चक्रवात फेंगाल: तमिलनाडु पर असर और उसके नामकरण का इतिहास

चक्रवात फेंगाल: तमिलनाडु पर असर और उसके नामकरण का इतिहास नव॰, 28 2024

चक्रवात फेंगाल का परिचय और नामकरण की प्रक्रिया

जैसा कि बे ऑफ बंगाल में चक्रवात फेंगाल के तीव्र होने की खबरें सामने आ रही हैं, यह तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर बहुत असर दिखाने वाला है। इस चक्रवात का नाम 'फेंगाल' रखा गया है जो कि रियाद, सऊदी अरब की पहल के तहत रखा गया। विश्व मौसम विज्ञान संगठन और एशिया और प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग के पैनल के अंतर्गत आने वाले इस नामकरण प्रक्रिया का हिस्सा था। इस चक्रवात का नाम चुनने का उद्देश्य आम जनता को इसके प्रति सचेत करना है और इसे संभालने की तैयारी में मदद करना है।

तमिलनाडु पर चक्रवात का संभावित असर

फेंगाल चक्रवात के चारों ओर मौसम विभाग ने उच्चतम चेतावनी जारी कर दी है, खासकर तमिलनाडु के तटीय जिलों जैसे मइलादुथुरै, नागपट्टिनम, तिरूवरुर और काराइकॉल के लिए। इस क्षेत्र में भारी बारिश के साथ-साथ तेज़ हवाओं के चलने की संभावना जताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह चक्रवात महाबलीपुरम और काराइकॉल के बीच भूमि पर प्रस्थान करेगा। इसके प्रभाव से स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

सावधानी के उपाय और जनता के लिए निर्देश

मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे घर में रहें और गैर-ज़रूरी यात्रा से बचें। चक्रवात के कारण यातायात सेवाएं बाधित हो सकती हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहना होगा। विद्यालय और कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की गई है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। एयरलाइन्स ने भी यात्रियों को अपने उड़ान की स्थिति की जानकारी रखने के लिए सचेत किया है।

कृषि क्षेत्र पर असर और राहत कार्य

फेंगाल चक्रवात के आगमन के साथ, खास तौर पर कावेरी डेल्टा क्षेत्र में खड़ी फसलें प्रभावित होने लगी हैं। भारी बारिश के कारण लगभग 2000 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप किसान भारी नुक्सान झेल रहे हैं। तमिलनाडु प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू किए हैं और राज्य के कृषि विभाग किसानों की मदद के लिए सारी संभावनाओं का आकलन कर रहा है।

समुद्री सुरक्षा उपाय और भारतीय तटरक्षक बल की तैयारियां

समुद्री सुरक्षा उपाय और भारतीय तटरक्षक बल की तैयारियां

चक्रवात की तीव्रता को देखते हुए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने समुद्री सुरक्षा के लिए ताकत बढ़ा दी है। समुद्र में तैनात तटरक्षक जहाज, विमान और रडार स्टेशन लगातार मछुआरों को सचेत करते हुए सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दे रहे हैं। राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर आईसीजी ने समुद्र में फंसे नाविकों को सुरक्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं। तटीय संकट के दौरान उत्पन्न परेशानियों से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

यातायात सेवाओं पर असर

चक्रवात के कारण हवाई यात्रा सेवाएं भी पूरी तरह प्रभावित होने वाली हैं। खासतौर पर चेन्नई, तूतीकोरिन, मदुरई, त्रिची, और सलेम आने-जाने वाले उड़ानों में देरी और रद्द होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इंडिगो एयरलाइन्स ने अपने यात्रियों को सूचना दी है कि वे अपने यात्रा कार्यक्रम के बारे में अपडेट रहें और सुगम यात्रा की योजना बनाएं।