नंदिनी दूध की कीमत में वृद्धि नही बल्कि मात्रा में बढ़ोतरी: सिद्धारमैया का स्पष्टीकरण

नंदिनी दूध की कीमत में वृद्धि नही बल्कि मात्रा में बढ़ोतरी: सिद्धारमैया का स्पष्टीकरण जून, 26 2024

नंदिनी दूध की कीमत में वृद्धि नही बल्कि मात्रा में बढ़ोतरी: सिद्धारमैया का स्पष्टीकरण

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में एक बयान में स्पष्ट किया है कि नंदिनी दूध की कीमतों में जो वृद्धि हुई है, वह असल में उत्पाद की कीमत में वृद्धि नहीं है, बल्कि दूध के पाउच में मिलने वाली मात्रा में वृद्धि है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) अब प्रत्येक पाउच के लिए 2 रुपये अधिक चार्ज करेगी, जिसमें 50 मिलीलीटर अतिरिक्त दूध होगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि अतिरिक्त उत्पादन वाले डेयरी किसानों से दूध की खरीद को सुनिश्चित किया जा सके।

दूध की नई कीमतें

नए मूल्य निर्धारण के अनुसार, 500 मिलीलीटर के पाउच में पहले 22 रुपये में मिलने वाला दूध अब 550 मिलीलीटर मात्रा में मिलेगा और इसकी कीमत 24 रुपये होगी। 1,050 मिलीलीटर के पाउच की कीमत 44 रुपये होगी, जबकि पहले 1 लीटर का पाउच 42 रुपये में बेचा जाता था। इसके अतिरिक्त, अन्य श्रेणियों में भी मूल्य वृद्धि की गई है, जैसे कि संपूर्ण दूध (संपूर्ण) की कीमत 57 रुपये और समृद्धि दूध की कीमत 53 रुपये होगी।

उत्पादन में वृद्धि

सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि कर्नाटक में दूध का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 15% बढ़ गया है। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 99 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, जबकि पिछले साल यह केवल 90 लाख लीटर ही था। उन्होंने यह बात भी कही कि पिछले साल 3 रुपये की मूल्य वृद्धि से जो अतिरिक्त धनराशि एकत्रित की गई थी, उसका उपयोग राज्य में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।

अन्य राज्यों से तुलना

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि नंदिनी दूध की कीमत अन्य राज्यों में मिलने वाले दूध की कीमतों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनी हुई है। कर्नाटक में नंदिनी दूध की कीमत 44 रुपये प्रति लीटर है, जबकि आंध्र प्रदेश में यह कीमत 58 रुपये प्रति लीटर है।

सिद्धारमैया के इस स्पष्टीकरण के बाद उम्मीद है कि नंदिनी दूध के ग्राहकों और किसानों में नए मूल्य निर्धारण को लेकर कुछ हद तक स्पष्टता और संतोष होगा।

इस फैसले का असर आने वाले महीनों में देखने को मिलेगा, जबकि यह भी देखने वाली बात होगी कि राज्य के अन्य दूध उत्पादक भी इसी रास्ते पर चलते हैं या नहीं।

12 टिप्पणि

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    suraj rangankar

    जून 28, 2024 AT 10:46
    अरे भाई, ये तो बहुत अच्छी बात है! पहले 500ml के लिए 22 रुपये देना पड़ता था, अब 550ml मिल रहा है बस 2 रुपये ज्यादा! ये है असली ग्राहक-मित्र नीति। किसानों को भी अच्छा मिल रहा है, हमें भी। 👍
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    Nadeem Ahmad

    जून 30, 2024 AT 07:19
    ठीक है, लेकिन अगर दूध की मात्रा बढ़ गई तो दूध की कीमत प्रति लीटर तो कम हो गई न? अब 44 रुपये में 1.05 लीटर, मतलब 41.9 रुपये प्रति लीटर। ये तो सीधा फायदा है।
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    Aravinda Arkaje

    जून 30, 2024 AT 20:07
    ये बात तो सबको समझनी चाहिए। दूध की कीमत नहीं बढ़ी, बल्कि तुम्हें ज्यादा मात्रा मिल रही है। अगर तुम 1 लीटर चाहते हो तो 44 रुपये में 1.05 लीटर मिल रहा है। ये नहीं कि तुम्हारी जेब से 58 रुपये निकाल रहे हैं जैसे आंध्र में। ये राज्य की बुद्धिमत्ता है। बहुत अच्छा किया सिद्धारमैया साहब! 🙌
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    kunal Dutta

    जुलाई 1, 2024 AT 11:50
    लेकिन ये तो एक स्टैंडर्डाइजेशन ट्रिक है। असल में लागत प्रति यूनिट कम हुई है, लेकिन बाजार में इसे 'कीमत में वृद्धि' के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। ये निर्णय बहुत राजनीतिक है। डेयरी के लिए ऑपरेशनल इफिशिएंसी बढ़ाना अच्छा है, लेकिन ग्राहकों को ये समझाना जरूरी है। अगर ये ट्रांसपेरेंट रहा तो बहुत बढ़िया।
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    Yogita Bhat

    जुलाई 2, 2024 AT 02:56
    अरे यार, ये तो जानबूझकर गलतफहमी फैला रहे हैं! 'कीमत नहीं बढ़ी' बोलकर लोगों को शांत किया जा रहा है, लेकिन असल में हर लीटर की कीमत 42 से 41.9 हो गई है - ये तो घटाव है! ये सब राजनीति है। अब अगर दूध का पैकेट बढ़ाकर 600ml कर दें तो क्या बोलेंगे? 'हमने कीमत नहीं बढ़ाई, हमने तुम्हारे लिए एक बड़ा पैकेट बनाया!' 😒
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    Tanya Srivastava

    जुलाई 2, 2024 AT 09:06
    yeh sab jhooth hai!! kya tumhe pata hai ki kkm ke log 500ml ke pouch me 400ml hi daalte hain?? ye 550ml ka claim bhi fake hai!! aur ye sab sirf vote ke liye hai!! 🤫👀
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    Ankur Mittal

    जुलाई 3, 2024 AT 02:34
    550ml @ ₹24 = ₹43.6/litre. 1050ml @ ₹44 = ₹41.9/litre. असली कीमत गिरी है। बहुत अच्छा।
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    Diksha Sharma

    जुलाई 3, 2024 AT 08:05
    ये सब बकवास है! ये दूध में पानी मिला रहे हैं और मात्रा बढ़ाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं! अगर दूध इतना ज्यादा उत्पादित हो रहा है तो फिर दूध के बजाय दही बनाकर बेचो! ये सब बड़े बिजनेसमैनों का साजिश है! 🤫
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    Akshat goyal

    जुलाई 5, 2024 AT 00:59
    समझ आ गया। धन्यवाद।
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    anand verma

    जुलाई 5, 2024 AT 17:44
    इस नीति को व्यापक रूप से स्वीकार्य और उदारतापूर्ण माना जा सकता है। डेयरी सेक्टर के विकास के लिए एक संतुलित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों का समावेश हुआ है। इस प्रकार के निर्णयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा की जा सकती है।
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    Amrit Moghariya

    जुलाई 6, 2024 AT 00:01
    अरे भाई, ये तो बहुत अच्छा हुआ! पहले तो लोग बोलते थे कि 'नंदिनी दूध महंगा हो गया' - अब देखो, 550ml में 24 रुपये! ये तो बिल्कुल सस्ता है। अब अगर आंध्र प्रदेश के लोग यहाँ आएं तो वो भी इसी दूध को खरीदने लगेंगे! 😎
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    shubham gupta

    जुलाई 6, 2024 AT 05:29
    सही बात है। दूध की खरीद की दर में बदलाव नहीं, बल्कि पैकेटिंग और उत्पादन क्षमता में सुधार हुआ है। यह एक स्थिर और स्थायी नीति है। डेयरी किसानों के लिए यह एक बड़ा समर्थन है। अगला कदम शीतलन और वितरण नेटवर्क का विस्तार होना चाहिए।

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