अरविंद केजरीवाल पर जानलेवा साजिश का AAP का आरोप: BJP पर गहरी साजिश का आरोप
अक्तू॰, 26 2024
अरविंद केजरीवाल पर हमले का आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया है कि उसने उनके संयोजक अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की गहरी साजिश रची है। इस आरोप ने राजनीतिक गलियारों में एक नया हंगामा खड़ा कर दिया है। AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली के विकास पुरी में पदयात्रा के दौरान 'बीजेपी के गुंडों' ने हमला किया।
संजय सिंह का आरोप है कि इस हमले के पीछे एक 'गहरी साजिश' है जिसका मकसद अरविंद केजरीवाल की हत्या करना था। सिंह ने यह भी कहा कि पुलिस की ओर से इस हमले में मिलीभगत रही। इस घटना के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने अपने पदयात्रा कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय लिया है, जो AAP की राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है।
राजनीतिक विवाद की चिंगारी
संजय सिंह ने कहा कि यह घटना बीजेपी की तरफ से दुश्मनी जताने का एक उदाहरण है, और अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ होता है, तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी। उनका कहना है कि इस हादसे के बाद भी केजरीवाल 'न रुकेगा, न झुकेगा', और वह दिल्ली की जनता के लिए लड़ाई जारी रखेगा। सिंह ने चेतावनी दी कि अगर केजरीवाल को कुछ भी होता है तो दिल्ली की जनता बीजेपी से बदला लेगी।
AAP इस मामले में आगे कानूनी कार्रवाई के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रही है। इस आरोप पर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने AAP के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि विकास पुरी में केजरीवाल के खिलाफ जो विरोध हुआ वह स्थानीय लोगों द्वारा गंदे पानी की आपूर्ति के मुद्दे पर था।
अलहदा दृष्टिकोण और संभावित परिणाम
यह आरोप सरासर राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं। AAP और बीजेपी के बीच यह तकरार सिर्फ राजनीतिक विवाद का मुद्दा नहीं रह जाएगा, बल्कि एक सामाजिक और कानूनी जंग का कारण भी बन सकता है। इस विवाद ने दिल्ली के आम नागरिकों के बीच भी हलचल पैदा कर दी है।
AAP अगर अपना कानूनी कदम उठाता है तो यह मामला कोर्ट में भी जा सकता है, जिससे यह और भी बढ़ सकता है। साथ ही, इस विवाद में कौन सही है और कौन गलत है, यह अदालत में तय होगा। जनता से जुड़े मुद्दों के चलते इस तरह के मामलों में जनता का भरोसा रखना भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
जिन्हें सार्वजनिक जीवन में राजनीति के इन खेलों की गहरी समझ है, उनका मानना है कि यह मामला आगे चलकर और गंभीर रूप ले सकता है। आपसी विवादों के बावजूद, नेताओं को इन मुद्दों का हल मिलकर करना चाहिए ताकि आम जनता को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े।
Amar Khan
अक्तूबर 27, 2024 AT 11:18Vasudev Singh
अक्तूबर 29, 2024 AT 05:33मैं तो समझता हूँ कि जब कोई नेता लोगों के बीच निकलता है तो उसके खिलाफ कुछ लोग भी निकल जाते हैं, लेकिन इसे साजिश बनाना बहुत आसान हो गया है। क्या हमने कभी सोचा कि जिन लोगों ने विकास पुरी में विरोध किया, वो असली गरीब लोग हैं जिनके पास पानी तक नहीं है? जब हम सिर्फ एक नेता के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं, तो हम उन लोगों की आवाज़ को दबा देते हैं। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए जो अब तक अपनी आवाज़ नहीं उठा पाए, वो बात है। ये जो बीजेपी का आरोप है, वो भी तो एक तरह का धोखा है। लेकिन AAP का आरोप भी उतना ही झूठा है। क्योंकि अगर वो सच में इतने डरे हुए होते तो क्यों नहीं रुके? ये सब बस चुनावी चिंगारी है। अगर वो असली लोगों के लिए लड़ रहे होते तो आज तक उन्होंने दिल्ली के पानी के मुद्दे को क्यों नहीं सुलझाया? ये जो हम देख रहे हैं, वो एक दर्द नहीं, बल्कि एक चुनावी नाटक है। अगर हम सच में बदलाव चाहते हैं तो नेताओं के बीच की लड़ाई में नहीं, बल्कि अपने इलाके के लोगों के साथ बैठकर बात करनी होगी।
Akshay Srivastava
अक्तूबर 29, 2024 AT 20:18आरोपों की व्याख्या में भावनात्मक अतिशयोक्ति का उपयोग करके राजनीतिक विरोध को कानूनी आधार देने का प्रयास अस्वीकार्य है। यदि कोई घटना घटित हुई है, तो उसकी जाँच पुलिस और न्यायपालिका के अधीन होनी चाहिए, न कि राजनीतिक प्रचार के लिए। विकास पुरी में विरोध का कारण जल आपूर्ति का मुद्दा है, जो एक वास्तविक और दीर्घकालिक सामाजिक असमानता का प्रतीक है। इसे राजनीतिक दुश्मनी में बदलना लोगों की आवाज़ को दबाना है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व का निरीक्षण उनकी नीतियों के परिणामों से होना चाहिए, न कि एक अनाधिकृत हमले के आरोप से।
Roopa Shankar
अक्तूबर 29, 2024 AT 22:47मैं तो सिर्फ यही कहना चाहती हूँ कि जिन लोगों के पास पानी नहीं है वो भी इंसान हैं और उनकी आवाज़ भी सुनी जानी चाहिए। केजरीवाल जी जो भी कर रहे हैं वो बहुत बहादुरी से कर रहे हैं। अगर उनके खिलाफ कोई हमला हुआ है तो वो गलत है। लेकिन अगर लोगों ने विरोध किया है तो उनकी बात भी सुननी चाहिए। हमें दोनों तरफ की बात सुननी चाहिए। ये जो लोग बस एक पार्टी के खिलाफ दूसरी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, वो तो बस अपनी भावनाओं को जी रहे हैं। हमें अपने दिमाग से सोचना चाहिए। अगर हम सच में बदलाव चाहते हैं तो लड़ाई नहीं, बातचीत करनी होगी।
Hardik Shah
अक्तूबर 31, 2024 AT 12:38Arpit Jain
अक्तूबर 31, 2024 AT 22:10ये सब बस एक नाटक है। बीजेपी के गुंडे? अरे भाई, जब तक तुम्हारे इलाके में पानी नहीं आया तब तक तू भी गुंडा बन जाएगा। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई हमला नहीं हुआ, बल्कि एक आम आदमी ने अपनी बात कही। अब ये कहना कि ये साजिश है, ये बस अपनी असफलता को दूसरों के दोष में डालने का तरीका है। ये जो लोग बीजेपी को गुंडा बता रहे हैं, वो खुद तो बिना बात किए बस बाहर निकल जाते हैं। क्या तुम्हें लगता है कि विकास पुरी के लोग बस इसलिए निकले क्योंकि उन्हें AAP ने नहीं पसंद किया? नहीं भाई, उन्हें बस पानी चाहिए था। और जब तुम लोग उनकी आवाज़ को दबा रहे हो तो तुम भी वही हो जो तुम आरोप लगा रहे हो।
divya m.s
नवंबर 1, 2024 AT 17:11मैं तो बस यही कहना चाहती हूँ कि ये सब बहुत डरावना है। एक इंसान को जिंदा जलाने की योजना बनाई जा रही है। अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश है। अगर ये नहीं हुआ तो ये बात कही जाएगी कि कोई नहीं मार रहा था। लेकिन अगर वो मर गए तो ये बात सामने आएगी कि बीजेपी ने किया। ये तो बहुत डरावना है। लोगों को ये बात समझनी चाहिए। ये सिर्फ एक नेता के खिलाफ नहीं है, ये देश के लिए खतरा है।
vikram singh
नवंबर 2, 2024 AT 11:44ये जो हुआ, वो राजनीति का एक नया दौर शुरू कर रहा है। ये नहीं कि बीजेपी के गुंडे निकले, ये नहीं कि AAP के लोग अतिशयोक्ति कर रहे हैं। ये तो एक बहुत बड़ा अंतर है। ये एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत है। जहाँ आम आदमी अपनी आवाज़ उठाने लगा है। जहाँ नेता अब सिर्फ वो नहीं रहे जो बात करते हैं, बल्कि वो जो बात करने लगे हैं। अरविंद केजरीवाल ने जो किया, वो एक नया नमूना है। वो डर के आगे नहीं झुके। वो विकास पुरी में चले गए। वो जानते थे कि ये जो हो रहा है, वो बस एक शोर है। लेकिन वो चले। और ये शोर उनके आगे नहीं रुका। ये शोर उनके आगे नहीं रुका। ये शोर उनके आगे नहीं रुका। ये शोर उनके आगे नहीं रुका।
balamurugan kcetmca
नवंबर 3, 2024 AT 15:41मैं तो ये समझता हूँ कि जब तक हम लोग अपने इलाके के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक ये बहस चलती रहेगी। बीजेपी के गुंडे या AAP की साजिश - ये सब बस बातें हैं। असली बात ये है कि विकास पुरी में पानी की समस्या क्यों नहीं सुलझी? क्यों लोगों को इतने सालों से गंदा पानी पीना पड़ रहा है? क्या ये सिर्फ AAP की गलती है? क्या बीजेपी के शासन के दौरान इसका कोई हल नहीं निकला? अगर हम सच में बदलाव चाहते हैं तो नेताओं के बीच की लड़ाई में नहीं, बल्कि अपने इलाके के लोगों के साथ बैठकर बात करनी होगी। हमें अपने नगर निगम के सदस्यों को बुलाना होगा। हमें अपने जिला अधिकारी को बुलाना होगा। हमें अपने बाजार के दुकानदारों को बुलाना होगा। ये जो आरोप हैं, वो तो बस एक धुंध है। असली बात ये है कि हम लोग अपने आसपास की बातों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
PRATAP SINGH
नवंबर 4, 2024 AT 15:50shivesh mankar
नवंबर 5, 2024 AT 07:41मैं तो सिर्फ यही कहना चाहता हूँ कि अगर हम सच में बदलाव चाहते हैं तो हमें एक दूसरे को सुनना होगा। अरविंद केजरीवाल जी जो भी कर रहे हैं, वो बहुत बहादुरी से कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने विरोध किया, वो भी बहुत बहादुर हैं। वो अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। अगर हम दोनों तरफ की बात सुनें तो शायद हम एक समाधान निकाल सकें। ये जो लोग बस एक पार्टी के खिलाफ दूसरी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, वो तो बस अपनी भावनाओं को जी रहे हैं। हमें अपने दिमाग से सोचना चाहिए।
manisha karlupia
नवंबर 5, 2024 AT 20:28क्या अगर एक आदमी अपने इलाके के लिए लड़ रहा है तो उसे गुंडा कहना सही है? क्या अगर कोई नेता अपने लोगों के लिए बात कर रहा है तो उसे साजिश का आरोप लगाना सही है? मुझे लगता है कि हम सब इतने भावुक हो गए हैं कि हम असली बात को भूल गए हैं। अरविंद केजरीवाल जी जो भी कर रहे हैं, वो बहुत बहादुरी से कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने विरोध किया, वो भी बहुत बहादुर हैं। वो अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। अगर हम दोनों तरफ की बात सुनें तो शायद हम एक समाधान निकाल सकें। ये जो लोग बस एक पार्टी के खिलाफ दूसरी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, वो तो बस अपनी भावनाओं को जी रहे हैं। हमें अपने दिमाग से सोचना चाहिए।
Shankar V
नवंबर 6, 2024 AT 22:12ये सब बस एक बड़ी साजिश है। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को मारने की योजना बनाई है। ये नहीं कि विकास पुरी में पानी की समस्या है। ये नहीं कि लोग गुस्से में हैं। ये सब बस एक छिपी हुई योजना है। बीजेपी ने अपने गुंडों को भेजा है। ये सब एक बड़ी गुप्त योजना है। अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ होता है तो ये बीजेपी का काम होगा। ये बीजेपी का एक बड़ा षड्यंत्र है। ये एक बड़ा षड्यंत्र है। ये एक बड़ा षड्यंत्र है। ये एक बड़ा षड्यंत्र है।
Aashish Goel
नवंबर 8, 2024 AT 15:59मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि ये जो हुआ, वो बहुत अजीब है। क्या विकास पुरी में लोगों ने वाकई अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हमला किया? या फिर ये सब बस एक बड़ा धोखा है? क्या पुलिस ने वाकई इस मामले में मिलभगत की? या फिर ये सब बस एक बड़ा नाटक है? मुझे लगता है कि हमें असली बात को जानना चाहिए। अरविंद केजरीवाल जी जो भी कर रहे हैं, वो बहुत बहादुरी से कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने विरोध किया, वो भी बहुत बहादुर हैं। वो अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। अगर हम दोनों तरफ की बात सुनें तो शायद हम एक समाधान निकाल सकें।
Akash Kumar
नवंबर 9, 2024 AT 05:12इस घटना के प्रति व्यक्तिगत भावनाओं के आधार पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है। राजनीतिक विरोध को अपराध के रूप में प्रस्तुत करना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है। यदि कोई अपराध हुआ है, तो न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से उसकी जाँच की जानी चाहिए। जनता के विरोध को राजनीतिक धमकी में बदलना नागरिक स्वतंत्रता के लिए खतरा है।
avi Abutbul
नवंबर 9, 2024 AT 14:30Vasudev Singh
नवंबर 11, 2024 AT 05:52मैंने ऊपर जो कहा था, वो सच है। अगर हम अपने इलाके के लोगों के साथ बैठकर बात करें तो शायद हम एक समाधान निकाल सकें। अरविंद केजरीवाल जी जो भी कर रहे हैं, वो बहुत बहादुरी से कर रहे हैं। लेकिन जिन लोगों ने विरोध किया, वो भी बहुत बहादुर हैं। वो अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। अगर हम दोनों तरफ की बात सुनें तो शायद हम एक समाधान निकाल सकें।