GST काउंसिल ने 2000 रुपये से कम डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 18% टैक्स पर फैसला टाला, पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां राहत में

GST काउंसिल ने 2000 रुपये से कम डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 18% टैक्स पर फैसला टाला, पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां राहत में मई, 21 2025

डिजिटल पेमेंट पर 18% GST पर असमंजस, पेमेंट एग्रीगेटर्स को फौरी राहत

डिजिटल पेमेंट्स की लाइफलाइन बने प्लेटफॉर्म्स, जैसे Pine Labs और Razorpay, के लिए धीरे-धीरे हालात बदल सकते हैं। 9 सितंबर 2024 की GST काउंसिल की मीटिंग में 2000 रुपये से कम के पेमेंट्स पर 18% GST लगाने का प्रस्ताव आया, मगर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। चर्चा के बाद सभी ने माना कि यह मुद्दा इतना आसान नहीं है—फिटमेंट कमिटी को भेजने का निर्णय लिया गया। इससे इन कंपनियों को अभी कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन कब तक यह चल पाएगा, इसे लेकर संशय है।

अब तक इन पेमेंट एग्रीगेटर्स को QR स्कैन, POS मशीन या नेट बैंकिंग के जरिए 2000 रुपये से कम के डिजिटल ट्रांजैक्शन पर GST से छूट मिली हुई थी। ग्राहकों के लिए तो चार्ज नहीं लगता, लेकिन ये कंपनियां हर ट्रांजैक्शन पर फीस वसूलती हैं। यही फीस इनकी आमदनी होती है, जिस पर कांग्रेस समेत कुछ राज्यों का सुझाव है कि टैक्स लगना चाहिए। लेकिन आखिरकार मामला कमिटी के पास चला गया। इसका मतलब है कि आम लोगों पर कोई सीधा बोझ नहीं आएगा, मगर पेमेंट एग्रीगेटर्स की कमाई मॉडल पर जरूर असर पड़ेगा।

कई छोटे दुकानदार और ग्राहक डिजिटल ट्रांजैक्शन की आसान सुविधा का फायदा उठा रहे हैं। इन ट्रांजैक्शंस पर सीधा GST लागू ना होने से डिजिटल भुगतान के प्रचार को भी बल मिल रहा है। अगर भविष्य में ये टैक्स लागू किया गया, तो डिजिटल इकोसिस्टम पर भी बड़ी प्रतिक्रिया दिख सकती है। पेमेंट एग्रीगेटर्स जैसे स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसाय पहले ही मुनाफे के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऊपर से बढ़ती टैक्स-दरें उनकी सर्वाइव करने की क्षमता को चुनौती दे सकती हैं।

हेलिकॉप्टर सर्विसेज से जुड़ा नया फैसला, श्रद्धालुओं को राहत

जहां एक ओर डिजिटल पेमेंट टैक्स को टाल दिया गया, वहीं काउंसिल ने श्रद्धालुओं को बड़ी राहत दी है। अब धार्मिक स्थलों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा पर टैक्स घटाकर 18% से सिर्फ 5% कर दिया गया है। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस फैसले से खासकर चारधाम या अन्य तीर्थ यात्रा करने वालों का खर्च कम होगा। हालांकि, इसका ऑफिशियल इम्प्लीमेंटेशन अभी नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहा है।

इस समय हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वाले लोग अधिक टैक्स देकर यात्रा करते थे। नए टैक्स दर से उम्मीद है कि यात्रा लागत कम होगी और ज्यादा लोग इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। ये फैसला स्थानीय अर्थव्यवस्था और टूरिज्म इंडस्ट्री को भी नई ऊर्जा देगा, क्योंकि यात्रा आसान और सस्ती होगी।

GST काउंसिल का अगला रुख फिटमेंट कमिटी की सिफारिशों के बाद ही साफ होगा। फिलहाल पेमेंट एग्रीगेटर्स और धार्मिक स्थल जाने वाले यात्री, दोनों को ही थोड़ी राहत जरूर मिली है। डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 18% टैक्स जैसी हलचल आगे चलकर डिजिटल इंडिया के लक्ष्य और तकनीक आधारित व्यापार के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।