राफेल M डील: भारतीय नौसेना को 2029 से मिलेंगे नए जेट, समुद्री सुरक्षा को नई ताकत

राफेल M डील: भारतीय नौसेना को कब मिलेंगे नए जेट?
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए अब फ्रांसीसी राफेल M जेट्स जल्द उसके बेड़े में शामिल होने जा रहे हैं। 7.5 अरब डॉलर यानी करीब ₹63,000 करोड़ की यह डील ना सिर्फ नौसेना के ऑपरेशनल गैप्स को भरने जा रही है, बल्कि पहली बार भारत को सबसे एडवांस्ड नेवल फाइटर जेट्स मिलेंगे। साल 2028-29 से इनकी डिलिवरी शुरू होगी और पूरी खेप 2030 तक भारत आ चुकी होगी। डील में 22 सिंगल-सीटर राफेल एम और 4 ट्विन-सीटर राफेल बी ट्रेनर शामिल हैं, जिससे पायलट्स की ट्रेनिंग भी बेहतरीन रहेगी।
जब से 2017 में नौसेना ने अपने जेट्स में खामियां सामने आईं, तब से नए एडवांस फाइटर जेट्स की तैयारी चल रही थी। MiG-29K जेट्स की जगह राफेल M लाए जाएंगे क्योंकि पुराने जेट्स में तकनीकी और रखरखाव की तमाम दिक्कतें सामने आ चुकी हैं। ये जेट्स हवाई जहाजों के वाहक युद्धपोतों (aircraft carriers) से उड़ान भर सकते हैं, जो कि किसी भी देश की समुद्री सुरक्षा में सबसे अहम साबित होता है। राफेल M ने 2022 में गोवा के INS हंसा शोर-बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी में कई सख्त ट्रायल्स भी पास किए हैं। यहां उसकी भारतीय तरह के STOBAR कैरियर्स (Short Take-Off But Arrested Recovery) के साथ पूरी तरह कंपैटिबिलिटी साबित हो चुकी है।
टेक्नोलॉजी और रणनीतिक मजबूती साथ-साथ
इस डील की एक बड़ी खासियत है कि यह भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच सीधे हुई है। राफेल M के साथ मिलने वाले हथियार, स्पेयर पार्ट्स और मेंटेनेंस पैकेज दस्सॉल्ट एविएशन भारतीय वायुसेना के 36 राफेल जेट्स से भी मैच करेंगे। इसलिए लंबे समय तक रखरखाव का झंझट नहीं रहेगा और ऑपरेशनल रेडीनेस कभी भी खतरे में नहीं आएगी। डील में ऐसा इंतजाम भी है कि शुरू से ही टोटल लाइफ-साइकिल सपोर्ट मिले।
इन नई खरीद के पीछे एक वजह भारतीय TEDBF (Twin Engine Deck Based Fighter) प्रोजेक्ट का फिलहाल डेवलपमेंट स्टेज में होना है। जब तक यह स्वदेशी फाइटर पूरी तरह तैयार होकर तैनात नहीं हो जाता, तब तक राफेल M ही भारतीय समुद्री सीमाओं की रक्षा करेगा। दूसरी ओर, पिछले कुछ दिनों में तीन राफेल जेट्स के युद्ध में गिराए जाने की खबरें भी आई हैं, जिनका हवाला फ्रेंच इंटेलिजेंस ने दिया है। इसके बावजूद भारत ने यह फैसला लिया है कि उसे अपनी नौसेना के लिए सबसे आधुनिक और भरोसेमंद फाइटर जेट्स चाहिए।
आश्चर्य की बात यह है कि राफेल M का यह पहला इंटरनेशनल ऑर्डर है। अब भारतीय नौसेना सिर्फ हिंद महासागर में ही नहीं, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी मौजूदगी और दबदबा और मजबूत कर सकेगी। चीन समेत तमाम समंदर के दावेदारों को भारत की यह सैन्य अपग्रेड साफ संदेश देती है।
साफ-साफ कहें तो नौसेना के फाइटर जेट बेड़े को नया जीवन मिलने जा रहा है। आने वाले पांच-छह सालों में जब राफेल M पानी पर वॉरशिप्स से उड़ान भरते नजर आएंगे, तब भारत की सैन्य ताकत एक नए मुकाम पर पहुंच जाएगी।