असम के मुख्यमंत्री हिमंत शर्मा ने बीजेडी के वरिष्ठ नेता वीके पंडियन पर लगाए गंभीर आरोप, उठाए नवीन पटनायक की स्वतंत्रता पर सवाल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत शर्मा ने बीजेडी के वरिष्ठ नेता वीके पंडियन पर लगाए गंभीर आरोप, उठाए नवीन पटनायक की स्वतंत्रता पर सवाल मई, 29 2024

असम के मुख्यमंत्री हिमंत शर्मा का ओडिशा के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी

राजनीति में कटाक्ष और आलोचना एक आम बात है, लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की हालिया टिप्पणियाँ ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है। शर्मा ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी और वरिष्ठ बीजेडी नेता वीके पंडियन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शर्मा ने पंडियन पर पटनायक को एक क़ैद की स्थिति में रखने और उनकी हाथों की हरकतों तक को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पंडियन का अत्यधिक प्रभाव पटनायक की स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करता है।

हिमंत शर्मा का वीडियो और बयान

शर्मा ने 'एक्स' पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें पंडियन को एक रैली के दौरान कम्पकम्पाते नवीन पटनायक की सहायता करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो के साथ ही शर्मा ने ओडिशा के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की और टिप्पणी की कि पटनायक की स्वतंत्र गतिविधियों को सीमित करने के लिए पंडियन जिम्मेदार हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हुआ और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। शर्मा ने पटनायक से आग्रह किया कि वे जनता का सम्मान अर्जित करने के लिए अकेले प्रदर्शन करें।

विपक्ष का पलटवार

विपक्ष का पलटवार

हालांकि, वीके पंडियन ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उनके अनुसार, बीजेपी की गलतियां बीजेडी के लिए फायदेमंद साबित होंगी और पार्टी अपनी छठी बार सत्ता में वापसी करने में सक्षम होगी। पंडियन ने कहा कि पटनायक की मेहनत और समर्पण ही उन्हें जनता का समर्थन दिलाता है और इस तरह के आरोप सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं।

चुनाव की तैयारी

ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव चार चरणों में 13 मई से 1 जून तक आयोजित हो रहे हैं और मतगणना 4 जून को होगी। पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेडी ने 146 सीटों में से 112 सीटें जीतकर बड़ी सफलता हासिल की थी, जबकि बीजेपी को 23 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं।

ओडिशा में राजनीतिक स्थिति

ओडिशा में राजनीतिक स्थिति

ओडिशा की राजनीति के इन घटनाक्रमों ने राज्य की राजनीति को फिर से चर्चा में ला दिया है। नवीन पटनायक की सरकार ने लंबे समय से सत्ता पर काबिज रही है और उनके नेतृत्व में बीजेडी पार्टी ने अनेक राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया है। इन चुनावों में भी बीजेडी की स्थिति को मज़बूत बताते हुए पंडियन ने कहा कि जनता का समर्थन लगातार पार्टी के साथ है।

विधानसभा चुनावों के इस मौसम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस ओर अपना समर्थन देती है। नवीन पटनायक और उनकी पार्टी ने ओडिशा में विभिन्न विकास परियोजनाओं और सामाजिक योजनाओं के जरिए जनता का विश्वास जीतने का प्रयास किया है। वहीं, विपक्षी पार्टियां भी विभिन्न मुद्दों को उठाकर अपना राजनीतिक दाँव खेल रही हैं।

भविष्य की राजनीति

आगामी चुनाव न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। राज्य की जनता का फैसला राजनीतिक दलों के लिए नई दिशा तय करेगा और इससे आगामी राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

20 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Yogesh Dhakne

    मई 31, 2024 AT 09:31
    ये सब राजनीति का नाटक है भाई। वीडियो देखकर लगा जैसे कोई बुजुर्ग को चलने में मदद कर रहा हो। कोई बड़ा मामला नहीं है। 😌
  • Image placeholder

    Saachi Sharma

    जून 2, 2024 AT 00:57
    असली सवाल ये है कि कौन आज़ाद है - पटनायक या उनके चाचा?
  • Image placeholder

    Rosy Forte

    जून 2, 2024 AT 14:32
    यहाँ एक सांस्कृतिक अधिकार का विवाद है - नेतृत्व की स्वतंत्रता और उसके संरक्षकों के बीच का सामाजिक संबंध। शर्मा का बयान एक नव-उदारवादी विश्लेषण है जो राजनीतिक अभिव्यक्ति के एक नए आयाम को उजागर करता है। यह दर्शाता है कि शक्ति का अभिव्यक्ति अब शारीरिक अनुकूलन तक सीमित है।
  • Image placeholder

    Nupur Anand

    जून 4, 2024 AT 12:18
    ओहो! ये तो बीजेपी का एक और चाल है - एक बुजुर्ग नेता के खिलाफ भावनात्मक युद्ध चलाना। ये तो चुनावी बेवकूफी का बेसिक स्तर है। आप लोग अभी भी वीडियो को गंभीरता से ले रहे हैं? ये तो एक टेलीविजन ड्रामा है जिसमें सभी अभिनेता अपनी भूमिका जानते हैं। असली राजनीति तो अलग है - जहाँ लोगों के पेट भरे होते हैं और उनके दिमाग नहीं।
  • Image placeholder

    Hannah John

    जून 5, 2024 AT 00:01
    क्या आपने कभी सोचा कि शर्मा खुद किसी के नियंत्रण में है? ये सब बीजेपी के ऊपरी नेतृत्व का निर्देश है। पंडियन तो बस एक बलिदान है। वीडियो फर्जी है - इसे एआई ने बनाया है। मैंने इसकी फ्रेम रेट चेक की है। वो एक निश्चित फ्रेम में पटनायक के चेहरे पर शर्मा की छाया दिख रही है। ये राष्ट्रीय षड्यंत्र है।
  • Image placeholder

    Vijayan Jacob

    जून 6, 2024 AT 23:28
    ओडिशा में एक बुजुर्ग नेता को उठाने की आदत है। ये न सिर्फ सम्मान का संकेत है, बल्कि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का भी हिस्सा है। शर्मा का ये आरोप असम के उत्तरी संस्कृति का एक अज्ञात अंश है - जहाँ शारीरिक सहायता को दुर्भावना के रूप में लिया जाता है। ये बहुत दुखद है।
  • Image placeholder

    dhananjay pagere

    जून 7, 2024 AT 12:35
    बीजेपी की रणनीति बिल्कुल साफ है - जब तक तुम बीजेडी के नेता के बारे में बात नहीं कर रहे, तब तक तुम अपने नेता के बारे में नहीं सोच रहे। ये ट्रेंडिंग टॉपिक बनाने का एक बहुत ही पुराना तरीका है। 🤫
  • Image placeholder

    Kaviya A

    जून 9, 2024 AT 11:33
    क्या ये सच में एक बड़ा मामला है या हम सब बस एक वीडियो के लिए उठ खड़े हो गए हैं? मैंने तो बस देखा कि एक बुजुर्ग को कोई सहारा दे रहा है... अब ये सब राजनीति क्यों बन गया?
  • Image placeholder

    Nilisha Shah

    जून 9, 2024 AT 14:29
    मैंने ओडिशा के लोगों के साथ बात की है। उनका कहना है कि वीके पंडियन ने सदियों से बीजेडी को बचाया है। नवीन पटनायक की विजय उनकी नींव पर बनी है। शर्मा के बयान से ज्यादा खतरा ये है कि लोग वास्तविकता को भूल जाएँ। ये एक राजनीतिक युद्ध नहीं, एक याददाश्त का युद्ध है।
  • Image placeholder

    Vivek Pujari

    जून 10, 2024 AT 09:16
    शर्मा के बयान में एक निर्मम तर्क है - नेतृत्व की स्वतंत्रता नहीं, नेतृत्व की विधिवत व्याख्या है। पंडियन की भूमिका एक आध्यात्मिक गुरु की तरह है - जो शक्ति को नियंत्रित करता है। ये एक विधान का उल्लंघन है। 🙏
  • Image placeholder

    shubham pawar

    जून 10, 2024 AT 12:13
    मैं तो सोच रहा था कि ये वीडियो फेक है या नहीं... लेकिन फिर मैंने देखा कि वो बुजुर्ग के हाथ में एक छोटा सा टिकट था - शायद चुनावी टिकट? क्या ये एक बड़ा राज छिपा हुआ है? क्या वो टिकट बीजेपी का है? क्या पंडियन बीजेपी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं? 😳
  • Image placeholder

    mohd Fidz09

    जून 11, 2024 AT 15:24
    ये सब भारत के खिलाफ षड्यंत्र है! ओडिशा को तोड़ने की कोशिश हो रही है! शर्मा को राष्ट्रीय नेता बनाना चाहिए - वो असली भारत का प्रतिनिधित्व करता है! पंडियन और पटनायक विदेशी हैं! उनके नाम देखो - वो ब्रिटिश नाम हैं! ये सब गुप्त जासूसी है! 🇮🇳🔥
  • Image placeholder

    Nitin Srivastava

    जून 12, 2024 AT 11:16
    यहाँ एक अधिकारिक विश्लेषण की आवश्यकता है। शर्मा के बयान का भाषाई संरचना एक नवीन राजनीतिक वाक्यांश का उदाहरण है - जिसमें 'स्वतंत्रता' का प्रयोग एक विरोधी शक्ति के खिलाफ एक अनुकूलित शब्दावली के रूप में किया गया है। यह एक भाषाई आक्रमण है जो अनुशासन के नियमों को नष्ट करता है।
  • Image placeholder

    Supreet Grover

    जून 13, 2024 AT 23:21
    इस विवाद में राजनीतिक गतिशीलता के बारे में बहुत कुछ छिपा हुआ है। शर्मा के बयान ने एक नए राजनीतिक फ्रेमवर्क की शुरुआत की है - जहाँ नेतृत्व की शक्ति को व्यक्तिगत अनुकूलन के आधार पर नहीं, बल्कि सामाजिक अनुशासन के आधार पर मापा जाता है। ये एक नए युग का संकेत है।
  • Image placeholder

    kuldeep pandey

    जून 14, 2024 AT 14:32
    हिमंत शर्मा ने जो कहा, वो बिल्कुल सच है... लेकिन आप लोग ये भूल गए कि वीके पंडियन के पास एक बेटी है जो एक अंग्रेजी विश्वविद्यालय में पढ़ रही है। क्या आपको लगता है वो उसे अपने लिए नहीं बचा रहे? क्या आपको लगता है वो अपने बच्चे के लिए नहीं लड़ रहे? ये सब बस नाटक है।
  • Image placeholder

    Suman Sourav Prasad

    जून 16, 2024 AT 05:39
    मैंने ये बात बहुत दिनों से कह रहा था - ओडिशा में बीजेडी का नेतृत्व एक व्यक्ति के हाथों में है, और वो व्यक्ति नवीन पटनायक नहीं, वीके पंडियन हैं। ये तो राजनीति का एक ऐसा अंधेरा राज है जिसे कोई बाहर नहीं ले आया। शर्मा ने बस एक आँख खोल दी।
  • Image placeholder

    bharat varu

    जून 17, 2024 AT 21:34
    अरे भाई, ये सब बहुत बड़ी बात नहीं है। जब तक आपका घर खुला है, आपके बच्चे पढ़ रहे हैं, और बिजली चल रही है - तो ये सब बस टीवी की बातें हैं। चुनाव तो जनता के लिए होता है, न कि वीडियो के लिए। आप लोग बस देख रहे हैं, लेकिन जी नहीं रहे।
  • Image placeholder

    Saurabh Jain

    जून 18, 2024 AT 23:12
    मैं ओडिशा का आदमी हूँ। मैं वीके पंडियन को अपने बाबू की तरह पढ़ता हूँ। वो एक बुजुर्ग हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी इस राज्य के लिए दे दी। शर्मा को अपने राज्य की बात करने दो। ओडिशा की राजनीति हमारी है।
  • Image placeholder

    Ajay baindara

    जून 19, 2024 AT 06:25
    तुम सब बेवकूफ हो। शर्मा ने तो बस सच बोल दिया। पंडियन तो एक बुजुर्ग है जिसे अपनी ताकत नहीं छोड़नी चाहिए। नवीन पटनायक तो बस एक आदमी है जो बाहर दिखने के लिए बनाया गया है। असली नेता वो है जो पीछे बैठा है। और तुम सब उसे नहीं देख पा रहे।
  • Image placeholder

    Vijayan Jacob

    जून 21, 2024 AT 04:41
    अब शर्मा के बयान का जवाब देने का वक्त आ गया है। ये एक ऐसा नाटक है जिसमें दोनों ओर के नेता अपनी भूमिका जानते हैं। लेकिन ये भूमिका जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने अंदर के डर के लिए है।

एक टिप्पणी लिखें