपी से बॉडी में रेडिएशन रहता है जो अगले बच्चे को डिफेक्टिव बना देता है! और मास्टेक्टॉमी? वो तो एक जिंदा दफन करने जैसा है! डॉक्टर तो सब बेचारे हैं, उन्हें भी पैसे के लिए ऐसा करना पड़ता है! 😭 #SaveOurBreasts
Ankur Mittal
जुलाई 11, 2024 AT 22:10आत्म-परीक्षण करना जरूरी है। समय पर जाँच जीवन बचाती है।
Diksha Sharma
जुलाई 12, 2024 AT 14:50डॉ. जी.के. रथ? वो तो सरकार का टीम मेंबर है! उन्होंने खुद कहा था कि कैंसर को नियंत्रित करने के लिए ग्लूटेन और शुगर छोड़ना जरूरी है - लेकिन इस पोस्ट में वो बात नहीं है! ये सब फेक है! असली इलाज तो है जैविक डाइट और योग! 🌿
Akshat goyal
जुलाई 14, 2024 AT 14:28आत्म-परीक्षण करें। डॉक्टर को दिखाएं। देर न करें।