धीरज बम्मदेवरा: ओलंपिक तीरंदाजी पदक से चूके, अब बनेगा परफेक्शनिस्ट

धीरज बम्मदेवरा: ओलंपिक तीरंदाजी पदक से चूके, अब बनेगा परफेक्शनिस्ट अग॰, 3 2024

धीरज बम्मदेवरा: ओलंपिक तीरंदाजी पदक से चूके, अब बनेगा परफेक्शनिस्ट

भारतीय तीरंदाज धीरज बम्मदेवरा ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक पाने से चूकने के बाद अपने भविष्य के लक्ष्यों को और ऊंचा कर लिया है। धीरज ने तीरंदाजी के पुरुष रैंकिंग राउंड्स में 681/720 का स्कोर किया और चौथे स्थान पर रहे। उनकी यह यात्रा उतार-चढ़ाव भरी रही, जिसमें उन्होंने एक कठिन शुरुआत के बाद मजबूत वापसी की।

धीरज के प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने कितनी मेहनत और समर्पण तीरंदाजी में डाला है। इस बार, उन्होंने अपने साथियों तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव के साथ टीम इवेंट के क्वार्टर-फाइनल में तुर्की के खिलाफ 6-2 से हार का सामना किया। हालांकि, धीरज ने अपनी सीमाओं और बाधाओं को पार करके अपनी क्षमता को सिद्ध किया।

तकनीक और मानसिक खेल पर ध्यान

धीरज का कहना है कि वे अब अपनी तकनीक और मानसिक खेल को और मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनकी इच्छा है कि वे अपने प्रदर्शन में और सुधार करें ताकि भविष्य में ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत सकें। धीरज जानते हैं कि तीरंदाजी में मानसिक ताकत कितना महत्वपूर्ण है, और वे इस दिशा में और मेहनत करेंगे।

धीरज ने अपने परिवार और कोचों का समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि परिवार और कोचों के बिना इस सफलता का सपना देख पाना भी मुश्किल था। उन्होंने अपनी कठिन मेहनत और परिवार की सहायता की बदौलत इस मुकाम तक पहुंचने की बात कही।

प्रेरणास्त्रोत बनने की इच्छा

धीरज का सपना है कि वे अपने मजबूत प्रदर्शन से अगले पीढ़ी के तीरंदाजों को प्रेरित कर सकें। वे चाहते हैं कि उनकी कहानी और संघर्ष अन्य युवाओं को भी प्रेरित करें जो तीरंदाजी के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उनकी इच्छा है कि वे भारत के तीरंदजी में नए मानदंड स्थापित कर सकें।

धीरज बम्मदेवरा का लक्ष्य अब केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है बल्कि भारतीय तीरंदाजी समुदाय को एक नई दिशा देने का भी है। वे आगामी प्रतियोगिताओं में अपने सुधार और मेहनत को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

तीरंदाजी में भारत की 36 साल की प्रतीक्षा

तीरंदाजी में भारत की 36 साल की प्रतीक्षा

धीरज के प्रदर्शन से भारतीय तीरंदाजी समुदाय में एक नई उम्मीद जगी है। ओलंपिक तीरंदाजी में भारत के लिए पहली बार पदक जीतने की यह प्रतीक्षा अब 36 साल लंबी हो गई है। धीरज जैसे तीरंदाजों से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस प्रतीक्षा को समाप्त करेंगे और भारत के लिए गौरव लाएंगे।

धीरज का संघर्ष और उनकी आगे बढ़ने की इच्छा उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है। उनकी यह कहानी न केवल तीरंदाजी के प्रशंसकों के लिए बल्कि सभी खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। वे जानते हैं कि खेल में अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए लगातार सुधार और समर्पण आवश्यक है।

आने वाले समय में, धीरज बम्मदेवरा तीरंदाजी में परफेक्शनिस्ट बनने के अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे और भारतीय तीरंदाजी में नई ऊंचाइयों को छुएंगे। उनकी इस यात्रा को देखना निश्चित रूप से शानदार होगा।

19 टिप्पणि

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    Vitthal Sharma

    अगस्त 3, 2024 AT 04:38

    681 स्कोर और चौथा स्थान? ये तो बहुत अच्छा है, भारत के लिए ये अभी भी इतिहास बन रहा है।

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    Amrit Moghariya

    अगस्त 4, 2024 AT 22:32

    अरे भाई, ये लड़का तो ओलंपिक में चौथे नंबर पर भी ऐसा दिख रहा है जैसे उसने सोना जीत लिया हो। असली जीत तो वो है जो गिरा और फिर उठा।

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    shubham gupta

    अगस्त 5, 2024 AT 00:16

    तीरंदाजी में एक अंतर बहुत बड़ा होता है। 681 का स्कोर वास्तव में बहुत अच्छा है, और ये सिर्फ एक शुरुआत है। अगली बार वो जरूर पदक लाएंगे।

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    Gajanan Prabhutendolkar

    अगस्त 5, 2024 AT 08:43

    ये सब बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन क्या कोई जानता है कि ये सब ऑलिंपिक कमेटी के लिए एक बड़ा धोखा है? वो लोग चाहते हैं कि हम ये बातें पढ़ें ताकि हम भूल जाएं कि असली खेल तो अमेरिका और चीन में खेला जाता है।

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    ashi kapoor

    अगस्त 7, 2024 AT 03:25

    देखो ये लड़का तो बस खेल नहीं खेल रहा, वो तो एक अर्थ बना रहा है। मैंने उसकी इंटरव्यू देखी थी, उसकी आंखों में एक ऐसा जुनून था जैसे वो अपने तीर से सिर्फ निशाना नहीं, बल्कि दुनिया को भी छूना चाहता है। ❤️

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    Yash Tiwari

    अगस्त 9, 2024 AT 02:55

    अगर तीरंदाजी में मानसिक शक्ति है तो फिर भारतीय खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं जीतना आता? ये सब बस एक अच्छी कहानी बनाने की कोशिश है। असली चुनौती तो वो है जब तीर चलता है और निशाना बदल जाता है।

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    Mansi Arora

    अगस्त 9, 2024 AT 06:57

    क्या ये लड़का अपने कोचों का शुक्रिया अदा कर रहा है? बस एक बार तो बताओ कि उसके कोच कौन हैं? क्या वो सब अंग्रेजी बोलते हैं? ये सब बस एक धोखा है, जिसे हम इंडियन ड्रामा कहते हैं

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    Amit Mitra

    अगस्त 10, 2024 AT 18:50

    तीरंदाजी भारत में एक ऐसा खेल है जिसे कोई नहीं देखता, लेकिन जिसमें इतनी गहराई है कि एक अंतर एक जीवन बदल देता है। धीरज की यात्रा सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है।

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    sneha arora

    अगस्त 12, 2024 AT 07:10

    ये लड़का बस खेल नहीं खेल रहा वो तो दिल से खेल रहा है ❤️ मैं तो उसके लिए रो पड़ी। भारत के लिए ये एक नई शुरुआत है 🌟

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    Sagar Solanki

    अगस्त 13, 2024 AT 00:05

    परफेक्शनिस्ट? बस एक टर्म है जो मीडिया इस्तेमाल करता है। असली बात ये है कि इस खेल में भारतीय खिलाड़ियों को अभी तक कोई गुणवत्तापूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं मिला। तीरंदाजी का जो बजट है, वो एक एथलीट के लिए बस एक ब्रेकफास्ट के बराबर है।

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    Siddharth Madan

    अगस्त 13, 2024 AT 12:40

    अच्छा काम किया। अगली बार जीतेंगे।

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    Thomas Mathew

    अगस्त 15, 2024 AT 06:15

    तीरंदाजी एक ऐसा खेल है जहां आत्मा और शरीर का संगम होता है। धीरज ने अपने अंदर के भूतों को शांत किया है। ये जीत नहीं, ये निर्माण है। एक नए भारत का।

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    Dr.Arunagiri Ganesan

    अगस्त 15, 2024 AT 17:41

    मैं अपने गांव में बच्चों को तीरंदाजी सिखाता हूं। धीरज की कहानी ने उन्हें फिर से जिंदा कर दिया। आज उनके हाथ में तीर है, दिल में सपना।

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    simran grewal

    अगस्त 17, 2024 AT 09:22

    ओह बस ये लड़का चौथे नंबर पर आ गया, अब ये लोग उसे नेशनल हीरो बना रहे हैं? क्या भारत में तीरंदाजी के लिए कोई और नहीं है? ये तो बस एक बहाना है।

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    Vinay Menon

    अगस्त 19, 2024 AT 06:30

    मैंने उसके फोटो देखे थे, उसके हाथ में वो तीर जैसे एक विश्वास का प्रतीक लग रहा था। ये बस एक खिलाड़ी नहीं, ये एक आत्मा है जो खोज रही है।

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    Monika Chrząstek

    अगस्त 20, 2024 AT 14:24

    मैं तो उसके लिए बहुत गर्व करती हूं। मैंने उसे एक ट्रेनिंग सेशन में देखा था, वो बार-बार गलती करता था लेकिन हर बार फिर से खड़ा हो जाता था। वो तो असली हीरो है।

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    chandra aja

    अगस्त 21, 2024 AT 06:15

    अब ये सब बहुत बढ़िया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक के लिए तीरंदाजी का स्कोरिंग सिस्टम ही बदल दिया गया है? ये सब एक फेक है, जिसे वो बना रहे हैं ताकि भारतीयों को खुश रखा जा सके।

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    Sutirtha Bagchi

    अगस्त 23, 2024 AT 01:08

    ये लड़का बस एक चौथे नंबर पर आया है और तुम सब उसे लीजेंड बना रहे हो? भारत के लिए ये बहुत बुरा है, हमें तो बहुत बड़ी चीजें चाहिए 😤

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    Nathan Roberson

    अगस्त 24, 2024 AT 02:19

    मैंने उसके इंटरव्यू देखे, वो बहुत शांत लग रहा था। लेकिन उसकी आंखों में आग थी। ऐसे लोग ही देश को बदलते हैं।

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